VIDEO: सिंधी कैंप बस स्टैंड का मुख्य सचिव सुधांश पंत ने किया निरीक्षण, गंदगी और बदइंतजामी पर दिखे खासे नाराज, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: मुख्य सचिव सुधांश पंत ने शनिवार को सिंधी कैंप बस स्टैंड का निरीक्षण किया.  मुख्य सचिव के दौरे में भी सिंधी कैंप बस स्टैंड की व्यवस्थाओं की पोल खुल गई. सिन्धी कैंप बस स्टैंड प्रदेश का सबसे बड़ा बस स्टैंड है. यहां हर रोज हज़ारों की संख्या में यात्रियों का आवागमन होता है. इसके बावजूद यह बस स्टैंड अव्यवस्थाओं का शिकार है. आज मुख्य सचिव सुधांश पंत के दौरे में भी बस स्टैंड पर कमियां ही कमियां नज़र आईं. 

मुख्य सचिव ने सबसे पहले बस स्टैंड के वॉशरूम का जायज़ा लिया. यहां गंदगी का आलम देख कर मुख्य सचिव खासे नाराज़ हुए. मुख्य सचिव ने रोडवेज के अधिकारियों से सफ़ाई व्यवस्था के बारे में कई सवाल किए और कड़ी नाराज़गी जताई. मुख्य सचिव ने बस स्टैंड के कई इलाक़ों में जा कर व्यवस्थाओं को देखा, लेकिन हर जगह मिली बदइंतज़ामी से मुख्य सचिव बेहद नाराज़ नज़र आए. बस स्टैंड पर पब्लिक सुविधाओं में मिली ख़ामियों को लेकर मुख्य सचिव ने मौक़े पर मौजूद अधिकारियों की क्लास लगाई और जल्द से जल्द व्यवस्थाओं को सुधारने के निर्देश दिए.

गत 2 अप्रैल को ही रोडवेज CMD श्रेया गुहा ने सिंधी कैंप का दौरा किया था लेकिन CMD के निर्देशों को ही सिंधी कैंप के अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया. यह पहला मौक़ा नहीं है जब इस बस स्टैंड पर ख़ामियां मिली हों, इससे पहले डिप्टी CM प्रेमचंद बैरवा के दौरे के समय भी यहां बहुत सी कमियां मिली थी जिन्हें लेकर डिप्टी CM ने कड़ी नाराजगी जताई थी.  इसके बाद भी रोडवेज प्रबंधन बस स्टैंड की व्यवस्थाओं को सुधार नहीं पाया है.सिंधी कैंप बस स्टैंड पर अव्यवस्थाओं का सबसे बड़ा कारण है. यहां पदस्थापित अधिकारी और कर्मचारी जो लंबे समय से जमे हुए हैं. इतना ही नहीं बस स्टैंड से जुड़े सफ़ाई, पार्किंग , सुरक्षा के टेंडरों में भी यहां के स्टाफ की भागीदारी की शिकायतें सामने आती रहीं है. 

इसके बाद भी रोडवेज के उच्चाधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे है. सिंधी कैंप बस स्टैंड पर गार्डों की नियुक्ति में भी लंबे समय से गड़बड़ी की जा रही है. पूरे बस स्टैंड पर एक या 2 गार्ड मौजूद रहते हैं लेकिन पेमेंट अधिक गार्डों का उठाया जा रहा है. सबसे बुरी हालत यहां सफाई की है जिसे लेकर आज मुख्य सचिव भी बहुत नाराज़ हुए. सिंधी कैंप बस स्टैंड पर व्यवस्थाओं में सुधार नहीं होने का सबसे बड़ा कारण है. रोडवेज के अधिकारियों में इच्छा शक्ति की कमी होना. जब तक रोडवेज के बड़े अधिकारी कड़ा एक्शन नहीं लेंगे तब तक यहां सुधार होना मुश्किल नज़र आता है.