जयपुर: पूरे देश में जहां पर भी राजस्थानी निवास करते हैं वहां पर आज सिंजारा यानि धमोली की धमाल की तैयारियां जोरों पर चल रही है. महिलाएं विशेष रूप से घरों में पकवान बनाती है जिस में अधिकतर पूरी, गट्टे की सब्जी,आलू की सब्जी और कबूली (नमकीन चावल) और बाजार से मिठाई नमकीन मंगाई जाती है. कुछ शहरों में धमोली की धमाल मचाने के लिए पकवानों की अस्थायी तौर पर दुकानें लगती है. पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि 22 अगस्त को बड़ी तीज यानी सातुड़ी तीज या कजली तीज हैं.
महिलाओं द्वारा इस दिन पूरे दिन सिर्फ पानी पीकर उपवास किया जाता है. शाम को तलाई पूजा करने के बाद चंद्रदेव के दर्शन के बाद सत्तू, ऋतुफल और फैदड आदि परोसकर व्रत खोलती हैं. 21 अगस्त को दोपहर के बाद से रातभर और अलसुबह सूर्य उदय से पहले धमोली की जाती है. इसमें भोर सुबह में सूर्योदय से पहले भांति- भांति की मिठाई, फल और पकवानों आदि का नाश्ता किया जाता है. अलसुबह इन पकवानों का आनंद लेने के बाद अच्छी तरह से कुल्ला करके एक बार पुनः सोने की परम्परा है. बिल्कुल उसी तरह जैसे करवा चौथ में सरगी की जाती है.
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि फिर तीज के दिन तीजणियां सुबह नहा धोकर मंदिरों में दर्शन के लिए जाती है. महिलाये सोलह बार झूला झूलती है. उसके बाद ही पानी पीती है. जोधपुर शहर से शुरू हुई यह परंपरा आज पूरे देश में धूमधाम से मनाई जा रही है यानी धमोली का धमाल आप जोधपुर के अलावा जयपुर बीकानेर अजमेर दिल्ली मुंबई में भी ले सकते हैं. सिंजारा का दिन सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है. सिंजारा में मिठाई और श्रृंगार का सामान दिया जाता है. यदि बेटी ससुराल में है तो ये सिंजारा उसके मायके से भेजा जाता है और अगर बहू मायके में है तो सिंजारा ससुराल से आता है. हालांकि कई जगह पर ससुराल से सिंजारा शादी केवल पहले वर्ष में दिया जाता है. सिंजारा में आई मेहंदी को महिलाएं अपने हाथों में रचाती हैं और फिर अगले दिन हरियाली तीज का व्रत रखती हैं.
सिंजारा सामग्री लिस्ट
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि सिंजारा की सुहाग सामग्री में हरी चूड़ी, काजल , मेहंदी , नथ, बिंदी, सिंदुर, गजरा, सोने के आभूषण, मांग टीका, कमरबंद, बिछिया, पायल, झुमके, बाजूबंद, अंगूठी, कंघा आदि चीजें दी जाती हैं. तो वहीं मिठाई में घेवर, रसगुल्ला, मावे की बर्फी भेजी जाती है. इसके अलावा बहू-बेटी के लिए कपड़े भेजे जाते हैं.