उतराखंड़ः चारधाम यात्रा का 10 मई से आगाज होने के बाद से ही श्रद्धालुओं के जाने का सिलसिला लगातार जारी है. सैक़ड़ों की तादाद में पुहंच रहे भक्तों के चलते व्यवस्था चरमरा गई है. यही कारण है कि अब श्रद्धालुओं की व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी गंभीर हो गए है. बेहतर प्रबंधन को लेकर चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है. जिस भी यात्री को यात्रा पर जाना है उसको अब पंजीकरण कराना होगा. ताकि किसी श्रद्धालुओं को किसी समस्याओं का सामना न करना पड़ें. इसलिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है.
हालांकि हरिद्वार-ऋषिकेश में 'ऑफलाइन' पंजीकरण बंद किए जाने के बाद अब 'ऑनलाइन' पंजीकरण करने पर ही श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आ सकते है. तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है ताकि उत्तराखंड आने वाले तमाम तीर्थ यात्रियों को अच्छी व्यवस्था के साथ चारो धामों के दर्शन हो सकें.
अब तक पहले 13 दिनों में 8,52,018 तीर्थयात्री चारों धामों के दर्शन कर चुके है. इस दौरान फर्जी पंजीकरण के जरिए केदारनाथ यात्रा पर जाने के 9 प्रकरणों में मुकदमा दर्ज.
बता दें कि 10 मई से शुरू हुई चारधाम यात्रा को लेकर यात्रियों को यह भी सलाह दी गई है कि पंजीकरण होने पर वे निर्धारित तिथि पर ही यात्रा पर आएं और जिस धाम के लिए पंजीकरण करवाया है. वहीं जाए. क्योंकि भक्तों का उमड़ा जन सैलाब अब प्रशासन के लिए चिंता का विषय बन गया है. श्रद्धालुओं की लंबी लंबी कतारों से लेकर सड़कों के बीच वाहनों के जाम के चलते लोगों को घंटों तक इंतजार करना पड़ रहा है. इसके बाद सरकार ने गंभीरता से इसको लेते हुए पंजीकरण को अनिवार्य किया है.