कोलकाता: CAA को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है. केंद्र सरकार ने इसको लेकर अधिसूचना जारी की है. CAA पर ममता बनर्जी की प्रतिक्रिया सामने आई है. ममता बनर्जी ने कहा कि किसी भी तरह का भेदभाव मंजूर नहीं है. CAA कानून हमें मंजूर नहीं. किसी की नागरिकता रद्द करना गलत है. CAA कानून को लेकर ममता बनर्जी ने कहा कि नागरिकता रद्द करना बर्दाश्त नहीं है. हमें किसी तरह का ब्योरा नहीं मालूम है. अधिसूचना अभी जारी क्यों की जा रही है. लोकसभा चुनाव से पहले अशांति नहीं चाहते है. ममता बनर्जी ने कहा विरोध करने वाली TMC पहली पार्टी है.
CAA पर ममता बनर्जी की पहली प्रतिक्रिया
— First India News (@1stIndiaNews) March 11, 2024
CAA कानून हमें मंजूर नहीं: ममता, किसी की नागरिकता रद्द करना गलत: ममता, नागरिकता रद्द करना बर्दाश्त नहीं: ममता, हमें किसी तरह का ब्योरा...#FirstIndiaNews #CAA @MamataOfficial pic.twitter.com/KbHzdF9Css
CAA लागू होने के बाद देशभर में सुरक्षा अलर्ट:
CAA को लेकर दिल्ली पुलिस का बयान सामने आया है. पुलिस ने कहा कि लॉ एंड ऑर्डर को बरकरार रखना हमारी प्राथमिकता है. संवेदनशील इलाकों पर नजर रखी जा रही है. CAA लागू होने के बाद देशभर में सुरक्षा अलर्ट है. संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बढ़ाई गई. नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में सुरक्षा बढ़ाई गई. शाहीन बाग में सुरक्षाबलों ने फ्लैग मार्च किया. यूपी के भी 14 जिलों में अलर्ट जारी किया गया. लखनऊ, कानपुर, बरेली, मेरठ, मुजफ्फरपुर, सहारनपुर, शामली, मुरादाबाद, रामपुर, बिजनौर में अलर्ट जारी किया गया.
CAA को लेकर अधिसूचना जारी:
आपको बता दें कि मोदी सरकार ने आज CAA को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है. केंद्र सरकार ने इसको लेकर अधिसूचना जारी की है. इसके तहत शरणार्थियों को नागरिकता मिल सकेगी. जिसको लेकर गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी की. इसके तहत 3 देशों के अल्पसंख्यकों को नागरिकता मिलेगी. जिसमें पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान के शरणार्थियों शामिल है. इसके बाद अब गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता मिलेगी.
हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी को मिलेगी नागरिकता:
हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी को नागरिकता मिलेगी. CAA के तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता दी जाएगी. जबकि भारतीय नागरिकों से इसका कोई सरोकार नहीं है. संविधान के तहत भारतीयों को नागरिकता का अधिकार है. CAA या कोई कानून इसे नहीं छीन सकता.