हादसों को लेकर एक्शन में भजनलाल सरकार, भांकरोटा अग्निकांड और बोरवेल की घटनाओं को लेकर एक्शन, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: भांकरोटा सड़क हादसे को लेकर मुख्यमंत्री की बैठक के बाद शुक्रवार को सचिवालय में   मुख्य सचिव सुधांश पंत ने बैठक लेकर 1 से 31 जनवरी तक परिवहन विभाग को सघन अभियान चलाने के निर्देश दिए. इसके साथ ही उन्होंने मिशन मोड पर काम करते हुए सभी खुले बोरवैल को बंद करने और इसे लेकर जिम्मेदारी तय करते हुए संबंधित अधिकारियों के निर्देश दिए. भांकरोटा सड़क हादसे और बोरवैल में बच्चों के गिरने की घटनाओं को लेकर भजनलाल सरकार एक्शन मॉड में है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशों की क्रियान्विति फील्ड में कैसे हो इसे लेकर सीएस सुधांश पंत ने शुक्रवार को अधिकारियों के साथ बैठक लेकर निर्देश दिए.

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने दिए निर्देश:
-भांकरोटा सड़क हादसे के बाद 1 जनवरी से 31 जनवरी तक पूरे प्रदेश में चलेगा सघन अभियान.
-पुलिस और परिवहन विभाग की ओर से चलाया जाएगा संयुक्त अभियान.
-नियमों के विपरीत चलने वाले वाहनों पर जीरो टॉलरेंस के तहत होगी कार्रवाई.

यह है जरूरत:
-सड़क हादसे रोकने के लिए रोड सेफ्टी में अलग से पद सृजित करने की जरूरत.
-परिवहन विभाग का नाम बदलकर परिवहन और सड़क सुरक्षा तो कर दिया गया है,लेकिन आज तक -सड़क सुरक्षा के नाम पर आज तक अलग कैडर का गठन नहीं हुआ है.
-परिवहन विभाग में कैडर रिव्यू और पुनर्गठन कर पृथक से जिला परिवहन अधिकारी,
-अपर प्रादेशिक परिवहन अधिकारी, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी,
-संयुक्त परिवहन आयुक्त, अपर परिवहन आयुक्त के पदों सृजन करने की जरूरत.

परिवहन विभाग करीब प्रतिवर्ष सौ करोड़ रुपए सड़क सुरक्षा पर करता है खर्च:
-इसका उपयोग कर सरकारी फिटनेस सेंटर्स, ड्राइविंग स्कूल्स और ट्रेनिंग सेंटर्स का होना चाहिए निर्माण
फिटनेस सेंटर्स की मशीन की रिपोर्ट्स सीधा वाहन सॉफ्टवेर पर अपलोड हो और उसको एडिट नहीं किया जा सके.
-ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक का संचालन सरकार स्वयं करें और प्राइवेट सेंटर्स पर सरकार लगाम कसे.
-साथ ही इतने बड़ा बजट कहां खर्च हो रहा है, इसे लेकर भी पुख्ता मॉनिटरिंग की जरूरत. 

सड़क हादसे रोकने के लिए करने होंगे कई अहम बदलाव:
-रोड इंजीनियरिंग में तकनीकी एक्सपर्ट को शामिल कर रोड डिज़ाइन किए जाए.
-इसे राजनीतिक दबाव और जनता के दबाव से भी अलग रखा जाए.
-राजमार्गों पर आवारा पशुओं का प्रवेश रोका जाए.
-परिवहन विभाग की चेकिंग प्रणाली में निष्पक्ष सुधार करने के लिए चेकिंग प्लाजा की स्थापना हो. 
-सड़क हादसे रोकने के लिए सीज़र यार्ड भी बनाये जायें.
-सड़क हादसों को रोकने के लिए परिवहन विभाग की चेकिंग प्रणाली में करना होगा बदलाव.
-जब से परिवहन विभाग का गठन हुआ है, तब से पुरानी चेकिंग प्रणाली पर हो रहा काम.
-रोड के बीच में अचानक वाहन को रोकना और चेक करना इससे बढ़ते ट्रैफिक दबाव के चलते दुर्घटना की आशंका.

गलत चेकिंग प्रणाली में सुधार के लिए चेकिंग प्लाजा के निर्माण की जरूरत:
-जहां पर सीजर यार्ड वे ब्रिज आदि की पूर्ण व्यवस्था करने की जरूरत ताकि ड्राइवर भी पहले से रोकने और पेपर चेक करवाने के लिए प्रॉपर तैयार हो.
-इससे अचानक चेकिंग के डर से ड्राइवर द्वारा वाहन भगाना या अचानक ब्रेक लगाने पर लगेगी लगाम और दुर्घटनाएं भी घटेंगी.
-अभियान के तहत दुर्घटना संभावित स्थानों को चिन्हित करके इनके जल्द सुधार करने और चिन्हित ब्लैक स्पॉट्स को प्राथमिकता के आधार पर ठीक करने के दिए निर्देश.
-सड़क सुरक्षा के बारे में जागरुकता अभियान चलाकर स्कूलों,कॉलेजों और कार्यस्थलों पर जागरुकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश.
-आम लोगों को ट्रैफिक नियमों की पालना करने के लिए प्रोत्साहित करने व प्रेरित करने के निर्देश.
-सड़क सुरक्षा के तहत राज्य में एज्यूकेशन,इंजीनियरिंग,इमरजेंसी केयर,इवेल्यूएशन,एनगेजमेंट आधारित 6 ई का फॉर्मूला अपनाकर रणनीति के तहत कार्यवाही शुरू की जाने के निर्देश.
-दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में बैरिकेडिंग,साइन बोर्ड,स्पीड ब्रेकर सहित तमाम प्रबंध करने,सीसीटीवी कैमरे स्थापित करने,स्पीड मॉनिटरिंग उपकरण और ऑटोमेटेड चालान प्रणाली लागू करने के निर्देश.
-बिना परमिट के वाहनों की सड़कों पर आवाजाही न हो,यह सनिश्चित करने और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही के निर्देश.
-ट्रोमा केयर सदृढ़ीकरण करने, गैर मोटर चलित वाहनों पर रिफ्लेक्टिव टेप लगाने,जिलों में सड़क सुरक्षा समितियों के जरिये आईरैड आधार पर एंबुलेंसों की प्री-पॉजिशनिंग के सीएम के निर्देशों की क्रियान्विति समयबद्ध तरीके से करने के निर्देश.

प्रदेश में सड़क हादसों का बढ़ता ही जा रहा आकंडा:
-इस साल नवंबर के माह तक हो चुके हैं 23064 सड़क हादसे 
-इन हादसों में गई है 10787 लोगों की जान
-21461 लोग हुए हैं सड़क हादसों में घायल
-2020 में प्रदेश में 19114 सड़क हादसे हुए इनमें 9250 लोगों की मौत हुई. 
-2021 में 20951 सड़क हादसे हुए इनमें 10043 लोगों की मौत हुई.
-2022 में 23614 सड़क हादसे हुए इनमें 11104 लोगों की मौत हुई.
-2023 में 23041 सड़क हादसे हुए इनमें 11762 लोगों की जान गई.

बोरवैल बंद करने के लिए जिम्मेदारी तय करने के निर्देश:
-बोरवैल खोदने से पहले मंजूरी ली गई है या नहीं,यह सुनिश्चित करने के निर्देश. 
-खुले बोरवैलों को तुरंत बंद करवाने के और इसकी मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने के निर्देश. 
-बोरवैल खोदने,उसकी गहराई आदि तय करने और उसकी मंजूरी देने के लिए जवाबदेही सुनिश्चित करने के निर्देश.
-इसके लिए बनाई गई गाइडलाइन की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश.
-गाइडलाइन में क्या है इसकी आम लोगों में सही तरीके से जानकारी देने,जागरूकता बढ़ाने के भी निर्देश.
-जिला प्रशासन,पंचायत से लेकर पटवारी तक की भूमिका तय करके दुर्घटना होने पर कार्यवाही सुनिश्चित करने को कहा.

बैठक में पूरा जोर इस बारे में मुख्यमंत्री के गुरुवार को दिए निर्देशों की किस तरह से फील्ड में पालना सुनिश्चित हो,इस पर केन्द्रित रहा. बैठक में संबंधित विभागों के एसीएस,प्रमुख सचिव और सचिव मौजूद रहे. साथ ही जिलों से वीसी के जरिये कलेक्टर,संभागीय आयुक्त भी जुड़े. 

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