जयपुर: उदयपुर शहर में चली आ रही पेयजल की समस्या का अब स्थायी समाधान होगा. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा खुद उदयपुरवासियों को बड़ी सौगात देंगे. जिसके बाद उदयपुर शहर में कभी पेयजल की समस्या नहीं रहेगी.
उदयपुर शहर की पेयजल व्यवस्था और फतेहसागर व पिछौला झील में बारिश के पानी का इंतजाम किया जाएगा ताकि दोनों झीलों में कभी पानी की कमी नहीं रह सके. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा एक मार्च को देवास तृतीय व चतुर्थ परियोजना का शिलान्यास करेंगे. कार्यक्रम में असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया भी मौजूद रहेंगे. बतादें कि लम्बे समय से उदयपुर की पेयजल व्यवस्था को बेहतर बनाने और फतेहसागर व पिछौला झील में पानी की कमी को दूर करने की प्लानिंग चल रही थी. शिलान्यास कार्यक्रम से पहले जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत उदयपुर के गोगुंदा क्षेत्र का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लेंगे.
-देवास तृतीय व चतुर्थ परियोजना
मुख्यमंत्री ने बजट घोषणा 2023-24 में की थी घोषणा
बांध और टनल निर्माण पर खर्च होंगे 1690.55 करोड़ रुपए
देवास तृतीय के तहत उदयपुर के गोगुूंदा तहसील में बनेगा बांध
नाथियाथाल गांव के पास 703 एमसीएफटी क्षमता का बांध बनेगा
इससे 11.04 किमी. लम्बी सुरंग का किया जाएगा निर्माण
यहां से देवाल द्वितीय में जल अपवर्तन किया जाएगा
देवास द्वितीय व सुरंग से उदयपुर शहर की पिछौला झील में पानी डाला जाएगा
देवास चतुर्थ परियोजना के तहत गोगुंदा तहसील के अंबावा गांव में बनेगा बांध
390 एमसीएफटी क्षमता का बांध बनाया जाएगा
यहां 4.3 किमी. सुरंग का निर्माण कर, देवास तृतीय से जोड़ा जाएगा
देवास तीन का चतुर्थ में डाला जाएगा पानी
दोनों टनल व बांधों को मिलाकर 156.18 हैक्टर वन भूमि आ रही है
दोनों टनल व बांधों को मिलाकर 133.45 हैक्टर निजी भूमि का अधिग्रहण प्रस्तावित
परियोजना में एक हजार एमसीएफटी जल उदयपुर शहर की झीलों में डाला जाएगा
इस पानी के कारण ऐतिहासिक झीले सालभर भरी रहेंगी
इससे उदयपुर शहर के पर्यटन व पर्यावरण को बढ़ावा मिलेगा
मुख्यंमत्री भजनलाल शर्मा देवास तृतीय व चतुर्थ परियोजना की सौगात देकर उदयपुर के पर्यटन को पंख लगाएगा. पर्यटन सीजन में उदयपुर में सबसे अधिक भीड़ रहती है और 44 माह के भीतर दो बांधों और फतेहपुर व पिछौला झील लिए सालभर बारिश का पानी का इंतजाम होगा तो रौनक और बढ़ जाएगा. बतादें कि उदयपुर के लिए वर्ष 2036 को देखते हुए पेयजल का इंतजाम किया जा रहा है. माना जा रहा है कि वर्ष 2031 तक उदयपुर शहर की जनसंख्या 8 लाख 75 हजार 874 हो जाएगी. वर्तमान में 1738 एमसीएफटी पेयजल ही उपलब्ध है, जबकि वर्ष 2036 तक 2613 एमसीएफटी पानी की आवश्यकता रहेगी.