12वां क्षेत्रीय 3आर और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम जयपुर में शुरू, केन्द्रीय मंत्री मनोहरलाल खट्टर ने किया उदघाटन, देखिए खास रिपोर्ट

जयपुरः एशिया और प्रशांत क्षेत्र में 12 वें क्षेत्रीय 3आर और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम का जयपुर में केन्द्रीय शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के साथ उदघाटन किया. राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित इस फोरम में देश-विदेश के करीब 1000 प्रतिभागी आज से तीन दिन तक सर्कुलर इकोनॉमी और उसके सिद्धांत तीन आर पर मंथन करेंगे. 

फोरम के बारहवें संस्करण के उद्घाटन सत्र में सोलोमन द्वीप के मंत्री  ट्रेवर हेडली मानेमहागा, तुवालु के मंत्री  मैना वकाफुआ तालिया, मालदीव के जलवायु परिवर्तन उप मंत्री अहमद निजाम इस सत्र में शामिल हुए. जापान सरकार के पर्यावरण मंत्री असाओ केइचिरो वर्चुअल संदेश के माध्यम से इस सत्र में शामिल हुए. उत्तराखंड सरकार के शहरी विकास मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल, हरियाणा सरकार के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल और प्रदेश के  नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा, मध्य प्रदेश सरकार के शहरी विकास और आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी इस अवसर पर उपस्थित थे.

सर्कुलर इकोनॉमी सिद्धांतों की भूमिकाः
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का फोरम के प्रतिनिधियों के साथ एक विशेष लिखित संदेश साझा किया गया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस संदेश में कहा कि भारत पी-3 (प्रो प्लैनेट पीपुल) दृष्टिकोण का पालन करता है और इसकी पुरजोर वकालत करता है. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत हमेशा सर्कुलर इकोनॉमी की ओर अपनी यात्रा में अपने अनुभवों और सीखों को साझा करने के लिए तत्पर रहा है. अपने संदेश में उन्होंने सतत शहरी विकास और संसाधन दक्षता सुनिश्चित करने में 3आर और सर्कुलर इकोनॉमी सिद्धांतों की भूमिका पर प्रकाश डाला. इस मौके पर केन्द्रीय शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि जयपुर को इस आयोजन के लिए एक आदर्श स्थल बताया, क्योंकि यहाँ वर्षा जल संचयन और पुनर्चक्रित सामग्रियों से बने हस्तशिल्प जैसी स्थिरता की गहरी परंपराएँ हैं. उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को राज्य के विकास में स्थिरता को प्रमुख स्तंभ बनाने में उनके नेतृत्व के लिए धन्यवाद दिया. केन्द्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सर्कुलरिटी के लिए शहरों के गठबंधन (सी-3) की घोषणा की, जो शहर-दर-शहर सहयोग, ज्ञान-साझाकरण और निजी क्षेत्र की भागीदारी के लिए एक बहु-राष्ट्रीय गठबंधन होगा. उन्होंने प्रस्ताव दिया कि गठबंधन की संरचना और परिचालन रूपरेखा को अंतिम रूप देने के लिए इस मंच के बाद सदस्य देशों का एक कार्य समूह बनाया जाए. इससे राष्ट्रों के बीच शहर-शहर भागीदारी में एक बड़ा बदलाव होने की उम्मीद है.

औद्योगीकरण के कारण कचरे में वृद्धिः
केन्द्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि सर्कुलर इकोनॉमी सिर्फ़ एक पर्यावरणीय ज़िम्मेदारी नहीं है बल्कि एक आर्थिक ज़रूरत है. उन्होंने बताया कि भारत ने हमेशा से ही संधारणीय जीवन शैली का अभ्यास किया है, लेकिन औद्योगीकरण के कारण कचरे में वृद्धि हुई है और संसाधन की अक्षमता बढ़ी है. उन्होंने कहा, "अब समय आ गया है कि इन पारंपरिक संधारणीय प्रथाओं को आधुनिक बनाया जाए और उन्हें तकनीकी प्रगति के साथ एकीकृत किया जाए.

पृथ्वी ग्रह के लिए चुनौतियांः
फोरम के उदघाटन सत्र से पहले केन्द्रीय शहरी मामलात मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ इसी फोरम के तहत स्थापित किए गए थ्री आर इंडियन पैवेलियन का उदघाटन किया. इस पैवेलियन में अंतर्राष्ट्रीय 3आर व्यापार और प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी है, जिसमें 40 से अधिक भारतीय और जापानी व्यवसायों और स्टार्ट-अप्स के अभिनव अपशिष्ट प्रबंधन और सर्कुलर अर्थव्यवस्था समाधान प्रदर्शित किए गए हैं. उदघाटन सत्र में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि सर्कुलर इकोनॉमी आज की ही नहीं बल्कि हमारे भविष्य की भी जरूरत है. उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता का ह्रास और प्रदूषण जैसे मुद्दे पृथ्वी ग्रह के लिए चुनौतियां पैदा कर रहे हैं और इन चुनौतियों से निपटने के लिए सर्कुलर इकोनॉमी सबसे कारगर तरीका है. उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी प्रणाली है जिसमें अपशिष्ट का पुनः उपयोग और पुनर्चक्रण किया जाता है, जिससे ऊर्जा की खपत कम होती है और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा मिलता है.

राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान सरकार इस मिशन में अग्रणी भूमिका निभा रही है. पर्यावरण प्रबंधन प्रकोष्ठ (ईएमसी) की स्थापना की गई है ताकि अपशिष्ट प्रबंधन और पुनर्चक्रण को और अधिक प्रभावी ढंग से किया जा सके. साथ ही ट्रीटेड वाटर के उपयोग के लिए नई नीति भी बनाई जा रही है.  मुख्यमंत्री सद्भावना केंद्रों के जरिए नागरिकों को अनुपयोगी वस्तुओं के दान और पुनरुपयोग की सुविधा दी जा रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने राजस्थान में कचरा प्रसंस्करण की क्षमता को 21 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर इसके दोगुने से भी ज्‍यादा यानी करीब 45 लाख मीट्रिक टन करने का लक्ष्य रखा है. वेस्ट-टू-एनर्जी योजनाओं के तहत कंपोस्ट, आरडीएफ, और जैविक उर्वरक उत्पादन पर भी जोर दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में एमआरएफ प्लांट्स के जरिए प्लास्टिक और रिसाइकल योग्‍य सामग्री को अलग कर ई-वेस्‍ट, बैटरी वेस्ट और खतरनाक कचरे का निस्तारण किया जा रहा है.

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