राजस्थान सरकार में 4 प्रमुख नीतिगत निर्णय लंबित, जल्द होगा फैसला, देखिए खास रिपोर्ट

जयपुरः भजनलााल सरकार में 4 प्रमुख नीतिगत निर्णय लंबित हैं जिन पर जल्द फैसला होगा. इसके जरिये प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार होगा तो वहीं आम लोगों से जुड़े काम भी होने के आसार हैं. नौ माह पूर्व भजनलाल सरकार मैंडेट लेकर आई और इसे लेकर काम भी शुरू हुआ,लेकिन आचार संहिता और अन्य कारणों से सही गति से काम नहीं हो पाया. इसके चलते अहम नीतिगत निर्णय अटके हुए हैं. 

नए बनाए जिलों और संभागों की समीक्षा
इसे लेकर रिटायर्ड आईएएस ललित के पंवार की अध्यक्षता में बनाई पंवार कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी. कमेटी ने नए बनाए जिलों में वित्तीय संसाधनों,क्षेत्रफल,आबादी और सीमाओं को लेकर परीक्षण किया.

इसे लेकर कैबिनेट सब कमेटी में विचार हुआ है. प्रदेश के सबसे छोटे दूदू जिले को लेकर पसोपेश और अन्य कारणों के चलते पूर्व संयोजक डिप्टी सीएम डॉक्टर प्रेमचंद बैरवा की जगह स्कूल शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को इसका संयोजक बनाया है. 

पूर्व में जनगणना से जुड़े पहलुओं को लेकर प्रशासनिक सीमाएं सील करने और उसमें संशोधन संभव नहीं था,लेकिन अब यह बंदिश हटा ली गई है और अब किसी जिले की सीमा में विस्तार या उसे कम करना संभव है. 

ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द ही इस पर सरकार फैसला करेगी. 

एसआई परीक्षा निरस्त करने या न करने को लेकर फैसला

इसे लेकर बनाई गई मंत्रियों की कमेटी ने अपना काम पूरा कर लिया है और अब अफशरों के साथ कोई बैठक नहीं होगी. माना जा रहा है कि 13 अक्टूबर को प्रस्तावित कैबिनेट की बैठक में इसे लेकर निर्णय होगा. 

कमेटी ने परीक्षा निरस्त होने से जुड़ी तमाम संभावित समस्याओं का आकलन कर लिया है और निरस्त होने पर इसमें कोर्ट केस होने पर सरकार के उठाए जाने वाले संभावित कदमों का भी विधिक परीक्षण कराया है. 

तबादलों पर प्रतिबंध हटाने या नहीं हटाने संबंधी निर्णय
प्रदेश में विधानसभा की रिक्त सीटों पर जल्द उपचुनाव संभावित है. 

इससे पूर्व जनप्रतिनिधियों की खासी मांग है कि तबादलों पर रोक हटा ली जाए जिससे अधिकारियों और कर्मचारियों को भी राहत मिल सके. 

माना जा रहा है कि इसे लेकर भी जल्द फैसला होगा. 

पिछली सरकार के अंतिम 6 माह के निर्णयों की समीक्षा
इसे लेकर भी सरकार का जल्द रुख साफ होगा. 

कमेटी को अभी करीब 40 प्रकरणों को लेकर विचार करना है. 

अधिकतर बिंदुओं को लेकर इसे लेकर बनाई मंत्रियों की कमेटी विचार कर चुकी है. 

खास तौर  पर संस्थाओं को भूमि आवंटन से जुड़े प्रकरणों पर कमेटी के रुख को लेकर खास दिलचस्पी है. 

इन मुद्दों पर सरकार क्या निर्णय? करती है इसे लेकर निगाहें टिकी हुई हैं.