जयपुर: राजस्थान में जल जीवन मिशन के नए कामों पर ब्रेक लग गया है. दरअसल मिशन की मियाद 31 मार्च 2024 को खत्म हो गई और अभी राजस्थान को जल जीवन मिशन के लिए केंद्र से एक्सटेंशन नहीं मिला है. समय नहीं बढ़ने से प्रदेश में करोड़ों के कार्य अटके हुए है. अब केंद्र की मंजूरी के बाद ही राज्य के जल जीवन मिशन में नए काम हो पाएंगे. यानी पिछले 3 महीने से जेजेएम के नए कार्यों पर ब्रेक लग गया है. हालांकि जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने भरोसा दिलाया है कि प्रदेश में जल जीवन मिशन की मियाद 2026 तक बढ जाएगी.
राजस्थान में जल जीवन मिशन पर ब्रेक:
-31 मार्च के बाद नए कार्यों का काम बंद
-जल जीवन मिशन में टेंडर तो हुए, लेकिन वर्कऑर्डर नहीं
-केंद्र सरकार से नहीं मिला अभी तक प्रदेश को एक्सटेंशन
-जलदाय मंत्री ने पहले किया था एक्सटेंशन मिलने का दावा
-लेकिन अभी तक केंद्र से कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं
-ऐसे में अफसरों ने नए वर्कऑर्डर देने कर दिए बंद
-राज्य में 45 हजार करोड के कार्य अटके हुए है
-सूत्रों के अनुसार करीब 8 हजार करोड के टेंडर तो विभाग ने कर लिए
-लेकिन एक्सटेंशन नहीं मिलने के कारण वर्क आर्डर नहीं दिए जा रहे
-जलदाय मंत्री कन्हैयालाल ने एक बार फिर दिलाया है भरोसा
-राजस्थान समेत दूसरे राज्यों को भी केंद्र से एक्सटेंशन मिलने का भरोसा दिलाया
-कहा - केंद्र ने हमें आश्वस्त कर दिया है कि 2026 तक मिशन की मियाद बढ गई है
-मियाद बढ़ने के ऑर्डर कुछ दिन में आ जाएंगे.इसके बाद वर्क ऑर्डर भी जारी होंगे
अब आइये एक नजर डालते हैं जल जीवन मिशन के अटके हुए प्रोजेक्ट्स पर. करीब 45 हजार करोड़ के 30 मेजर प्रोजेक्ट अटक गए हैं, तो दो हजार करोड़ के अन्य प्रोजेक्ट पर भी गति नहीं पकड़ पा रहे. कुल मिलाकर करीब 47 हजार करोड़ के 800 से ज्यादा प्रोजेक्ट पर ब्रेक लग गए है. यानि करीब 23 लाख कनेक्शन होने अभी भी बाकी है.
जल जीवन मिशन के प्रोजेक्ट:
प्रोजेक्ट | स्कीम | लागत | FHTC |
मेजर प्रोजेक्ट | 30 | 45,000 करोड़ | 19 लाख |
अन्य प्रोजेक्ट | 800 | 2000 करोड़ | 4 लाख |
कुल प्रोजेक्ट | 830 | 47,000 करोड़ | 23 लाख |
जल जीवन मिशन की मियाद 31 मार्च 2024 को खत्म हो गई है. इस मिशन के जरिए राजस्थान में 1 करोड 7 लाख 8 हजार 41 नल कनेक्शन करने थे.लेकिन राजस्थान इस लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाया. अभी राजस्थान आधा सफर ही तय कर पाया है. इस मिशन में राजस्थान फिसड्डी है और रैंकिंग में पश्चिम बंगाल के बाद राजस्थान सबसे अंतिम नंबर पर है. अगर मिशन को आगे नहीं बढाया गया, तो प्रदेश में बड़ा संकट हो जाएगा, ऐसे में उम्मीद यही है कि राज्य सरकार जल्दी से केंद्र से मियाद बढाने की अनुमति लाए, ताकि अधूरा कार्य पूरा हो और प्रदेश की जनता को नल से जल मिल सके.