जयपुरः कोलकाता प्रकरण को लेकर राजस्थान में जारी रेजिडेंट्स की हड़ताल अब हठ-ताल में तब्दील होती नजर आ रही है. प्रशासन ने सुरक्षा समेत सभी मांगों को लेकर सकारात्मक रूख दिखाया है, लेकिन "टाइम-लाइन" के साथ लिखित आदेश को लेकर रार बरकरार है. आश्चर्य की बात ये है कि पिछले कुछ दिनों से हजारों की तादाद में मरीज अस्पतालों में इलाज के लिए इधर से उधर भटकने को मजबूर है, बावजूद इसके धरती का भगवान कहे जाने वाले युवा डॉक्टरों का मन पिघलने का नाम नहीं ले रहा है.
कोलकता प्रकरण को लेकर देशव्यापी आंदोलन के तहत राजस्थान में भी रेजिडे्टस कार्यबहिष्कार की राह पर है. एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्रशासन के स्तर पर रेजिडे्टस से कई स्तर की वार्ता हो चुकी है, जिसमें रेजिडेंट्स की डीडीआर में CCTV,इमरजेंसी में पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था और राज्य सरकार की तरफ से केन्द्र को सीपीए के लिए पत्र लिखने पर लगभग सहमति बन गई है. बावजूद इसके रेजिडेंट्स "टाइम-लाइन" के साथ लिखित में सहमति पर अड़े हुए है. इस अडियल रवैये के चलते न सिर्फ एसएमएस बल्कि प्रदेशभर के अस्पतालों में मरीज इलाज के लिए जूझ रहे है. इस बारे में एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ दीपक माहेश्वरी का कहना है कि सभी मांगों को मानने के लिए प्रशासन तैयार है, लेकिन रेजिडेंट्स अब भी अड़े हुए है. जबकि दूसरी और जार्ड अध्यक्ष डॉ मनोहर सोयल ने कहा है कि जब तक लिखित में नहीं दिया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
आंदोलन के बीच एसएमएस मेडिकल कॉलेज की एक महिला रेजिडेंट की प्रताड़ना की शिकायत ने भी तूल पकड़ लिया है. पूरे मामले में मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ दीपक माहेश्वरी ने जांच के लिए एक कमेटी गठित की है. डॉ माहेश्वरी ने कहा है कि कमेटी की रिपोर्ट में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके हिसाब से सख्त कार्रवाई की जाएगी. इधर पूरे मामले में रेजीडेंट्स डॉक्टर्स के अध्यक्ष डॉ मनोहर सोयल ने कहा है कि जो गलत है उसका हम विरोध करते है और सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
बातचीत के दौर के बीच रेजिडेंट्स डॉक्टरों ने आज एकबार फिर जयपुर में शक्ति प्रदर्शन किया. रेजिडे्ंट स्टेच्यू सर्किल पर जमा हुए, जहां उन्होंने प्रशासन से सुरक्षा की मांग उठाते हुए जमकर नारेबाजी की. इस दौरान पुलिस का भारी जाप्ता भी सर्किल पर तैनात रहा.