जयपुर: राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही जारी है. सदन में चिकित्सा सेवाएं और चिकित्सा शिक्षा पर चर्चा हुई. चौमूं विधायक डॉ.शिखा मील बराला ने पक्ष रखा. डॉ.शिखा मील बराला ने कहा कि चिरंजीवी में 25 लाख तक स्वास्थ्य पैकेज और 10 लाख दुर्घटना बीमा देने का काम किया. योजना का नाम बदलकर मां योजना कर दिया. सरकार ने इस योजना में पैकेज कितने का रहेगा और दुर्घटना बीमा कितने का रहेगा इसको लेकर स्पष्ट नहीं किया. योजना में गर्भवती महिलाओं के लिए प्रसव सुविधा नहीं जोड़ी गई.
इसे भी योजना में जोड़ा जाए. शिफू के जरिए पिछली सरकार ने भर्ती निकाली थी, लेकिन अब भाजपा सरकार नियुक्ति देकर वाहवाही ले रही. पिछली सरकार में 12 हजार संविदा कर्मियों को नियमित करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में थी. क्या उन युवाओं को नियमित किया जाएगा. डॉ.बराला ने चिकित्सा शिक्षा की खामियों को भी बारीकी से रखा. डॉ.बराला ने चिकित्सकों की भर्ती के नए नियमों को लेकर भी आपत्ति जताई. RUHS में चिकित्सा सुधार के लिए एक डॉक्टर नहीं पूरी यूनिट शुरू करना जरूरी है. CHC,PHC के लिए केंद्र सरकार द्वारा 2021-22 से पैसा वित्त विभाग में अटका हुआ.
राजस्थान विधानसभा में चिकित्सा विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा हुई. पहले वक्ता के तौर पर भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने विचार रखा. ग्रामीण इलाकों में चिकित्सा केन्द्रों पर खाली चल रहे पदों पर चिंता जताई. साथ ही सुझाव दिया कि शहरी क्षेत्र के चिकित्सकों के भत्ते बंद किए जाएं. गांवों में सेवाएं दे रहे चिकित्सकों को तनख्वाह के अलावा प्रोत्साहन राशि मिले. इसके साथ ही ग्रामीण इलाकों में सेवाएं दे रहे चिकित्सकों के लिए सुविधा हो. संभागीय स्तर के बड़े स्कूलों में चिकित्सकों के बच्चों को प्रवेश में प्राथमिकता मिले. भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने सदन में मांग रखी. RUHS का नाम बदलकर पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत के नाम पर करने की मांग रखी. कालीचरण सराफ स्वास्थ्य विभाग की अनुदान मांगों पर बोल रहे थे.