जयपुर: धनतेरस पर बाजार में जमकर धन बरसा. मंगलवार को देशभर में धनतेरस का पर्व मनाया गया. पर्व की खुशियां घरों से लेकर बाजारों में देखते ही बनी. लोगों ने घरों में दीपदान के साथ पूजन भी किया. जयपुर के सभी बाजारों में ग्राहकों में उत्साह दिखा. बर्तनों,पटाखों की खरीदारी के लिए रात तक बाजारों में भीड़ उमड़ी. इस बार कांसे और तांबा के बर्तनों की डिमांड बढ़ी. इलेक्ट्रॉनिक्स में TV, वॉशिंग मशीन, फ्रिज की बिक्री अधिक रही. कपड़े, ज्वैलरी के दुकानों पर भी भीड़ देखी गई. करीब 3 हजार कार और 6 हजार दुपहिया वाहन बिके. मोतीडूंगरी गणेश मंदिर पर वाहनों की पूजा के लिए लंबी कतार देखी गई.
आपको बता दें कि 5 दिनों का दीपावली महापर्व इस वर्ष छह दिनों का होगा. हिंदू धर्म में दीपावली का त्योहार बहुत उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है. कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर दीपावली का त्योहार मनाया जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक अमावस्या तिथि पर भगवान श्री राम 14 वर्षों का वनवास काटकर और लंका पर विजय करने के बाद अयोध्या लौटे थे. जिसकी खुशी में सारे अयोध्यावासी इस दिन पूरे नगर को अपने राजा प्रभु राम के स्वागत में दीप जलाकर उत्सव मनाया था. इसी कारण से तब से ये परंपरा चली आ रही है. चलिए आपको बताते है कि दीवाली पर्व पर किस शुभ मुहूर्त में पूजा करें.
दीपावली पूजन मुहूर्त 31 अक्टूबर 2024:
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर - जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि दीपावली का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की प्रदोष व्यापिनी अमावस्या को मनाया जाता है. इस वर्ष, संवत 2081 के अनुसार, अमावस्या 31 अक्टूबर 2024 को दिन में 3:53 बजे से प्रारंभ होकर 1 नवंबर 2024 को शाम 6:16 बजे समाप्त होगी. दीपावली के पूजन में धर्मशास्त्रीय मान्यतानुसार प्रदोष काल एवं महानिशिथ काल मुख्य है.
प्रारम्भ - 31 अक्टूबर को दोपहर 3:53 बजे से
कार्तिक अमावस्या तिथि समाप्ति - 1 नवंबर की सायं 6:17 तक
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त
प्रदोष काल ( लग्न ) - सायं 05:35 - रात 08:11 तक
वृष काल ( लग्न ) – सायं 06:25 - रात 08:20 तक
मिथुन काल ( लग्न ) - रात्रि 9:00 से रात्रि 11:23 तक
निशिथ काल - रात्रि 11:39 से मध्यरात्रि 12:41 तक
सिंह काल ( लग्न ) - मध्यरात्रि 01:36 - अन्तरात्रि 03:35 तक
लक्ष्मी पूजा का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त
प्रदोष काल, वृषभ लग्न और चौघड़िया के हिसाब से लक्ष्मी पूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त 31 अक्टूबर की शाम को 06:25 से लेकर सायं 7:13 के बीच का समय का है। कुल मिलाकर 48 मिनट का यह मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ रहेगा.
प्रदोष काल, वृषभ लग्न और चौघड़िया सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त - शाम 06:25 - सायं 07:13 तक
कुल मिलाकर 48 मिनट
दीपावली पूजन मुहूर्त 1 नवंबर 2024:
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर - जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस वर्ष कार्तिक कृष्ण अमावस्या दिनाङ्क 01 नवम्बर 2024 को प्रदोषकाल में अमावस्या होने से इसी दिन दीपावली मनायी जायेगी. लक्ष्मी पूजन प्रदोषयुक्त अमावस्या को स्थिर लग्न व स्थिर नवांश में किया जाना सर्वश्रेष्ठ होता है. इस वर्ष लक्ष्मीपूजन का समय इस प्रकार रहेगा. अमावस्या इस दिन सायं 06:17 तक रहेगी.
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त
दिवाकाल का श्रेष्ठ चौघड़िया
चर लाभ अमृत का चौघड़िया :- प्रातः 6:40 से प्रातः 10:47 तक
अभिजीत :- प्रातः 11:46 से दोपहर 12:34 तक
शुभ का चौघड़िया :- दोपहर 12:10 से दोपहर 01:33 तक
चर का चौघड़िया :- सायं 04:17 से सायं 05:40 तक
रात्रि का श्रेष्ठ चौघड़िया
लाभ का चौघड़िया :- रात्रि 08:57 से रात्रि 10:34 तक
शुभ-अमृत-चर का चौघड़िया :- मध्यरात्रि 12:10 से अंतरात्रि 05:02 तक
सर्वश्रेष्ठ समय
प्रदोष काल ( लग्न ) - सायं 05:40 - रात्रि 08:16 तक
इसके अतिरिक्त सायं 06:41 से सायं 06:53 (इसमें प्रदोष काल, स्थिर वृष लग्र एवं कुम्भ का नवमांश रहेेगा) तक रहेगा।
वृष काल ( लग्न ) – सायं 06:31 - रात्रि 08:28 तक
सिंह काल ( लग्न ) - मध्यरात्रि 01:01 - अन्तरात्रि 03:17 तक