जेडीए में करीब एक तिहाई स्टाफ के भरोसे चल रहा काम, 66 फीसदी से अधिक पद है खाली

जयपुर: दिनों-दिन फैलते जयपुर शहर के नियोजित विकास के लिए जिम्मेदार जयपुर विकास प्राधिकरण करीब एक तिहाई स्टाफ के भरोसे ही काम चला रहा है. वहीं दूसरी तरफ जेडीए में सीधी भर्ती की कवायद ढाई साल से अधिक समय बीतने के बावजूद परवान नहीं चढ़ पाई है. क्या है पूरा मामला जानने के लिए देखें फर्स्ट इंडिया न्यूज की ये खास रिपोर्ट-

जयपुर विकास प्राधिकरण का गठन 5 अगस्त 1982 को हुआ था. उसके बाद से अब तक जयपुर शहर का तेजी से विस्तार हुआ है. ऐसे में नियोजित विकास की बढ़ती आवश्यकता के चलत जेडीए का काम पहले से काफी बढ़ गया है. जेडीए की कुल कैडर स्ट्रेन्थ 1932 है. लेकिन जेडीए के स्थापना के बाद आज तक पिछले 42 वर्षों के लंबे समय में जेडीए में कई कार्मिक सेवानिवृत हो चुके हैं. वर्तमान में स्थिति यह है कि जेडीए में स्वीकृत कुल पदों के 66 फीसदी से अधिक पद खाली चल रहे हैं. केवल करीब एक तिहाई स्टाफ के भरोसे ही जेडीए में काम चलाया जा रहा है. इस करीब एक तिहाई स्टाफ में जेडीए सेवा के अलावा प्रतिनियुक्ति पर आए कार्मिक भी शामिल हैं. खाली पदों की कुछ भरपाई के लिए जेडीए में 237 सेवानिवृत कार्मिक लगे हुए थे. लेकिन इस 24 जनवरी को इन सभी सेवानिवृत कार्मिकों को हटा दिया गया. जेडीए में स्टाफ कीी भारी कमी का प्रतिकूल असर जेडीए के विकास,नगर नियोजन,प्रवर्तन,राजस्व,विधि व उद्यानिकी संबंधी मामलों के निस्तारण पड़ रहा है. आपको बताते हैं कि जेडीए के किस संवर्ग में कितने पद खाली चल रहे हैं.

-प्रशासनिक संवर्ग में कुल 1000 स्वीकृत पदों में से 762 पद खाली चल रहे हैं

-इस संवर्ग में उपायुक्तों के स्वीकृत 31 में से 10 पद रिक्त हैं

-तहसीलदार/नायब तहसीदार के स्वीकृत 54 पदों में से 29 पद खाली हैं

-सहायक प्रशासनिक अधिकारी के 41 में से 27 पद खाली हैं

-वरिष्ठ सहायक के 90 में से 75, कनिष्ठ सहायक के 310 में से 278, पटवारी/अमीन के 73 में से 33 पद खाली हैं

-अभियांत्रिकी शाखा के कुल 461 पदों में से 218 पद खाली हैं

-कनिष्ठ अभियंता के 271 में से 193 पद,सहायक अभियंता के 78 में से 8 पद,अधिशासी अभियंता के 44 में से  6 पद खाली हैं

-नगर नियोजन शाखा में स्वीकृत 86 में से 52 रिक्त हैं

-सहायक नगर नियोजक के 28 में से 15 पद, सीनियर ड्राफ्टसमैन के 24 में से 19 पद और

-और नगर नियोजन सहायक के 10 में से 8 पद खाली हैं

-जेडीए की वित्त शाखा के स्वीकृत 111 में से 51 पद खाल हैं

-इनमें से कनिष्ठ लेखाकार के 60 में से 43 पद खाली हैं

-विधि शाखा के स्वीकृत 45 पदों में से 28 पद खाली हैं

-कनिष्ठ विधि अधिकारी के 28 में से 19 पद खाली हैं

-जेडीए की उद्यानिकी शाखा के कुल स्वीकृत 30 पदों में से 24 पद रिक्त हैं

-प्रवर्तन शाखा में कुल स्वीकृत 94 पदों में से 57 पद रिक्त हैं

-इस शाखा में फील्ड असिस्टेंट के 20 में से 16, प्रवर्तन अधिकारी के 19 में से 9 पद,

-कांस्टेबल के स्वीकृत 30 पदों में से 20 पद रिक्त हैं

-जेडीए की सूचना प्रोद्योगिकी शाखा में 105 में से 88 पद खाली चल रहे हैं

-इस शाखा में सूचना सहायक के 88 में से 81 पद खाली है.

जेडीए में स्वीकृत कुल 1932 पदों में से 1280 पद खाली चल रहे हैं. जेडीए में जेडीए सेवा और प्रतिनियुक्ति के कार्मिकों के अलावा अनुबंध पर कंप्यूटर ऑपरेटर और गार्ड लगे हुए हैं. जेडीए में कई शाखाओं में रोजमर्रा का काम इन कंप्यूटर ऑपरेटर और गार्ड के भरोसे है. खाली स्टाफ की कुछ भरपाई के लिए 110 पदों पर भर्ती के लिए जेडीए 23 अक्टूबर 2021 को कर्मचारी चयन बोर्ड को प्रस्ताव भेजा था. लेकिन यह कवायद ढाई महीने से अधिक समय बीतने के बावजूद अब तक पूरी नहीं हो पाई है. आपको बताते हैं किन पदों पर सीधी भर्ती की जानी है और भर्ती की कवायद अब तक क्यों हैं अधूरी?

-जेडीए में विभिन्न संवर्गों में लंबे समय से कार्मिकों की कमी है
-जेडीए में इससे पहले वर्ष 1997 में स्टेनो व अन्य पदों पर भर्ती की गई थी
-कनिष्ठ लेखाकार के 15 पद, विधि सहायक के 10 पद, 
-कनिष्ठ सहायक के 75 और स्टेनो के 10 पदों पर भर्ती की जानी है
-जेडीए ने सीधी भर्ती के लिए 23 अक्टूबर 2021 को कर्मचारी चयन बोर्ड को प्रस्ताव भेजा था
-लेकिन बोर्ड ने विभिन्न पदों के लिए योग्यता अन्य विभागों के समान करने के लिए प्रस्ताव लौटा दिया
-इसके बाद जेडीए ने अपने भर्ती नियमों में संशोधन किया
-इस वर्ष फरवरी में जेडीए ने नए सिरे से प्रस्ताव बनाकर कर्मचारी चयन बोर्ड को भेजा है
-कर्मचारी चयन बोर्ड ने मंत्रालयिक संबंधी कार्यों वाले पदों के लिए कंप्यूटर संबंधी परीक्षा के लिए जेडीए को पत्र भेजा
-इस पत्र के बाद जेडीए ने इस परीक्षण के लिए राज्य के कार्मिक विभाग से स्वीकृति ले ली है
-लेकिन जानकारों के अनुसार कंप्यूटर योग्यता संबंधी इस परीक्षा का प्रावधान नियमों में करना होगा
-इसके लिए जेडीए को एक बार फिर अपने भर्ती नियमों में बदलाव करना पड़ेगा
-इसके बाद जाकर कर्मचारी चयन बोर्ड जेडीए के लिए सीधी भर्ती की कवायद शुरू कर पाएगा