VIDEO: कब पूरी होगी भर्ती ! पशु चिकित्सा अधिकारी भर्ती 2019 अटकी हुई, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: राजस्थान में पशु चिकित्सा अधिकारियों की एक भर्ती पिछले 3 साल से ज्यादा समय से पूरी नहीं हो पा रही है. पहले कोर्ट स्टे के चलते भर्ती को रोका गया और इसके बाद पिछले 6 माह से फैसला न्यायालय ने रिजर्व रखा हुआ है. राजस्थान में पशु चिकित्सा अधिकारियों यानी वेटरनरी डॉक्टर्स के करीब 70 फीसदी पद रिक्त पड़े हुए हैं. अंतिम बार वर्ष 2016 में स्थाई पदों पर भर्ती की गई थी. वर्ष 2017-18 के बजट में घोषित 900 पदों पर वेटरनरी डॉक्टर्स की भर्ती आरपीएससी ने 22 अक्टूबर 2019 को शुरू की थी. 

भर्ती का परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद स्थगन आदेश होने के बाद से भर्ती अटकी हुई है. राज्य सरकार ने भर्ती को क्लियर कराने के लिए प्रयास तो किए लेकिन ये अभी तक नाकाफी साबित हो रहे हैं. पिछले 6 महीने से ज्यादा समय से राजस्थान हाईकोर्ट ने भर्ती को लेकर फैसला सुरक्षित रखा हुआ है. यहां तक कि पशुपालन विभाग ने महाधिवक्ता के जरिए न्यायालय में फैसला सुनाने के लिए भी एप्लीकेशन नहीं लगाई है. रोचक यह है कि एक तरफ जहां वर्ष 2019 की यह भर्ती पूरी नहीं हो पा रही है, वहीं पिछली पांच बजट घोषणाओं में पशु चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती की कोई नई घोषणा भी नहीं की गई है.

आखिर कैसे बदल गए रिक्त पद ?:
- पशु चिकित्सा अधिकारियों के रिक्त पदों को लेकर भी विभाग का असमंजस
- अगस्त 2022 में जब सीएम गहलोत कर रहे थे वीसी के जरिए समीक्षा
- तब पशु चिकित्सा अधिकारी के 2243 कुल पदों में से 1352 पद बताए थे रिक्त
- जबकि विधानसभा में जब विधायक बिहारी लाल बिश्नोई ने पूछा सवाल
- तब विभाग ने कहा, कुल 2307 में से 991 पद हैं रिक्त
- अगस्त 2022 से मार्च 2023 के बीच यह भर्ती नहीं हो सकी है क्लीयर
- तो ऐसे में रिक्त पदों की संख्या में आखिर कैसे आई कमी
- पिछले 7 माह में 361 पदों की कैसे हुई कमी ?
- अक्टूबर 2019 की भर्ती का 26 नवंबर 2020 को आ गया था परिणाम
- लेकिन 8 दिसंबर 2020 को कोर्ट के स्टे के बाद से भर्ती प्रक्रिया अटकी हुई
- 28 सितंबर 2022 से हाईकोर्ट ने फैसला रखा हुआ है सुरक्षित

एक तरफ जब राज्य सरकार एक-एक कर नए वेटरनरी कॉलेज खोल रही है और वेटरनरी कोर्स करने वाले पशु चिकित्सकों की संख्या बढ़ती जा रही है, लेकिन उन्हें रोजगार नहीं मिलने से परेशानी खड़ी हो गई है. राज्य में वर्तमान में 3 वेटरनरी कॉलेज सरकारी और 8 वेटरनरी कॉलेज प्राइवेट सेक्टर में संचालित हैं. इन कॉलेजों से हर साल पास आउट हो रहे हजारों वेटरनरी डॉक्टर्स के सामने रोजगार की कोई उम्मीद नहीं है. पिछले 5 वर्ष में राज्य सरकार ने 9 नए वेटरनरी कॉलेज खोलने की बात कही है, ऐसे में इन घोषणाओं के पूरा होने पर नए पशु चिकित्सा पास आउट होंगे और उनके सामने रोजगार की समस्या और बढ़ जाएगी.