VIDEO: राजस्थान में मोटर ड्राइविंग स्कूलों की मनमानी, रुपए लेकर गलत तरीके से सर्टिफिकेट बनाने की मिल रही शिकायतें, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: राजस्थान में संचालित मोटर ड्राइविंग स्कूलों में लापरवाही के बाद डिप्टी CM डॉ प्रेमचंद बैरवा ने सख़्ती दिखाई है. डिप्टी CM के निर्देशों के बाद परिवहन आयुक्त ने फ़ील्ड में निकल कर मोटर ड्राइविंग स्कूलों की जांच की, लेकिन प्रदेश में अभी भी बड़े स्तर पर मोटर ड्राइविंग स्कूलों में गड़बड़ियां जारी हैं.  परिवहन विभाग ने इस मंशा के साथ मोटर ड्राइविंग स्कूलों को मान्यता देने की शुरुआत की थी कि इन स्कूलों के माध्यम से लोगों को गाड़ी चलाने से पहले प्रशिक्षण और यातायात के नियमों की पूरी जानकारी मिले,लेकिन प्रदेश में संचालित अधिकतर मोटर ड्राइविंग स्कूल विभाग की मंशा के विपरीत काम कर रहे हैं. 

जयपुर सहित कई शहरों में रुपए लेकर ग़लत तरीक़े से सर्टिफ़िकेट बनाये जा रहे हैं. वहीं अयोग्य लोगों को भी धड़ल्ले से लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए जा रहे हैं. हाल ही में इस तरह की शिकायत डिप्टी CM प्रेमचंद बैरवा के पास भी पहुंची. इसके बाद डिप्टी CM ने ख़ुद परिवहन आयुक्त को मोटर ड्राइविंग स्कूल चेक करने के निर्देश दिए. परिवहन आयुक्त ने जयपुर में जब 2 ड्राइविंग स्कूलों  की जांच की तो दोनों ही जगह भारी गड़बड़ियों का खुलासा हुआ. यही हाल प्रदेश में अधिकतर ड्राइविंग स्कूलों का है. 

परिवहन विभाग से मान्यता मिलने के बाद अधिकतर ड्राइविंग स्कूल नियमों का मखौल उड़ा रहे हैं. कहीं ड्राइविंग स्कूल घर में संचालित हो रहा है तो कई जगह ड्राइविंग स्कूल के नाम पर अन्य गतिविधियाँ हो रहीं हैं. हैरानी की बात यह है कि भारी गड़बड़ियों के बाद भी मोटर ड्राइविंग स्कूल 5 वर्ष के बाद पुनः नवीनीकरण कराने में सफल हो जाते हैं. लोगों को प्रशिक्षण देने की जगह मोटर ड्राइविंग स्कूल विभाग से जुड़े सभी काम कराने की गारंटी ले रहे है और इसका विज्ञापन भी कर रहे हैं.

मोटर ड्राइविंग स्कूलों में भारी गड़बड़ियों के बाद उड़ीसा और उत्तर प्रदेश राज्यों में इन्हें बंद कर दिया गया है, लेकिन प्रदेश में अभी भी क़रीब 300 मोटर ड्राइविंग स्कूल संचालित हो रहे हैं. परिवहन विभाग के नियमों के मुताबिक हर RTO को अपने रीजन के मोटर ड्राइविंग स्कूल को एक वर्ष में 1 बार और DTO को एक वर्ष में 2 बार चेक करना होता है,लेकिन फर्स्ट इंडिया के पास पिछले साल 2023 के चौंकाने वाले आँकड़े हैं, जिनमें कई RTO DTO तो ऐसे हैं जिन्होंने साल में एक बार भी मोटर ड्राइविंग स्कूल को चेक नहीं किया.यहीं कारण है कि मोटर ड्राइविंग स्कूल संचालकों के गड़बड़ी करने के हौसले बुलंद हैं.

जानिए गत वर्ष किस RTO ने कितने मोटर ड्राइविंग स्कूल किए चेक:
-अजमेर रीजन में कुल 48 मोटर ड्राइविंग स्कूल हैं RTO ने सिर्फ़ 2 चेक किए
-भरतपुर रीजन में 17 मोटर ड्राइविंग स्कूल है RTO ने एक भी चेक नहीं किया
-बीकानेर रीजन में 45 मोटर ड्राइविंग स्कूल है RTO ने सिर्फ़ 6 चेक किए
-जयपुर फर्स्ट रीजन में 45 मोटर ड्राइविंग स्कूल है RTO ने सिर्फ़ 1 चेक किया
-जयपुर सैकंड रीजन में 19 मोटर ड्राइविंग स्कूल है RTO ने एक भी चेक नहीं किया 
-सीकर रीजन में 68 मोटर ड्राइविंग स्कूल RTO ने सिर्फ़ 15 चेक किए
-जोधपुर रीजन में 18 मोटर ड्राइविंग स्कूल RTO किसी भी स्कूल में जाँच के लिए नहीं गये
-पाली रीजन में 2 मोटर ड्राइविंग स्कूल RTO ने एक को भी चेक नहीं किया
-कोटा रीजन में 9 मोटर ड्राइविंग स्कूल RTO ने एक में भी जाँच नहीं की
-उदयपुर में 18 मोटर ड्राइविंग स्कूल RTO ने एक भी स्कूल चेक नहीं किया 
-चित्तौड़गढ़ में 11 मोटर ड्राइविंग स्कूल यहां के RTO भी किसी सेंटर में जाँच करने नहीं गए.

परिवहन विभाग में सिर्फ़ फ़िटनेस सेंटर ही नहीं मोटर ड्राइविंग स्कूलों का मकड़जाल भी बहुत बड़ा है. शिकायतों के बाद डिप्टी CM ने इस पर संज्ञान भी लिया है, लेकिन जब तक परिवहन विभाग के अधिकारियों की कार्रवाई की इच्छा शक्ति नहीं होगी तब तक मोटर ड्राइविंग स्कूलों का तिलिस्म टूटना संभव नहीं है.