VIDEO: ब्यूरोक्रेसी की कमी, IAS को एडिशनल चार्ज, 46 IAS अधिकारियों के पास अतिरिक्त चार्ज, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: राजस्थान में ब्यूरोक्रेसी की कमी का आलम यह है कि 46 IAS अधिकारियों के पास 69 विभागों/संस्थानों का अतिरिक्त चार्ज है. यहां तक कि कई अधिकारियों के पास तो तीन-तीन विभागों,संस्थानों या अहम पदों का अतिरिक्त चार्ज है जिनमें खुद मुख्य सचिव शामिल हैं. दिलचस्प यह भी है कि कुछ आईएएस अधिकारियों के मुख्य चार्ज से ज्यादा पावरफुल अतिरिक्त चार्ज का काम है. भजनलाल सरकार के नौ माह में आईएएस अधिकारियों के अतिरिक्त चार्ज का बोझ कम होने के बजाय बढ़ता जा रहा है. 

 IAS अधिकारियों के पास अतिरिक्त चार्ज:
-राजस्थान में सबसे सीनियर आईएएस शुभ्रा सिंह स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन में चेयरपर्सन हैं और उन्हें स्टेट बस टर्मिनल विकास प्राधिकरण का अतिरिक्त चार्ज दिया है.
-सीएस सुधांश पंत के पास तीन विभागों या संस्थानों के अहम पद का अतिरिक्त चार्ज है. वे अतिरिक्त चार्ज के रूप में RSMML चेयरमैन,चीफ रेजिडेंट कमिश्नर दिल्ली और राजफेड प्रशासक के पद का अतिरिक्त चार्ज दिया हुआ है.
-इसके बाद अभय कुमार का नाम आता है जिनके पास राजस्थान रिवर बेसिन एंड वाटर प्लानिंग अथॉरिटी आयुक्त, कृषि,कमांड एरिया डेवलपमेंट,जल उपयोोगिता विभाग के एसीएस पद का अतिरिक्त चार्ज है.
-साथ ही वे अतिरिक्त चार्ज के रूप में इंदिरा गांधी नहर परियोजना एसीएस का भी अहम जिम्मा संभाल रहे हैं.
-आलोक ऊर्जा के एसीएस हैं लेकिन साथ में प्रिंसिपल रेजीडेंट कमिश्नर,दिल्ली, विद्युत प्रसारण निगम चेयरमैन और राजस्थान ऊर्जा विकास एंड आईटी सर्विसेज के चेयरमैन पद का अतिरिक्त चार्ज देख रहे हैं.
-श्रेया गुहा ग्रामीण विकास की अतिरिक्त मुख्य सचिव हैं और डीजी एचसीएम रीपा का अतिरिक्त चार्ज देख रही हैं.
-आनंद कुमार गृह,होमगार्ड,जेल,स्टेट इनवेस्टिगेशन ब्यूरो के एसीएस, पदेन चीफ विजिलेंस कमिश्नर,आपदा प्रबंधन,सहायता और सिविल डिफेंस के एसीएस हैं और अतिरिक्त चार्ज के रूप में न्याय और सैनिक कल्याण के एसीएस पद की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.
-उद्योग प्रमुख सचिव अजिताभ शर्मा रीको और राजसीको चेयरमैन का अतिरिक्त चार्ज संभाले हुए हैं.
-प्रमुख सचिव राजेश यादव के पास जेसीटीएसएल चेयरमैन का अतिरिक्त चार्ज है. 
-प्रमुख सचिव यूडीएच वैभव गालरिया के पास हाउसिंग बोर्ड चेयरमैन और एमडी जयपुर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड का अतिरिक्त चार्ज है.

अतिरिक्त चार्ज को लेकर यह है दिलचस्प पहलू:
-कुछ अधिकारी ऐसे हैं जिनका अतिरिक्त चार्ज मुख्य चार्ज से ज्यादा पावरफुल है या उसके जितना ही पावरफुल है.
-वे अधिकारी जिनके पास अतिरिक्त चार्ज भी है मूल चार्ज जितना पावरफुल 
प्रतिभा सिंह जोधपुर संभागीय आयु्क्त हैं और पाली संभागीय आयुक्त पद का उनके पास अतिरिक्त चार्ज है.
-महेशचंद्र शर्मा अजमेर संभागीय आयुक्त हैं और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड प्रशासक पद का उनके पास अतिरिक्त चार्ज है.
-जयपुर कलेक्टर डॉ जितेन्द्र सोनी के पास जयपुर ग्रामीण और दूदू के कलेक्टर पद का अतिरिक्त चार्ज है.
-जोधपुर कलेक्टर गौरव अग्रवाल के पास जोधपुर ग्रामीण के कलेक्टर पद का अतिरिक्त चार्ज है.
-कोटा कलेक्टर रविन्द्र गोस्वामी के पास कोटा विकास प्राधिकरण आयुक्त पद का अतिरिक्त चार्ज है.
-टी.शुभमंगला जोधपुर दक्षिण म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन में आयुक्त हैं और उनके पास जोधपुर उत्तर म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन आयुक्त पद का अतिरिक्त चार्ज है.
-वे अधिकारी जिनका अतिरिक्त चार्ज है मूल विभाग से ज्यादा पावरफुल या अहम
विश्वमोहन शर्मा मिडडे मील आयुक्त हैं लेकिन उनके पास अतिरिक्त चार्ज के रूप में शिक्षा विशिष्ट सचिव,स्कूल शिक्षा विशिष्ट सचिव,पंचायती राज (प्रारंभिक शिक्षा) विशिष्ट सचिव पद का अतिरिक्त चार्ज है. 

ये पद उनके मिडडे मील आयुक्त पद से ज्यादा अहम:
-शाहीन अली खान का मूल पद स्टेट एड्स नियंत्रण सोसाइटी में प्रोजेक्ट निदेशक का है लेकिन उन्हें एनएचएम में अतिरिक्त मिशन निदेशक और आईईसी मेडिकल निदेशक पद का अतिरिक्त चार्ज दे रखा है जो उनके मूल पद से ज्यादा अहम है.
-प्रज्ञा केवलरमानी उदयपुर में टीएडी आयुक्त हैं लेकिन उन्हें बांसवाड़ा और उदयपुर के संभागीय आयुक्त पद का अतिरिक्त चार्ज देकर उन्हें मूल पद से ज्यादा पावरफुल किया गया है. यह साफ है कि ब्यूरोक्रेसी के लिए अतिरिक्त चार्ज का बोझ खासा बढ़ा है और कई बेहद अहम पद अतिरिक्त चार्ज के भरोसे हैं जिसमें सूची-दर-सूची जारी होने के बाद भी निजात नहीं मिल पा रही है.