जेडीए के निदेशक अभियांत्रिकी प्रथम की कार्यशैली पर गंभीर सवाल, राजधानी के जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर प्रस्तावित कर दी एलिवेटेड रोड

जयपुरः आनन फानन में राजधानी के जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर एलिवेटेड रोड प्रस्तावित करने वाले जेडीए के निदेशक अभियांत्रिकी की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं. एलिवेटेड रोड रोड की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने में किए गए लाखों रुपए के खर्च की वसूली क्या इन वरिष्ठ अभियंता के वेतन से की जाएगी? क्या है पूरा मामला और इन वरिष्ठ अभियंता की लापरवाही जेडीए के खजाने को कैसे पहुंचा रही नुकसान. 

वर्ष 2024-25 का बजट पेश करने के लिए बजट में विभिन्न प्रोजेक्ट्स की घोषणा के लिए राज्य सरकार ने जेडीए से प्रस्ताव मांगे थे. जेडीए के निदेशक अभियांत्रिकी प्रथम देवेन्द्र गुप्ता के स्तर पर राजधानी में विभिन्न स्थानों पर एलिवेटेड रोड,फ्लाई ओवर व रेलवे ओवरब्रिज बनाने के प्रोजेक्ट्स के प्रस्ताव राज्य सरकार को भेज दिए गए. इसमें एक प्रस्ताव अंबेडकर सर्किल से ओटीएस होते हुए जवाहर सर्किल तक 11 सौ करोड़ रुपए की लागत से एलिवेटेड रोड बनाने का भी था. जेडीए की ओर से भेजे गए लगभग सभी प्रस्तावों के आधार पर विधानसभा में इस वर्ष 10 जुलाई को मौजूदा वित्तीय वर्ष के पेश बजट में जेडीए से संबंधित करीब 22 सौ करोड़ रुपए की लागत के प्रोजेक्ट़्स की घोषणा की गई. इसमें अकेले 11 सौ करोड़ रुपए की लागत से अंबेडकर सर्किल से जवाहर सर्किल तक एलिवेटेड रोड के निर्माण की भी घोषणा की गई. इस एलिवेटेड रोड का अधिकतर हिस्सा जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर बनना था. आपको बताते हैं कि अपनी विशिष्टता के लिए खास पहचान रखने वाले जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर एलिवेटेड रोड प्रस्तावित करने से आखिर क्यों जेडीए के निदेशक अभियांत्रिकी प्रथम देवेन्द्र गुप्ता की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं. 

-मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने नगरीय विकास विभाग की 29 नवंबर को समीक्षा बैठक ली थी

-बैठक में बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन की प्रगति की भी समीक्षा की गई

-उस दौरान अंबेडकर सर्किल से जवाहर सर्किल तक की एलिवेटेड रोड पर भी गहन चर्चा की गई

-मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस प्रोजेक्ट को रिव्यू करने के आदेश दिए

-प्रोजेक्ट को रिव्यू करने की पीछे वजह बताई गई जवाहरलाल नेहरू मार्ग की विशिष्टता और सौन्दर्यकरण पर प्रोजेक्ट के कारण विपरीत प्रभाव पड़ने की संभावना

-मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का मानना है कि इस प्रोजेक्ट के कारण इस मार्ग की विशिष्टता और सौन्दर्यकरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है. 

-जवाहरलाल नेहरू मार्ग को लेकर मुख्यमंत्री की गंभीरता देखते हुए अब जेडीए इस मार्ग के बजाए टोंक रोड पर एलिवेटेड रोड के निर्माण की संभावना तलाश रहा है

-लेकिन इस पूरे प्रकरण में जेएलएन मार्ग पर एलिवेटेड रोड प्रस्तावित करने वाले जेडीए के निदेशक अभियांत्रिकी प्रथम देवेन्द्र गुप्ता की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं

-सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह कि जब खुद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा जेएलएन मार्ग की विशिष्टता पर प्रतिकूल असर पड़ने को लेकर गंभीर है तो

-क्या जेडीए में ही भर्ती होकर कनिष्ठ अभियंता से निदेशक अभियांत्रिकी बनने वाले देवेन्द्र गुप्ता को क्या जेएलएन मार्ग की विशिष्टता का ज्ञान नहीं था?

-यह तो तब है जब पिछली कांग्रेस सरकार में भी जेएलएन मार्ग की विशिष्टता को सौन्दर्यन खराब होने की संभावना के चलते एक प्रोजेक्ट को ड्रॉप की दिया गया

-जानकारों के अनुसार जेएलएन मार्ग पर ओटीएस चौराहे पर प्रस्तावित फ्लाईओवर के प्रोजेक्ट को इसी कारण पिछली कांग्रेस सरकार ने ड्रॉप कर दिया था

-ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि आनन-फानन में बिना विचार किए बजट घोषणा के लिए जेएलएन मार्ग पर एलिवेटेड रोड निर्माण का प्रस्ताव भेज दिया गया?

जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर एलिवेटेड रोड प्रस्तावित करने की लापरवाही जेडीए के खजाने को भी भारी पड़ रही है. एलिवेटेड रोड की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने के फेर में लाखों रुपए की चपत जेडीए के राजस्व को लग रही है. आपको बताते हैं कि ऐसा किस तरह से हो रहा है.

-जेडीए ने कलेक्ट्रेट सर्किल से राजमहल पैलेस चौराहे तक एलिवेटेड रोड और अंबेडकर सर्किल से जवाहर सर्किल तक की एलिवेटेड रोड की फिजिबिलिटी रिपोर्ट

-और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के लिए 8 करोड़ 61 लाख 40 हजार रुपए का कार्यादेश फर्म कंसलटिंग इंजीनियर्स ग्रुप को दिया था

-फर्म ने इन दोनों एलिवेटेड रोड की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार कर जेडीए को सौंप दी है

-निविदा की शर्तों के मुताबिक फिजिबिलिटी रिपोर्ट सौंपने पर जेडीए को 20 प्रतिशत भुगतान करना होगा

-कार्यादेश के अनुसार 20 प्रतिशत राशि के हिसाब से 1 करोड़ 72 लाख 28 हजार रुपए  फर्म को देने होंगे

-इस राशि में दो एलिवेटेड रोड की फिजिबिलिटी तैयार की गई है

-इस हिसाब से एक एलिवेटेड रोड की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने की लागत 86 लाख 14 हजार रुपए हैं

-अंबेडकर सर्किल से जवाहर सर्किल तक एलिवेटेड रोड की फिजिबलिटी रिपोर्ट के पेटे जेडीए को इतनी राशि फर्म को देनी पड़ेगी

-जबकि जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर प्रस्तावित इस एलिवेटेड रोड के प्रोजेक्ट को रिव्यू करने के सीएम भजनलाल शर्मा को आदेश दिए हैं

-ऐसे में विकल्प के तौर पर टोंक रोड पर एलिवेटेड रोड की संभावना तलाशी जा रही

-इसके चलते जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर प्रस्तावित एलिवेटेड रोड की फिजिबिलिटी रिपोर्ट के पेटे लाखों रुपए का भुगतान जेडीए को बेवजह करना पड़ेगा

-ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इन लाखों रुपए की वसूली जिम्मेदार आला अभियंता के वेतन से की जाएगी.