झालावाड़ में खुलेगा फ्लाइंग स्कूल, 4 करोड़ की लागत से 6 एकड़ की जमीन पर मिलेगी यह सुविधा

झालावाड़ में खुलेगा फ्लाइंग स्कूल, 4 करोड़ की लागत से 6 एकड़ की जमीन पर मिलेगी यह सुविधा

झालावाड़: झालावाड़ शहर के पास कोलाना हवाई पट्टी पर राज्य सरकार ने फ्लाइंग स्कूल शुरू करने की है. इससे जिले और प्रदेश के युवाओं को पायलेट बनने का मौका मिलेगा. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में जून माह में हुई केबिनेट की बैठक में यह निर्णय किया गया था.

झालावाड़ के कोलाना में बनी हवाई पट्टी पर दस एकड़ में फ्लाइंग स्कूल खोला जाएगा. इसकी प्रक्रिया पिछले कई दिनों से चल रही थी. जिला प्रशासन से पूर्व में इस बारे में प्रस्ताव मांगे गए थे. झालावाड़ जिले में कई दिनों से आसमान में मंडरा रहा एक छोटा हेलीकॉप्टर भी लोगों के लिए कौतूहल बना हुआ था जो इसी कार्य के लिए हवाई सर्वे कर रहा था.

यह मिलेगी सुविधा
झालावाड़ जिले में हाड़ौती का पहला फ्लाइंग स्कूल खोलने की कवायद शुरू कर दी गई है. इसके लिए चीफ फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर से लेकर इंजीनियर तक के सभी तकनीकी पदों पर भर्ती की जाएगी. ऐसे में कई युवाओं को रोजगार मिलेगा. पहले चरण में कोलाना हवाई पट्टी पर करीब 4 करोड़ रुपए की लागत से फ्लाइंग स्कूल बनाया जाएगा. इसके तहत 6 एकड़ जमीन पर क्लास रूम, हैंगर, पार्किंग वे एवं 4 एकड़ जमीन पर हॉस्टल व प्रशासनिक भवन आदि बनाए जाएंगे. यहां रहकर कई विद्यार्थी  पायलट का प्रशिक्षण ले सकेंगे. 

फ्लाइंग स्कूल खुलने के बाद यह कोलाना हवाई पट्टी नियमित रूप से काम में आएगी. भविष्य में यहां बड़े विमान भी उतर सकेंगे. झालावाड़ के कोलाना में उत्तर भारत में जालंधर व खुशीनगर के बाद तीसरी सबसे बड़ी हवाई पट्टी है. यहां 27 करोड़ की लागत से टेक्सी वे सहित अन्य कई काम किए जाने हैं . यहां तेज रफ्तार कार दौड़ा कर भी रन-वे को चेक किया जा चुका है. अब यहां बड़े विमान भी उतारे जा सकेंगे.

इतने कर्मचारी होंगे
सूत्रों ने बताया कि शुरुआत में फ्लाइंग स्कूल में अधिकारियों की आवश्यकता के अनुसार फ्लाइंग स्कूल में कम से कम दो इंस्ट्रक्टर ;पायलट, 3 इंजीनियर, 2 मैकेनिक और 1 ग्लाइडर पायलट, 6 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी व एक बाबू की आवश्यकता होगी. इनमें सभी तकनीकी कर्मचारियों की भर्ती होगी.