VIDEO: लम्बे समय से एक ही जगह जमे अधिकारियों के तबादले पर मुख्य सचिव के निर्देशों का नहीं असर, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर : लंबे समय से एक ही जगह जमे अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले के मुख्य सचिव के निर्देशों का कोई भी असर नहीं हो रहा है. बड़ी संख्या में सचिवालय सेवा से जुड़े ऐसे अधिकारी-कर्मचारी हैं जो एक से करीब-करीब दो दशक तक एक ही जगह लगे हैं और बार-बार जारी की जाने वाली तबादलों, प्रमोशन और पोस्टिंग की सूची में उन्हें इधर-उधर नहीं किया जाता है. 

सीएस सुधांश पंत ने प्रशासनिक मुखिया का कामकाज संभालने के बाद निर्देश दिए थे कि विभागों और सचिवालय में भी एक ही जगह पर जमे अधिकारियों और कर्मचारियों को इधर-उधर किया जाए ताकि  गुड गवर्नेंस के मैंडेट को कायम रख सके. इसके उलट सचिवालय में कई विभागों में ऐसे अधिकारी और कर्मचारी हैं जो वर्षों से एक ही जगह टिके हैं. यहां तक कि हाल ही में जारी तबादला सूची में भी इसकी साफ बानगी दिखती है. 

कैसे हो रहा निर्देशों का उल्लंघन ?
-सचिवालय में एक ही जगह एक दशक या ज्यादा समय से टिके हैं अफसर और कर्मचारी. 
-यहां तक कि कर्मचारी का AS,DS और सीनियर डीएस पद पर प्रमोशन हो जाता है तब भी वे उसी पद पर रहते हैं. 
-ऐसे भी उदाहरण हैं कि प्रमोट होने पर भी उससे नीचे के पद पर अधिकारी और कर्मचारी बने रहते हैं. 

क्यों नहीं छूटता मोह ?
एक ही जगह बने रहने का एक कारण यह है कि कर्मचारी अमूमन उसी काम को करने में दिलचस्पी रखते हैं जो वे जानते हैं. 
अलग-अलग विभागों में तबादला या पोस्टिंग करने के पीछे मंशा थी कि अलग-अलग विभागों में राजकाज के काम और उसकी तकनीकी बारीकियों से अधिकारी-कर्मचारी रूबरू हो सकें, लेकिन कर्मचारियों की इसमें कम दिलचस्पी रहती है. 
अमूमन जिस विभाग में अधिकारी या कर्मचारी काम करते हैं वहां के मुखिया अफसर से संबंधित कर्मी या अधिकारी का अच्छा तालमेल रहता है जिससे राजकाज में सुगमता रहती है. इस कारण मुखिया अफसर उनका तबादला नहीं चाहते या तबादला होता है तो निरस्त करवाने की कोशिश होती है. 
-खुद अधिकारी और कर्मचारी संबंधित मुखिया अधिकारी के साथ काम करने में सुविधाजनक और सहजता महसूस करता है.
- अक्सर एक विभाग में लंबे समय काम करने के पीछे यह भी कारण होता है कि संबंधित विभाग में उसे काम करने की सहूलियत मिलती है. वैसी सहूलियतें उन्हें अन्य विभाग में जाने पर नहीं मिलने की आशंका रहती है.
-कुछ विभागों का कामकाज तकनीकी जटिलता लिए होता है जिसे लंबे समय तक काम करने का अनुभव रखने वाले अधिकारी-कर्मी ही संभाल सकता है जिस कारण भी अधिकारी-कर्मी एक ही जगह टिका रहता है. 
सचिवालय सेवा की तबादला सूची का विश्लेषण
हाल ही में जारी हुई तबादला सूची में जिन 81 अधिकारियों के तबादले और पोस्टिंग हुई है उनमें से 31 अधिकारी ऐसे हैं जिनकी वहीं की वहीं पोस्टिंग हो गई है या उनकी मौजूदा या उससे नीचे के पद के विरुद्ध पोस्टिंग की गई है. 
-जल संसाधन एसीएस ऑफिस में डीएस का सीनियर डीएस पद पर प्रमोशन हो गया और पदोन्नति पर उनकी पोस्टिंग भी हो गई लेकिन जल संसाधन एसीएस के कार्यालय में ही निजी सचिव के पद के विरुद्ध रखा.
-कार्मिक क 3 जांच विभाग में डीएस से सीनियर डीएस बने अधिकारी उसी जगह पर ही प्रमोट किया और फिर भी वहीं रखा गया. 
-कौशल उद्यमिता सचिव ऑफिस में डीएस को उसी पद और ऑफिस में निजी सचिव के पद के विरुद्ध रखा गया.
-प्रशासनिक सुधार आरटीआई में AS अब डीएस बन गए लेकिन उसी ऑफिस में उनकी पोस्टिंग की गई. 
-इसके अलावा भी ऐसे ढेरों उदाहरण हैं जिनका प्रमोशन तो हो गया लेकिन प्रमोशन पोस्टिंग उनके मौजूदा या उससे नीचे के पद पर दी गई है. 

सीएमओ और सीएस ऑफिस जैसी जगहों पर कई बार यह कहकर पोस्टिंग की जाती रही है कि ये बेहद अहम और नीतिगत फैसलों वाले विभाग हैं.