नई दिल्लीः मध्य प्रदेश फिल्म निर्माताओं की पहली पसंद बनता जा रहा है. फिल्म निर्माता 1960 के दशक में बीहड़ों से बहुत आकर्षित हुए थे. जिसके बाद मुझे जीने दो (1963), पुतली बाई (1972), डकैत (1987), बैंडिट क्वीन (1994), पान सिंह तोमर (2013) मप्र में बनीं. इससे पहले 1950 के दशक में नया दौर, तीसरी कसम, श्री 420 जैसी सदाबहार फिल्मों की कुछ शूटिंग मध्य प्रदेश में हुई.
2010 के दशक में प्रकाश झा ने भोपाल में नई लोकेशन खोजी. भोपाल में राजनीति, आरक्षण, चक्रव्यूह, गंगाजल-2 बनी. मार्च 2020 में राज्य की फिल्म पर्यटन नीति गेमचेंजर बनी. 2020 के बाद से अब तक एमपी में 400 से ज्यादा फिल्मों की शूटिंग हुई.
पंगा, लूडो, संजू, स्त्री, स्त्री-2, लापता लेडीज, भुल-भुलैया-3 हिट वेब सीरीज आश्रम, पंचायत, द सूटेबल बॉय इनमें शामिल है. खास बात ये है कि स्त्री-2 अब तक की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली हिंदी फिल्म है जबकि भारत की ओर से लापता लेडीज ऑस्कर में दस्तक दे रही है.
फिल्म निर्माताओं की पहली पसंद बनता जा रहा मध्य प्रदेश
— First India News (@1stIndiaNews) October 14, 2024
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