VIDEO: आंदोलन की राह पर जलदाय कर्मचारी, PHED के लिए गले की फांस बना जल निगम, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: जलदाय विभाग के कार्यों को राजस्थान वाटर सप्लाई एंड सीवरेज कॉर्पोशन यानि RWSSC को देने का विरोध अब तेज हो गया है. प्रदेश के जलदायकर्मियों ने आज जलदाय विभाग के मुख्यालय जलभवन पर बड़ा प्रदर्शन किया और रैली के रूप में मुख्यमंत्री आवास की तरफ कूच कर गए. एक बार तो पुलिस प्रशासन के हाथ पैर फूल गए, लेकिन बाद में कर्मचारी नेताओं की समझाइश से कर्मचारी फिर जलभवन लौटे. 

प्रदेश के जलदाय विभाग को कमजोर करके RWSSC को ताकतवर बनाना जलदायकर्मियों को रास नहीं आ रहा है. जलदाय विभाग के कर्मचारी लगातार आंदोलन पर उतारू है. सोमवार को राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ के अध्यक्ष कुलदीप यादव के नेतृत्व में प्रदेश के हजारों जलदाय कर्मियों ने जलभवन पर प्रदर्शन किया. कर्मचारियों ने RWSSC के एक्ट को वापस लेने की मांग की . कुलदीप यादव ने कहा कि देश आजाद होने के बाद से ही जलदाय विभाग सरकार के अधीन है, लेकिन अब जलदाय विभाग को ही RWSSC के अधीन करने का कदम उठाया जा रहा है. प्रदेश में अन्य कॉर्पोरेशन  की हालत पहले से ही खराब है, ऐसे में अब पानी का काम भी कॉर्पोरेशन के माध्यम से कराके कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात किया जा रहा है. कुलदीप यादव ने कहा कि कॉर्पोरेशन के माध्यम से अब पानी की दरें भी बढाइ जाएगी, जिससे जनता पर असर पड़ेगा. वहीं अखिल राजस्थान कर्मचारी संयुक्त महासंघ के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि यदि RWSSC के अधीन जलदाय विभाग को किया जाएगा, तो कर्मचारियों का मासिक वेतन,  पेंश्न व अन्य सुविधाएं का भुगतान भी समय पर नहीं हो पाएगा. उन्होंने कहा कि विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों में भय का माहौल उत्पन्न हो गया है.

- जलदायकर्मियों का जल भवन पर बड़ा प्रदर्शन
- RWSSC को जलदाय विभाग के कार्य सौपने का विरोध
- राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ सहित विभिन्न संघ ने किया प्रदर्शन
- प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप यादव के नेतृत्व में कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
- जल निगम बनाने के गजट नोटिफिकेशन की प्रतिया जलाई

जल निगम बनाने का विरोध कुछ अभियंताओं ने भी किया था, लेकिन उनकी मांग पर फिर खुद के प्रमोशन पर ही खत्म हो गई. इसके बाद अब राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ ने आंदोलन की कमान संभाली है. PHED में जल निगम का विरोध इतना तेज हो गया कि आज सैकड़ों कर्मचारियों ने अचानक मुख्यमंत्री आवास की तरफ कूच कर दिया. सैकड़ों कर्मचारी जल भवन से सड़क पर आ गए,लेकिन हैरानी की बात यह थी कि पुलिस प्रशासन के पास पर्याप्त जाब्ता मौके पर नहीं था. अकेले एक थानेदार व तीन-चार पुलिस कर्मी ही इन हजारों कर्मचारियों को रोकने का असफल प्रयास करते रहे. इस दौरान पुलिस और कर्मचारियों के बीच टकराव हुआ. इसके बाद जब कर्मचारी नेताओं की समझाइश पर ही  मामला कुछ  शांत हुआ, तब पर्याप्त पुलिस जाप्ता बुलाया.

- कर्मचारियों का आंदोलन, इंटेलिजेंस फेल
- जलदाय कर्मचारियों का प्रदर्शन, पुलिस के हाथ पांव फूले
जल भवन से मुख्यमंत्री आवास की तरफ कूच किया कर्मचारियों ने
- जयपुर क्लब के आगे सिविल लाइन्स चौराहे के पास पहुंच गए कर्मचारी
- इस वक्त 6-7 पुलिसकर्मियों ने किया रोकने का प्रयास
- लेकिन बड़ी संख्या में कर्मचारी नहीं रुक सके इन पुलिसकर्मियों से
- बाद में नेतृत्व कर रहे कर्मचारी नेताओ ने ही रोका कर्मचारियों को
- इसके बाद कंट्रोल रूम सूचना पहुँचने पर एक के बाद एक पुलिस की गाड़ियां आयी
- दरअसल पहले से ऐसे आंदोलन का अंदेशा नहीं था पुलिस को

RWSSC के विरोध की सबसे बड़ी वजह राजस्थान वाटर सप्लाई एंड सीवरेज कॉरपोरेशन 1979 का वो नियम है जिससे कर्मचारियों में असुरक्षा का माहौल बना हुआ है.  इस एक्ट के नियम 23 के तहत जलदाय विभाग के सभी कर्मचारी और अधिकारी आवश्यकतानुसार कॉरपोरेशन में हस्तांतरित किए जाएंगे.जैसे ही वे हस्तांतरित होंगे उनका मूल पद समाप्त हो जाएगा. इसके बाद वे राज्य सरकार नहीं बल्कि कॉरपोरेशन के कार्मिक होंगे. कर्मचारियों का कहना है कि RWSSC  के अधीन कार्यरत स्टाफ को किए जाने से उनकी सेवा प्रभावित होगी. .बोर्ड के अधीन जाने से कर्मचारियों की वरिष्ठता,वेतन,पेंशन सहित कई विवाद उत्पन्न होंगे, क्योंकि प्रदेश में पहले से चल रहे निगमों की हालात बहुत खराब है. कर्मचारियों ने जलदाय मंत्री व चीफ इंजीनियर के खिलाफ भी अपनी नाराजगी व्यक्त की है.