जयपुरः प्रदेश की माली हालत खराब है. इसकी तस्दीक वित्त विभाग की ओर से जारी नई FRBM रिपोर्ट में हुई है. इसके तहत राजस्व घाटा 36354 करोड़ हो गया. 30 सितंबर 2024 तक जारी इस रिपोर्ट में हालांकि सरकार का वित्त वर्ष के पहले 6 माह में खुद के कर राजस्व में 6.90 प्रतिशत की बढ़ोतरी बताई गई है लेकिन 608813 करोड का कर्ज बढ़ना सरकार की दुखती रग बनी हुई है. आलम यह है कि 6 लाख 40 हजार 687 करोड के कर्ज का अनुमान लगाया गया था जिसके मुकाबले 6 लाख 8 हजार 813 करोड का कर्ज पार हो चुका है. पिछली सरकार के समय की अप्रैल से सितंबर 2023 की FRBM रिपोर्ट वित्त विभाग ने जारी की थी उससे अप्रैल से सितंबर 2024 की जारी रिपोर्ट में 2962 करोड के घाटे में बढ़ोतरी हो गई है.
पिछली सरकार के समय का राजस्व घाटा हुआ 36354.38 करोड़
अप्रैल से सितंबर 2023 में 32395 करोड से हुआ 36354.38 करोड़
हालांकि 2024 की पहली छमाही में सरकार के खुद के कर राजस्व 6.90 प्रतिशत की बढ़ोतरी
स्टेट गुड्स एंड सर्विस टैक्स रेवेन्यू में 7.95 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है,आबकारी राजस्व में 14.61 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
वहीं वैट राजस्व में 1.04 प्रतिशत की गिरावट हुई है.
2024-25 में राज्य के खुद के गैर कर राजस्व में 0.50 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है.
इसमें SGST में 7.95,व स्टाम्प,रजिस्ट्रेशन में 9.27 प्रतिशत की हुई बढ़ोतरी
वाहन कर के रूप में 7.56 प्रतिशत की हुई वृद्धि
जबकि भूमि राजस्व में 1.96 प्रतिशत की आई कमी
तो वहीं गुड्स एंड पैसेंजर में टैक्स (एंट्री टैक्स) में 135.20 प्रतिशत की गंभीर कमी आई है.
2022-23 के मुकाबले 2023-34 में राज्य का गैर कर राजस्व 1.01 प्रतिशत घटा.
इस वित्त वर्ष के अप्रैल-सितंबर का गैर कर राजस्व बजट अनुमानों का 36.19 प्रतिशत रहा जो कि अप्रैल-सितंबर 2023 में 30.49 प्रतिशत रहा.
सरकार का अप्रैल-सितंबर 2024 का गैर कर राजस्व पिछले साल की इसी अवधि के दौरान के 8243.33 करोड के मुकाबले 8202.08 करोड रहा.
अप्रैल-सितंबर की 2023 की अवधि के दौरान जहां 9523.72 करोड के मुकाबले अप्रैल-सितंबर 2024 में स्टेट ग्रांट 9295.64 मिली. इसमें पिछले साल से 2.39 प्रतिशत की गिरावट रही.
यह है आशा की किरण
सरकार की करों से होने वाली आय यानी टैक्स रेवेन्यू पिछले वर्ष की इस अवधि के मुकाबले 11.70 प्रतिशत बढा है.
माइनिंग और पेट्रोलियम इस बार भी सरकार की कमाई का सबसे बडा जरिया बने हुए हैं.
सरकार के खुद के कर राजस्व और कुल कर राजस्व यानी टैक्स रेवेन्यू में पिछले वर्ष के मुकाबले ठीकठाक बढोतरी हुई है.
सरकार का खुद का कर राजस्व 6.90 प्रतिशत बढा है.
इसमें स्टेट जीएसटी में 7.95 प्रतिशत, स्टाम्प और रजिस्टे्रशन में 9.27 प्रतिशत, वाहन कर में 7.56 प्रतिशत की बढोतरी दर्ज की गई है.
रिपोर्ट के अनुसार सरकार का कुल कर राजस्व 81 हजार 290 करोड रूपए है जो पिछली वर्ष इसी अवधि में 72 हजार 776 करोड था.
इस कर राजस्व में सरकार को खुद के टेक्स रेवेन्यू और केन्द्र सरकार से मिलने वाली राशि दोनों में बढोतरी हुई है.
सरकार अब तक बजट अनुमान की 40.45 प्रतिशत राशि खर्च कर चुकी है. यह राशि पिछले वर्ष इसी अवधि में हुए खर्च से 9.95 प्रतिशत अधिक है.
कर्ज की बात की जाए तो सरकार पर कर्ज पिछले वर्ष के मुकाबले बढा है. इस बार के संशोधित बजट में सरकार पर 6 लाख 40 हजार 687 करोड के कर्ज का अनुमान लगाया गया था. इसमें से अब तक 6 लाख 8 हजार 813 करोड का कर्ज सरकार पर हो चुका है.
इस तस्वीर के बाद एकदम से माली हालत उबरना मुश्किल माना जा रहा है लेकिन सरकार के खुद के कर राजस्व में बढ़ोतरी से आशा जगी है, हालांकि सुधारात्मक कदम उठाने से ही इसे फलीभूत किया जा सकेगा.