जयपुरः मुख्य सचिव और एआरडी के दलों के औचक निरीक्षण के सिलसिले के बीच भजनलाल सरकार जल्द ही एप के जरिये सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए बायोमीट्रिक अटेंडेंस लागू कर सकती है. एआरडी के इस प्रस्ताव पर आईटी विभाग की ओर से प्रगतिरत काम को पूरा करने और सीएम के अनुमोदन के बाद इसे सचिवालय और फिर अन्य कार्यालयों में लागू किया जा सकता है.
करीब एक दशक पूर्व आईटी के जरिये ई गवर्नेंस को बढ़ावा देने की मुहिम के तहत सचिवालय सहित अन्य विभागों में सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए बायोमीट्रिक अटेंडेंस शुरू की थी,लेकिन धीरे-धीरे इसमें शिथिलता आ गई. तो वहीं आईटी में अग्रणी रहने वाले कुछ विभागों में इसे सख्ती से लागू किया.
अब क्या की जा रही कोशिश ?
पूर्व में बायोमीट्रिक अटेंडेंस कियोस्कों के जरिये शुरू की गई थी.
फिर हाल ही में डिजिटल इंडिया के जोर पकड़ने के साथ एप भी विकसित किया गया जिसे कुछ विभागों ने लागू किया.
अब उसी एप को आईटी विभाग की ओर से और अधिक उन्नत बनाया जा रहा है.
इसमें कार्यस्थल के सौ मीटर के दायरे में अटेंडेंस का सिस्टम विकसित किया है.
इसमें हालाकि कार्यालय समय में लंच समय के अलावा अनावश्यक बाहर घूमने वालों पर रोक लग सकती है.
क्योंकि इसमें गूगल मैपिंग के जरिये लोकेशन ट्रेस संभव हो सकता है.
वहीं इसे आईएएस अधिकारियों के लिए भी लागू किया जा रहा है.
अभी भी कुछ आईएएस अधिकारी ई फाइलिंग का काम मोबाइल में करते हैं.
साथ ही कुछ अटेंडेंस भी इसी तरीके से करते हैं.
क्या होगा फायदा ?
सरकारी कर्मचारियों की लेटलतीफी पर अंकुश लग सकेगा.
हालांकि यह साफ करना बाकी है कि यदि कोई 5 मिनट या 10 मिनट लेट हुआ तो उसे छूट मिलेगी या नहीं.
बार-बार लेट होने पर ऑनलाइन अनुशासनात्मक कार्रवाई, अवकाश या सीएल कटौती और गंभीर मामला होने पर वेतनवृद्धि रोकने जैसे प्रावधान भविष्य में लागू किए जा सकते हैं.
महीने भर की ऑनलाइन अटेंडेंस के आधार पर अवकाश के हिसाब से वेतन बिल बनने का प्रावधान संभव.
कार्यालय समय पर इधर-उधर घूमने वाले कर्मचारियों पर लग सकेगा अंकुश.
यह प्रावधान अगर मजबूत इच्छाशक्ति के साथ लागू हुआ तो इससे गुड गवर्नेंस की भावना और मजबूत होगी.