जयपुर: फर्स्ट इंडिया का एड-टेक एजुकेशन समिट का आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि डिप्टी सीएम डॉ.प्रेमचंद बैरवा ने कार्यक्रम में शिरकत की. इस मौके पर शिक्षा को लेकर कई आयामों पर चर्चा हुई. डिप्टी सीएम डॉ.प्रेमचंद बैरवा ने अपने संबोधन में कहा कि आपके अनुभव और आपके प्रयास बता रहे थे. बच्चे विदेश जा रहे हैं. क्या हमारे देश की शिक्षा और जगहों से कमजोर है. आप रिसर्च करने भेजिए पढ़ाई करने जाइए, लेकिन यहां रहकर काम कीजिए. ताकि देश में योगदान दे सके. मेरा आप लोगों से ये निवेदन है. शिक्षा में व्यक्ति का जज्बा होता है. बच्चे को दिशा तब समझ आएगी. जब वह शिक्षा ग्रहण करेगा. बच्चे जो आर्थिक रूप से कमजोर है. उनकी प्रतिभा संवारने का काम करना चाहिए.
बच्चों को बेहतर शिक्षा स्कूल में ही मिले:
फर्स्ट इंडिया के CEO एंड मैनेजिंग एडिटर पवन अरोड़ा ने कहा कि बच्चे साक्षर नहीं शिक्षित होंगे तब विकास होगा. 2047 को ध्यान में रखते हुए क्या नये कदम उठाने हैं? इसको लेकर कार्य करना चाहिये. फर्स्ट इंडिया के CEO एंड मैनेजिंग एडिटर पवन अरोड़ा ने कहा कि बच्चे को दुविधा में ना डालें. बच्चों को बेहतर शिक्षा स्कूल में ही मिले. बच्चे की परेशानी के हिसाब से उसे अपनी स्कूल कॉलेज में एक गाइड मिलना चाहिए. ताकि बच्चा अपनी समस्या का समाधान कर सके.
जब ये बच्चे अपना भविष्य चुनते हैं:
फर्स्ट इंडिया के CEO एंड मैनेजिंग एडिटर पवन अरोड़ा ने कहा कि पहले मुझे केंद्र बिंदु में ये बच्चे दिखाई देते हैं. जब ये बच्चे अपना भविष्य चुनते हैं. जब अपने शिक्षण संस्था का चुनाव करते हैं. वो माइल स्टोन हैं उनकी लाइफ में. बच्चों को ऐसा वातावरण मिलना चाहिए. जिससे बच्चे अपनी परिस्थितियों का चुनाव कर सकें. भावी कोर्सेज क्या होंगे ?
स्कूलों में ही बेहतर शिक्षा होनी चाहिए:
आगे क्या करेंगे ? इसे लेकर चुनाव कर सकें. आज बहुत विधाएं हैं. बच्चों को उनका आकलन कराना जरूरी है. पहले ही बच्चों के सामने विकट समस्या रहती. कोचिंग संस्थानों में जाने की. स्कूलों में ही बेहतर शिक्षा होनी चाहिए. जिसके लिए वो कोचिंग क्लासेज जाते हैं.फर्स्ट इंडिया का एड-टेक एजुकेशन समिट कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से हुई. कार्यक्रम में आए मेहमानों का स्वागत किया गया.