अप्रधान खनिज लीज धारकों को राज्य सरकार की बड़ी राहत, अधिकारों के विकेन्द्रीकरण का किया निर्णय

जयपुरः राज्य सरकार ने प्रदेश के अप्रधान खनिज लीज धारकों को बड़ी राहत देते हुए लीज अवधि वृद्धि के सभी अधिकार संबंधित खनिज अभियंता व सहायक अभियंता को दे दिए हैं. मुख्यमंत्री व खान मंत्री भजन लाल शर्मा ने खनिज क्षेत्र में प्रक्रिया के सरलीकरण की दिशा में कदम बढ़ाते हुए अधिकारों के विकेन्द्रीकरण का यह बड़ा निर्णय किया है. इससे अप्रधान खनिजधारकों को लीज अवधि बढ़ाने के लिए अलग अलग स्तर पर आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी. इससे प्रदेश के हजारों अप्रधान खनिज लीज धारक लाभान्वित होने के साथ ही समय व धन की बचत होगी.

मुख्यमंत्री व खान मंत्री भजन लाल शर्मा ने खनिज क्षेत्र में ईज ऑफ डूइंग पर जोर देते हुए प्रक्रिया को आसान बनाने पर जोर दिया है. इससे पहले एक हैक्टेयर से कम के प्लॉट की नीलामी की बिड राशि दस लाख से घटाकर दो लाख कर दी. इससे आर्थिक दृष्टि से कमजोर और स्थानीय नागरिकों की खनिज क्षेत्र में भागीदारी बढ़ सकेगी. प्रमुख सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम टी. रविकान्त ने बताया कि अब तक अप्रधान खनिज लीजों की अवधि बढ़ाने के लिए मिनरल अनुसार राज्य सरकार, निदेशक माइंस, अतिरिक्त निदेशक माइंस एवं अधीक्षण खनि अभियंता स्तर पर आवेदन करना होता था. राज्य सरकार के सरलीकरण के निर्णय से अब संबंधित खनि अभियंता या सहायक खनि अभियंता के स्तर पर आवेदन किया जा सकेगा और उसी स्तर पर लीज अवधि को बढ़ाया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि सरलीकरण की दिशा में यह राज्य सरकार का बड़ा और क्रांतिकारी कदम है. रविकान्त ने बताया कि बजट घोषणा की क्रियान्विति में पिछले दिनों ही अधिसूचना जारी कर एक हैक्टेयर से कम के प्लॉट की नीलामी के लिए बिड सिक्योरिटी की राशि दस लाख से कम कर दो लाख रु. करने से एक हैक्टेयर से कम के खनिज पट्टों की नीलामी में स्थानीय व और अधिक लोग हिस्सा ले सकेंगे. 

प्रमुख सचिव टी. रविकान्त ने बताया कि इसी तरह से माइनर मिनरल्स के खनन पट्टाधारी और क्वारी लाइसेंसधारकों की लाइसेंस अवधि 2040 तक बढ़ाने के बाद देय प्रीमियम राशि एकमुश्त जमा कराने में असुविधा को देखते हुए अधिकतम पांच किश्तों में प्रीमियम राशि जमा कराने की छूट प्रदान कर दी गई है. साल से अधिक की अवधि बढ़ाने पर पांच किश्तों में प्रीमियम राशि जमा कराने की छूट होगी. इसमें पहली किश्त आवेदन के साथ व उसके बाद सालाना किश्त जमा करानी होगी. इसी तरह से पांच से दस साल लीज अवधि बढ़ाने पर तीन किश्तों व दो से पांच साल की अवधि के लिए प्रीमियम राशि दो किश्तों में जमा करानी होगी. उन्होंने बताया कि इससे अप्रधान खनिज लीज व क्वारी लाइसेंस धारकों को बड़ी राहत मिलेगी. गौरतलब है कि अप्रधान खनिजों में मेसेनरी स्टोन, लाइमस्टोन, मार्बल, ग्रेनाइट, फेल्सपार, क्वार्टज, सिलिका सेंड माइनर मिनरल आते हैं. 

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