VIDEO: जयपुर एयरपोर्ट पर संदिग्ध मरीज से हड़कंप, मंकीपॉक्स की आशंका में चिकित्सा विभाग को दी गई तत्काल सूचना, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर : जयपुर एयरपोर्ट पर मंकीपॉक्स का एक संदिग्ध मरीज आने से पूरे सिस्टम में हड़कम्प मच गया है. दुबई से जयपुर आए मरीज को कुछ लक्षणों के आधार पर मंकीपॉक्स का संदिग्ध माना गया, जिसके चलते चिकित्सा विभाग ने उसे डेडिकेटेड सेन्टर RUHS अस्पताल में क्वारेंटाइन किया है. चिकित्सकों की माने तो फिलहाल मरीज की हालात फिलहाल स्टेबल है,लेकिन मंकीपॉक्स की जांच के लिए सैम्पल लेकर एसएमएस मेडिकल कॉलेज की लैब भिजवाए गए हैं.

कोरोना के बाद अब खतरनाक संक्रामक डिजिज मंकीपॉक्स ने राजस्थान समेत देशभर में चिंता बढ़ा रखी है. दुनिया के कई देशों में मंकीपॉक्स के मरीज मिले है, जिसके चलते केन्द्र सरकार ने सभी राज्यों को एहतियातन एडवाइजरी जारी की है. इसके साथ ही दूसरे देशों से आ रहे यात्रियों की स्क्रीनिंग भी बढ़ाई गई है. इसी क्रम में दुबई से जयपुर आए एक संदिग्ध मरीज को एहतियातन क्वारंटाइन किया गया है. जानकारी के अनुसार एक यात्री आज सुबह दुबई से जयपुर लौटा था. जहां एयरपोर्ट पर डॉक्टर्स ने उसे चैक किया. इस दौरान यात्री के हाथों पर रैशेज देखने के बाद एयरपोर्ट से आरयूएचएस अस्पताल भेज दिया गया. 

मंकीपॉक्स संदिग्ध होने के कारण आरयूएचएस अस्पताल में विशेष इंतजाम करते हुए उसे एक विशेष वार्ड में क्वारंटाइन किया गया है. आरयूएचएस अस्पताल के अतिरिक्त अधीक्षक डॉ. वरुण सैनी ने बताया कि अभी संदिग्ध मरीज के सभी डायग्नोस किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया की मरीज के शरीर पर सिर्फ रेशेज ही है और अन्य कोई लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं. लेकिन एहतियातन मरीज के सैम्पल लेकर एसएमएस मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबाइलोजी लैब भेजे जा रहे हैं.  

"मंकीपॉक्स" को लेकर जानिए सबकुछ
- मंकी पॉक्स वायरस जानवरों से मनुष्य और मनुष्य से मनुष्य में भी फैल सकता है.
- यह वायरस कटी-फटी त्वचा आंख, नाक या मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है.
- संक्रमित जानवर से मनुष्य में वायरस काटने, खरोंचने, घास के सीधे संपर्क या अप्रत्यक्ष संपर्क से फैल सकता है.
- मनुष्य से मनुष्य में संक्रमण प्रमुख रूप से लंबे समय तक एक-दूसरे के संपर्क में रहने से भी होता है.
- संक्रमित व्यक्ति के चकते दिखने से एक-दो दिन पहले तक रोग फैल सकता है
- सभी चकतों से पपड़ी गिर न जाए, जब तक रोगी संक्रामक बना रहता है.

डब्लूएचओ का मत
मंकी पॉक्स एक ऐसा वायरस है जो चेचक की तरह फैलता है. चेचक की तरह इसके भी हल्के लक्षण होते हैं. यह बीमारी जानवरों से मनुष्यों में फैलती है. फिर लोगों ने दूसरे लोगों तक फैलती हुई चली जाती है.

ये दिखे लक्षण तो तत्काल लें चिकित्सक से परामर्श
मंकीपॉक्स मंकी पॉक्स वायरस से संक्रमित व्यक्ति को सिरदर्द,
मांसपेशियों में दर्द या थकावट, गले में खराश और खांसी की रहती है शिकायत
संक्रमित मरीज के लिंफ नोड्स अचानक बढ़ जाते है,
मंकीपॉक्स वायरस ये लक्षण 21 दिन के भीतर कभी भी देखे जा सकते है