असमः असम में हिमंता सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. असम में मुस्लिम विवाह एवं तलाक रजिस्ट्रेशन कानून रद्द कर दिया है. मुस्लिम विवाह एवं तलाक पंजीकरण अधिनियम व नियम 1935 रद्द किया गया है. जिसको लेकर कैबिनेट फैसले के बाद सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मानसून सत्र में असम विधानसभा में बिल पेश किया जाएगा.
इसके बाद मुस्लिम विवाह पंजीकरण के लिए समुचित कानून बनाया जाएगा. 1935 वाला कानून बाल विवाह की अनुमति देता है, इसलिए खत्म करना जरूरी है. नये कानून में महिला के विवाह की उम्र 18 और पुरुष की 21 वर्ष होगी. सरकार बाल विवाह को धर्म के आधार से नहीं देख रही है. क्योंकि 20 फीसदी बाल विवाह बहुसंख्यक समुदाय में भी हो रहे हैं.
सरमा ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि हमने मुस्लिम विवाह अधिनियम को निरस्त किया और मुस्लिम विवाह पंजीकरण के लिए एक नया कानून लागू करेंगे. बाल विवाह 80% अल्पसंख्यक समुदाय में होता है, और 20% अन्य समुदायों में. लेकिन हमारे लिए यह समस्या धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक है. जल्द ही राज्य में बाल विवाह को खत्म करने का प्रयास किया जाएगा.