कुवैत: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुवैत दौरे का आज दूसरा दिन है. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी को कुवैत में गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा. कुवैत के प्रधानमंत्री के साथ उनकी अहम बैठक भी होगी, जिसमें दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण समझौतों पर चर्चा और हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है. प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत और कुवैत के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिहाज से काफी अहम मानी जा रही है. दोनों देशों के बीच व्यापार और अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए इस बैठक में कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार किया जाएगा. आज शाम 6 बजे प्रधानमंत्री मोदी भारत के लिए रवाना होंगे.
कुवैत की कंपनियों के लिए भारत निवेश का डेस्टिनेशन:
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को कुवैत के 2 दिवसीय दौरे पर पहुंचे. शनिवार को पीएम मोदी भारतीय समुदाय को संबोधित किया. PM मोदी ने कहा कि कुवैत की कंपनियों के लिए भारत निवेश का डेस्टिनेशन है. कोरोना काल में भी भारत-कुवैत ने एक-दूसरे की मदद की. कुवैत भारत का बहुत अहम पार्टनर है. हम 2047 तक भारत को विकसित भारत बनाएंगे. भारत के लोग न्यू कुवैत बनाने में लगे हुए हैं. कुवैत आना मेरे लिए बहुत यादगार है. भारत के डॉक्टर और नर्स कुवैत की ताकत है.
आज का भारत नए मिजाज के साथ बढ़ रहा आगे:
PM मोदी ने कहा कि भारत के पास दुनिया की स्किल डिमांड पूरी करने की शक्ति है. आज का भारत नए मिजाज के साथ आगे बढ़ रहा. भारत के प्रयासों से दुनिया को लाभ मिल रहा है. कई दशकों तक भारत दुनिया का सबसे युवा देश है. कुवैत की हर जरूरत पूरी करने के लिए भारत खड़ा है. भविष्य का भारत दुनिया को दिशा दिखाएगा. भारत दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता है.
सबके दिल में भारत माता की जय की गूंज:
भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए PM मोदी ने कहा कि मैं एक अलग ही अपनापन और गर्मजोशी महसूस कर रहा हूं. लग रहा मेरे सामने मिनी हिंदुस्तान उमड़ आया है. सबके दिल में भारत माता की जय की गूंज. मैं आप सभी को क्रिसमस, न्यू ईयर की बधाई देता हूं. 43 साल बाद भारत का कोई प्रधानमंत्री कुवैत आया. भारतीय PM को कुवैत आने में 4 दशक लग गए. आज निजी रूप से मेरे लिए ये पल बहुत खास.
कुवैत के समाज में भारतीयता का तड़का:
PM मोदी ने कहा कि कुवैत की लीडरशिप भारतीयों की प्रशंसा करती है. कुवैत के समाज में भारतीयता का तड़का है. भारत और कुवैत का रिश्ता सभ्यताओं का है. कुवैत में भारतीयों का बहुत सम्मान है. हमारा वर्तमान और अतीत भी हमें जोड़ता है. गुजरात के बंदरगाह भारत-कुवैत के रिश्तों के साक्षी. कुवैत की अगली पीढ़ी को भारतीय मजबूत बना रहे. पहले कुवैत में भी भारतीय रुपया चलता था. कुवैत के लोग भी रुपए का मतलब समझते थे. कुवैत के मोती भारत के लिए हीरे से कम नहीं है.