VIDEO: विधानसभा उपचुनाव की जंग, युवाओं के हाथों में उपचुनाव की चाबी, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: सात विधानसभा सीटों की जंग में इस बार युवा मतदाताओं का पूरी तरह से दबदबा और बड़ा रोल रहेगा. क्योंकि सभी सीटों के टोटल 19 लाख 36 हजार 533 वोटों में आधे से ज्यादा मतदाता 40 साल से कम आय़ु के है. वहीं पहली बार वोट देने वालों की युवाओं की तादाद 80 हजार वोट है. यानि युवाओं के हाथों में उपचुनाव की चाबी है. 

राजस्थान में सात विधानसभा सीटों के लिए घमासान जारी है. प्रचार और बयानबाजी का दौर परवान पर है. हर सियासी दल इस चुनावी जंग को जीतने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा. लेकिन जीत उसी के खाते में जाएगी जो युवाओं का समर्थन और वोट हासिल करेगा. क्योंकि इस बार उपचुनाव में युवा मतदाता ही तय करेंगे किस की जीत औऱ किस की किस्मत में हार होगी. क्योंकि सभी सातों विधानसभा सीटों के टोटल वोट में युवाओं के वोटों की संख्या आधे से ज्यादा है.

सीट                टोटल वोट        40 साल से कम आयु के वोट         फर्स्ट टाइम वोट
खींवसर            2,86,041             1,50,977                            11 हजार 847
सलूंबर             2,97,645              1,48,800                            11 हजार 562
दौसा                2,46,012               1,27,000                           11 हजार 023
देवली-उनियारा  3,02,721               2,01,412                           13 हजार 875
रामगढ़               2,74,180              1,40,000                           9 हजार 761
चौरासी               2,55,401                1,31,263                         11 हजार 850
झुंझुनूं                 2,74,533                 1,38,083                        10 हजार 105

तो आपने वोटर्स के आंकड़े के यह आंकड़े देख लिए होंगे. ऐसे में यह तय है प्रत्याशियों औऱ पार्टियों के भाग्य का फैसला 40 साल से कम आय़ु के मतदाता ही तय करेंगे. सातों सीटों पर सबसे ज्यादा युवा मतदाता देवली-उनियारा सीट पर है. पहली बार वोट डालने वाले यूथ की तादाद भी यहीं पर सबसे ज्यादा है. प्रत्याशियों की युवा वोटों की ताकत का पूरा एहसास है लिहाजा प्रचार के दौरान युवाओं से जुड़े वादे भी वो इसलिए जमकर कर रहे हैं.

अब युवा मतदाताओं का क्या मानस औऱ रुझान रहेगा यह तो नतीजों से ही साबित होगा. लेकिन यह है तय है उपचुनाव की चाबी पूरी तरह से युवा वोटर्स के हाथों में है. जाहिर सी बात है युवा अपने रोजगार, शिक्षा औऱ विकास कार्यों के आधार पर ही अपने वोटों के अधिकारों का इस्तेमाल करेगा.