भूकंप के झटकों से कांपा मोरक्को, 296 लोगों की मौत, 153 से अधिक घायल; 120 साल का सबसे ताकतवर भूकंप

मोरक्को­: मोरक्को में शुक्रवार देर रात 6.8 की तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किये गये. जिससे अब तक करीब 296 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 153 से अधिक लोग घायल हो गये है. इसके साथ ही कई बड़ी इमारते भी ध्वस्त हो गयी. इस बात की पुष्टि खुद मोरक्को के आंतरिक मंत्रालय ने की है. मोरक्को में आया भूंकप 120 साल का सबसे भीषण भूंकप है. 

यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक भूकंप के झटके रात के करीब 11:11 बजे महसूस किए गए. भूकंप का केंद्र पर्यटन के लिए मशहूर मरक्केश शहर से 71 किमी दूर दक्षिण-पश्चिम में 18.5 किमी की गहराई में रहा. रिक्टर स्केल पैमाने पर 6.8 तीव्रता के मापे गये भूकंप में करीब 296 लोगों की मौत और 153 से अधिक लोग घायल हो गये है. 

बड़ी इमारतें हुई ध्वस्तः
भूकंप से बड़ी इमारतें मलबे और धूल में तब्दील हो गई है. जिसमें पर्यटकों का ध्यान खींचने वाला यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल ऐतिहासिक माराकेच में लाल दीवारों के कुछ हिस्से भी क्षतिग्रस्त हुए हैं. यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक उत्तरी अफ्रीका में भूकंप काफी दुर्लभ है. 

इससे पहले 2004 में कांपा देशः
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने शुरुआती आंकड़े पेश करते हुए भूकंप के झटकों की वजह से हुई मौतों के लिए पीला अलर्ट जारी किया गया है, जो दर्शाता है कि कुछ हताहत होने की संभावना है. USGS ने कहा इस क्षेत्र की आबादी वैसे इलाकों में रहती है जो भूकंप के झटकों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है. इससे पहले मोरक्को के अल होसेइमा में 2004 के दौरान आए तेज भूकंप के झटकों की वजह से कम से कम 628 लोग मारे गए और 926 घायल हो गए थे. 

जबकि अल्जीरिया में 1980 के दौरान आए 7.3 तीव्रता की तेज भूकंप की वजह से 2,500 लोग मारे गए और कम से कम 3 लाख लोग बेघर हो गए थे. जिसे हाल के इतिहास में सबसे बड़े और सबसे विनाशकारी भूकंपों में से एक माना जाता है. 

वहीं अगर बात करे की भूंकप कैसे आता है तो पृथ्वी के अंदर टेक्टॉनिक प्लेटों के आपस में टकराने की वजह से भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं. पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स मौजूद होती हैं. लेकिन जब कभी ये प्लेटें आपस में टकराती है तो एक दबाव बनता है. जो बाहर निकले की जगह में भूकंप का रूप लेता है.