राजस्थान हाईकोर्ट का स्थापना के 75वें वर्ष में प्रवेश आज, पूरे साल होगा कार्यक्रमों का आयोजन; अब तक के सफर में दिए कई ऐतिहासिक फैसले

जयपुर: राजस्थान हाई कोर्ट आज अपनी स्थापना के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है. आज ही के दिन 29 अगस्त 1949 को जोधपुर में राजस्थान हाईकोर्ट की स्थापना हुई थी. इस उपलक्ष्य में पूरे साल कार्यक्रमों का आयोजन होगा. 14 अक्टूबर को CJI डीवाई चंद्रचूड़ कार्यक्रमों का शुभारंभ करेंगे. वहीं 29 अगस्त 2024 को स्थापना के 75 साल पूरे होने पर जोधपुर में समापन होगा. 

चीफ जस्टिस एजी मसीह की मौजूदगी में हाईकोर्ट स्थापना के कार्यक्रमों की रूपरेखा पर चर्चा हुई है. आयोजनों की रूपरेखा तैयार करने के लिए 9 न्यायाधीशों की कमेटी बनाई गई है. जो शीघ्र ही सालभर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा को अंतिम रूप देगी. कमेटी में न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव, न्यायाधीश विजय विश्नोई, न्यायाधीश अरुण भंसाली, न्यायाधीश पंकज भंडारी, न्यायाधीश पुष्पेंद्र सिंह भाटी, न्यायाधीश दिनेश मेहता, न्यायाधीश वितीत कुमार माथुर, न्यायाधीश बीरेंद्र कुमार सहित न्यायाधीश अशोक कुमार गौड़ शामिल है. 

अब तक ऐसे कई फैसले दिए, जिन्होंने प्रदेश ही नहीं देश के इतिहास को नया रूप दिया:
वहीं राजस्थान हाईकोर्ट में अपने 74 साल के सफर में सामाजिक सरोकार निभाए जा रहे हैं. सती प्रथा, भ्रूण हत्या सहित कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न जैसी बुराइयों पर प्रहार किया. पंचायतीराज स्थापना और दो से अधिक संतान पर पंचायतीराज चुनाव लड़ने पर रोक सहित कई प्रगतिशील विषयों को लेकर हाईकोर्ट ने संरक्षण दिया. राजस्थान हाईकोर्ट ने अब तक ऐसे कई फैसले दिए, जिन्होंने प्रदेश ही नहीं देश के इतिहास को नया रूप दिया. 

 

अरब राजपरिवार के व्यक्ति को गोड़ावन का शिकार करने से रोक दिया था:
जस्टिस एससी अग्रवाल ने उनके राजस्थान हाईकोर्ट में रहते हुए भारत यात्रा पर आए अरब राजपरिवार के व्यक्ति को गोड़ावन का शिकार करने से रोक दिया था. CJI रहे जस्टिस जेएस वर्मा की कमेटी ने दिल्ली के निर्भया प्रकरण सहित CJI रहे जस्टिस आरएम लोढ़ा ने विवादों में रही BCCI की चुनाव व्यवस्था बदलने की ऐतिहासिक रिपोर्ट दी थी. CJI रहे दोनों जस्टिस की इन दोनों रिपोर्ट्स का देशभर में बड़ा असर हुआ था. 

हाईकोर्ट में सेवाएं दे चुके 25 न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचे:
राजस्थान हाईकोर्ट में रहे तीन न्यायाधीश अब तक देश के प्रधान न्यायाधीश के पद तक पहुंचे हैं. जस्टिस केएन वांचू अप्रैल 1967 से फरवरी 1968 और जस्टिस जेएस वर्मा-मार्च 1997 से जनवरी 1998, आरएम लोढ़ा अप्रैल 2014 से सितंबर 2014 तक देश के प्रधान न्यायाधीश रहे. राजस्थान हाईकोर्ट में सेवाएं दे चुके 25 न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचे. 

...फर्स्ट इंडिया न्यूज के लिए कमलाकांत व्यास की रिपोर्ट