जयपुर: मुख्यमंत्री और खान मंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में खान विभाग ने एक लीडिंग डिपार्मेंट की भूमिका को अदा करते हुए राइजिंग राजस्थान समिट में मोटे निवेश का मार्ग तैयार कर दिया है. राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट समिट से पहले 44743.95 करोड़ के 35 एमओयू किए और कुल 24010 करोड़ के 80 एमओयू विभाग को और मिले हैं. 30 सितंबर को भी दिल्ली में कुछ एमओयू प्रस्तावित हैं. ऐसे में खान विभाग राइजिंग राजस्थान समिट के मुख्य आयोजन से पहले एक लाख करोड़ के निवेश को सुनिश्चित करने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है.
एक लीडर, प्रेरक, मार्गदर्शक की भूमिका में उभरे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा:
- राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट समिट को सफल बनाना एकमात्र लक्ष्य
- मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ प्रदेश के सबसे बड़े सर्विस सेक्टर खान विभाग के मंत्री भी हैं भजनलाल शर्मा
- ऐसे में खनन सेक्टर में सर्वाधिक निवेश की चुनौती भी थी और जिम्मेदारी भी
- और इस चुनौती को जिम्मेदारी समझ मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में खान विभाग ने रचा इतिहास
- राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट समिट से पहले 44743.95 करोड़ के 35 एमओयू किए
- कुल 24010 करोड़ के 80 एमओयू विभाग को और मिले
- माइनर मिनरल के क्षेत्र में भी 226 करोड रुपए निवेश के एमओयू हुए प्राप्त
- उद्योग विभाग के जरिए भी 31800 करोड रुपए के एमओयू खान विभाग को स्थानांतरित
- ओएनजीसी के साथ भी जल्द ही 400 करोड रुपए निवेश का मो किया जाएगा हस्ताक्षरित
- निवेश के 60 प्रकरणों में अभी तक विभाग ने जारी की एलओआई
- कुल 68754 करोड़ रुपए निवेश के 176 एमओयू खान और पेट्रोलियम से संबंधित
- दिसंबर में 3 दिन के समिट से पहले खनन सेक्टर में निवेश एक लाख करोड़ के पार पहुंचना तय
- अब दूसरे सेक्टर देख रहे मंत्रियों पर मोटा निवेश लाने का दबाव भी और जिम्मेदारी भी
- सचमुच शर्मा के प्रशासनिक और वित्तीय कौशल से बदलेगी प्रदेश की फिजा
दरअसल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट समिट का ताना-बाना बुना गया है. खनन प्रदेश का सबसे बड़ा सर्विस सेक्टर भी है और राजस्थान के सकल घरेलू उत्पाद में सबसे बड़ा हिस्सेदारी भी. प्रदेश में भाजपा सरकार बनी तो खान विभाग के महत्व को समझते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने खुद खान विभाग की जिम्मेदारी अपने पास रखी ताकि खुद आगे रहकर अपनी कैबिनेट के साथियों को प्रेषित कर सकें. ऐसे में यह जरूरी हो गया था कि इन्वेस्टमेंट समिट में खान विभाग सबसे आगे रहे ताकि राजस्व और निवेश से जुड़े विभागों के जिम्मेदार मंत्रियों को बेहतर कार्य की प्रेरणा भी मिले और एक स्टैंडर्ड भी सेट हो कि मुख्यमंत्री जब पूरे प्रदेश की जिम्मेदारी के साथ एक विभाग को बेहतर तरीके से मॉनिटर और इंप्रूव कर सकते हैं तो दूसरे मंत्री क्यों नहीं.इसी को ध्यान में रखकर खान विभाग ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री के मुंबई प्रवास के दौरान बड़े एमओयू किए और अब दिल्ली में एमओयू किए जाएंगे.
एक बार फिर प्रदेश के सबसे मजबूत और उपजाऊ सेक्टर के तौर पर उभरा खान सेक्टर:
- मुख्यमंत्री के प्रभावी नेतृत्व के चलते खनन सेक्टर में एमओयू की लगी झड़ी
- लाइमस्टोन के क्षेत्र में 31743 करोड़ के 18 एमओयू
- रॉक फास्फेट के क्षेत्र में 65 करोड़ का एक एमओयू
- पेट्रोलियम सेक्टर में 21 हजार 92 करोड़ के चार एमओयू
- सीजीडी के क्षेत्र में 3325 करोड़ के तीन एमओयू
- गोल्ड के क्षेत्र में 8000 करोड़ का एक एमओयू
- आयरन ओर के क्षेत्र में 3350 करोड़ के 7 एमओयू
- मैंगनीज के क्षेत्र में 683 करोड़ का एक एमओयू
- सिलिशियस अर्थ के क्षेत्र में 1.5 करोड़ का एक एमओयू
- ग्रेनाइट के क्षेत्र में 87 करोड़ के 42 एमओयू
- ग्रेनाइट, क्वार्ट्ज और फेल्सपार के क्षेत्र में 7 करोड़ के 7 एमओयू
- क्वार्ट्ज, फेल्सपार के क्षेत्र में दो करोड़ के तीन एमओयू
- डोलोमाइट के क्षेत्र में 5 करोड़ का एक एमओयू
- मेसेनरी स्टोन के क्षेत्र में 131 करोड़ के 49 एमओयू
- लाइमस्टोन डायमेंशन के क्षेत्र में 7 करोड़ के 5 एमओयू
- सेंडस्टोन के क्षेत्र में 20 करोड़ के 14 एमओयू
- एम सैंड के क्षेत्र में 109 करोड़ के 3 एमओयू
- बजरी के क्षेत्र में 113 करोड़ के 6 एमओयू
- चाइना क्ले के क्षेत्र में 10 करोड़ के तीन एमओयू
- बाल क्ले और सिलिका सेंड के क्षेत्र में 4 करोड़ के 7 एमओयू
- प्रदेश के सबसे मजबूत खनन सेक्टर की कमान है मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के पास
राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट समिट के तहत खान विभाग ने अभी तक कुल 176 निवेश प्रस्ताव मिले हैं.इनमें से 35 एमओयू किए जा चुके हैं. 80 एम ओ यू विभाग को और प्राप्त हुए हैं.एक एमओयू संभावित है, और 60 एलओआई जारी की जा चुकी हैं. इन 176 निवेश प्रस्ताव में पेट्रोलियम के 4 सीजीडी के तीन और शेष सभी खनन सेक्टर के हैं. माइनर मिनरल के क्षेत्र में भी 226 करोड रुपए के निवेश के लिए एमओयू हुए हैं. 31800 करोड रुपए के एमओयू उद्योग विभाग द्वारा हस्तांतरित किए गए हैं और जल्द ही ओएनजीसी के साथ 400 करोड रुपए का एमओयू भी किया जाएगा. अब दिल्ली में 30 सितंबर और 1 अक्टूबर को होने वाले रोड शो के तहत 7073 करोड रुपए के 6 एमओयू और हस्ताक्षरित किए जाएंगे. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि राजस्थान में खनन सेक्टर ने अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. ऐसे में मुख्यमंत्री का सशक्त नेतृत्व, प्रमुख सचिव टी रविकांत, निदेशक भगवती प्रसाद कलाल, संयुक्त सचिव आशु चौधरी और तमाम खान विभाग के अफसरों ने मिलकर बेहतर रिजल्ट दिए हैं.