VIDEO: परिवहन विभाग की लापरवाही ! राजस्थान में कई किसानों को रही परेशानी, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: परिवहन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही और हठधर्मिता के कारण प्रदेश में कई किसानों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. तय शुल्क जमा कराने के बाद भी किसानों के कृषि उपकरणों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है.

एक तरफ राज्य सरकार किसानों को राहत देने के लिए बड़े फैसले ले रही हैं. प्रदेश के बजट में भी किसानों के लिए कई तरह के ऐलान किए गये हैं. लेकिन परिवहन विभाग के अधिकारियों को किसानों की समस्या से कोई सरोकार नहीं है. यही कारण है कि पंजाब से सटे श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ के कई किसान बीते 4 साल से परिवहन कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन इसके बाद भी परिवहन विभाग में उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. 

असल में श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ के कई किसान ऐसे हैं जिनके हार्वेस्टर का रजिस्ट्रेशन परिवहन विभाग नहीं कर रहा. इस तरह के सभी मामलों में किसानों की कोई गलती भी नहीं है. अधिकतर किसान हार्वेस्टर के रजिस्ट्रेशन के लिए परिवहन विभाग को तय शुल्क जमा कर चुके हैं, कई किसान तो ऐसे हैं जिन्होंने अपनी पसंद का नंबर लेने के लिए भी 4 साल पहले ही तय शुल्क दे दिया है. लेकिन BS 3 वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए पोर्टल बंद होने का तर्क दे कर किसानों के हार्वेस्टर का रजिस्ट्रेशन नहीं किया जा रहा है.

क्या है पूरा मामला
-BS 3 श्रेणी के वाहनों के पंजीकरण की अंतिम तारीख 31 मार्च 2020 थी.
-कृषि उपकरण हार्वेस्टर भी  BS 3 श्रेणी के वाहनों की सूची में आता है.
-प्रदेश में कई किसान ऐसे हैं जिन्होंने हार्वेस्टर ख़रीदा और उसके ठीक बाद कोरोना की एंट्री हो गई.
-किसानों ने हार्वेस्टर के पंजीकरण के लिए तय शुल्क भी जमा करा दिया लेकिन कोरोना के कारण परिवहन विभाग में भी कामकाज बंद हो गया.
-इसके बाद जब जनजीवन सामान्य हुआ तो परिवहन विभाग ने पोर्टल बंद होने का हवाला दे कर हार्वेस्टर के पंजीकरण से इंकार कर दिया.
-सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं कि कोरोना के कारण BS 3  वाहनों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया हो तो ऐसे वाहनों का रजिस्ट्रेशन किया जाए.
-लेकिन राजस्थान में परिवहन विभाग सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना नहीं कर रहा है.

कृषि से जुड़े वाहनों का रजिस्ट्रेशन नहीं होने से परेशान किसान 4 साल से हनुमानगढ़  श्रीगंगानगर परिवहन कार्यालय से लेकर जयपुर में परिवहन मुख्यालय के कई चक्कर लगा चुके हैं लेकिन परिवहन विभाग के अधिकारियों पर इसका कोई असर नहीं हो रहा है. किसानों के अलावा भी कई लोग इस परेशानी से जूझ रहे हैं लेकिन विभाग के अधिकारी पोर्टल बंद होने का हवाला दे कर उन्हें टरका रहे हैं. कोरोना के कारण रजिस्ट्रेशन से वंचित रहे वाहनों का रजिस्ट्रेशन करने के सुप्रीम कोर्ट भी आदेश दे चुका है गुजरात समेत कई राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना भी कर दी है. लेकिन राजस्थान में परिवहन विभाग के अधिकारी सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की भी परवाह नहीं कर रहे है. सभी शुल्क जमा नहीं होने के बाद भी अपने वाहनों का रजिस्ट्रेशन नहीं कराने वाले लोग खुद को ठगा और असहाय महसूस कर रहे हैं.

परिवहन विभाग की जिम्मेदारी लोगों को राहत देने की है. लेकिन परिवहन विभाग फिलहाल लोगों के लिए आफत बना हुआ है. सभी तरह की फीस जमा करने के बाद भी भोले-भाले किसान परिवहन विभाग के चक्कर काट रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही उम्मीद है कि हमारी इस रिपोर्ट के बाद परिवहन विभाग के अधिकारी संवेदनशीलता दिखाएंगे.