अगर आपके पास भी है सीमा से अधिक सोना, तो देना पड़ेगा टैक्स, जानिए क्या कहते है सरकार के नियम

नई दिल्लीः निवेश के नाम पर सोना सुगम साधन माना जाता है. जहां लोग पैसों के निवेश के लिए सोने की खरीद करते है. फिर वो चाहे शादी में दुल्हन के लिए ज्वेलरी हो या इंवेस्टमेंट के तौर पर खरीदे गए बिस्किट. लेकिन एक बात जरूर ध्यान दे. अगर कर अधिकारी पूछ लेते है तो आपको यह बताना पड़ेगा कि आपके घर में रखे सोने को खरीदने के लिए आपके पास पैसा कहां से आया. 

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के मुताबिक घोषित आय से की गई सोने की खरीद पर कोई कर नहीं देना पड़ता है. सीबीडीटी के नियमों के अनुसार टैक्स बचाने के लिए अगर आप बिना किसी सबूत के घर में रखे गए सोने और उससे बने आभूषणों की मात्रा की कुछ सीमाएं तय की गई है. जिसमें ये सभी शामिल है. 

ये है शर्तः
विवाहित महिला घर में बिना किसी सबूत के अधिकतम 500 ग्राम तक सोना रख सकती है. 
अविवाहित महिलाओं के लिए अधिकतम सीमा 250 ग्राम. 
पुरुष (विवाहित व अविवाहित) 100 ग्राम तक सोना रख सकते है. 

तीन साल के गेप पर क्या कहता है नियमः
वहीं बात करें खरीद कर बेचने पर तो सोना खरीदने के तीन साल के भीतर उसे बेच देते है तो उस समय पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगता है. शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स आपकी कुल आय में जुड़ता है जिसपर स्लैब के अनुसार कर लगता है. अगर ये समय तीन साल से अधिक है तो उस पर 20 फीसदी की दर से लॉन्ग टर्न कैपिटल गेन्स टैक्स लगता है