VIDEO: भजनलाल सरकार में नीति के साथ ही हों तबादले, इसको लेकर मुख्य सचिव सुधांश पंत बेहद गंभीर, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर : भजनलाल सरकार में नीति के साथ ही तबादले हों, इसके लिए मुख्य सचिव सुधांश पंत बेहद गंभीर हैं. उनके मार्गदर्शन अनुसार प्रशासनिक सुधार सचिव ने सभी सरकारी विभागों के लिए व्यापक दिशा निर्देश जारी किए हैं जिसके आधार पर विभाग मसौदा बनेगा और फिर नीति के साथ ही तबादले का रोडमैप बनाया जाएगा. 

एआरडी सचिव राजन विशाल ने सरकारी विभागों को तबादले का मसौदा बनाने के लिए व्यापक दिशा निर्देश जारी किए हैं. 

-विभाग अपने स्टेकहोल्डर्स/कर्मचारियों से विचार विमर्श करके जो तबादला नीति बनाएंगे वह प्रशासनिक सुधार विभाग भेजने के बाद उसका मुख्यमंत्री स्तर पर अनुमोदन होगा.

विभागों को काउंसलिंग के जरिये तबादले वाले योग्य पद और स्थान/ जिले में संभावित रिक्त पदों का विवरण हर वर्ष 15 जनवरी तक वेबसाइट/नोटिस बोर्ड पर चस्पा करना होगा. 

विभागों को राजपत्रित और अराजपत्रित अधिकारियों-कर्मियों की जरूरतों के मद्देनजर अपनी नीति में पोर्टल में अलग-अलग प्रावधान करना होगा. 

विभागों का दो हजार से ज्यादा और कम के आधार पर वर्गीकरण करने के साथ यह सुनिश्चित करना होगा कि तबादला समकक्ष पदों पर ही किया जाए. 

एक से तीस जनवरी तक विभाग अपने पोर्टल पर तबादले के लिए संभावित रिक्त पदों का ब्योरा प्रदर्शित करेंगे.

1 से 28 फरवरी तक विभागों को आवेदन लेना होगा और बिना आवेदन तबादले पर विचार नहीं होगा.

कैंसर,गुर्दा प्रत्यारोपण, ओपन हार्ट सर्जरी,बाईपास सर्जरी, डायलिसिस जैसे असाध्य रोग से ग्रसित रोगियों को तबादले में प्राथमिकता मिलेगी. 

गुर्दा,लीवर दान करने वाले रोगी ऑपरेशन से पहले तीन वर्षों के लिए प्राथमिकता  मिल सकेगी. 

मनोचिकित्सक रोग,लकवा,स्थायी निःशक्तता,अंधापन,मूक बधिर,मानसिक निःशक्तता, ऑटिज्म या बहुआयामी निःशक्तता वाले रोगियों को राहत मिल सकेगी. 

इसके साथ-साथ भूतपूर्व सैनिक, उत्कृष्ट खिलाड़ी,अलग-अलग पोस्टेड पति-पत्नी,शहीदों के आश्रितों के परिवार का सदस्य होने, दूरस्थ जिलों/डार्क जोन/ हार्ड एरिया में कार्यरत कर्मियों को तय अवधि तक कार्यकाल पूरा करने पर राहत मिल सकेगी. 

इसका ध्यान रखना होगा कि एकल कार्मिक वाले कार्मिकों में उस कार्मिक का उपयुक्त विकल्प या उचित री प्लेसमेंट मिलने पर ही तबादला किया जाए. 
तबादला आवेदन सेवा के दो वर्ष पूरे होने पर ही कर्मी कर सकेगा. दो वर्ष पूरे होने की गणना 1 अप्रैल को माना जाएगा. 

दिव्यांग,विधवा,परित्यक्ता,एकल महिला दो माह से पहले ही आवेदन कर सकेंगे.

-प्रशासनिक तबादले के लिए नीति-
प्राथमिक जांच में प्रथम दृष्टया सही पाई जाने वाली गंभीर शिकायत को लेकर तबादला संभ‌व.
-कर्मचारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही विचाराधीन होने पर तबादला संभव ताकि वह उसी पद पर रहकर जांच प्रभावित नहीं कर सके. 
-कर्मचारी के प्रमोशन पर यथासंभव पदोन्नत कर्मी को रिक्त पद पर ही पदस्थापित किया जाएगा. 

---विशिष्ट प्रकृति के मामले---
कर्मी का एक विभाग से दूसरे विभाग में अंतर्विभागीय समायोजन होने पर या किसी विभाग से प्रतिनियुक्ति पर आने पर उपलब्ध रिक्त पद पर ही पदस्थापन संभव. 
न्यायिक प्रकरणों के मामले,पद समाप्ति या पदावनति की स्थिति में.
नवनियुक्ति कर्मियों को यथासंभव विभाग में उपलब्ध रिक्त पद पर ही पदस्थापित किया जाएगा. 
एपीओ प्रकरणों में प्रशासनिक सुधार विभाग की सहमति से ही तबादला या पोस्टिंग की जाएगी. एपीओ होने के बाद पिछली पोस्टिंग वाली जगह पर पोस्टिंग नहीं दी जाएगी. 

---सामान्य दिशा निर्देश---
कर्मचारी की सेवानिवृत्ति में एक साल या कम समय रहने पर तबादला नहीं किया जाएगा. 
ऐसा कर्मचारी खुद तबादले का इच्छुक हो तो उसका तबादला संभव है. 
किसी पद से तबादले के बाद कर्मचारी का दो साल तक उसी पद पर वापस तबादला या पोस्टिंग नहीं की जाए. 
कार्य व्यवस्था के आधार पर किसी का तबादला नहीं किया जाएगा. 
अनुसूचित क्षेत्र में पदस्थापित कर्मियों के तबादलों के मामलों में प्रचलित नियम,निर्देश यथावत लागू रहेंगे.
अनुसूचित क्षेत्र से गैर अनुसूचित क्षेत्र में तबादलों के मामलों में प्रचलित नियम,निर्देश यथावत लागू रहेंगे.

-दिशानिर्देशों के विपरीत किसी विभाग,बोर्ड,उपक्रम,स्वायत्तशासी संस्था में तबादले हुए तो वे तबादले निरस्त होंगे और तबादले के लिए जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही होगी. 

-प्रशासनिक सुधार विभाग के अधिकारी संबंधित विभाग का निरीक्षण करते समय परीक्षण करेंगे कि विभाग की ओर से किए तबादले दिशा निर्देश अनुरूप ही किए हैं. 

इसकी अवहेलना दृष्टिगत होने पर उसकी सूचना संबंधित अधिकारी के पूरे विवरण सहित प्रशासनिक सुधार विभाग और संबंधित प्रशासनिक विभाग को भेजी जाएगी. 

दिशा निर्देशों की अवहेलना को गंभीरता से लिया जाएगा. 

ये दिशा-निर्देश सभी राजकीय विभागों/राजकीय उपक्रमों/बोर्डों/स्वायत्तशासी संस्थाओं पर लागू होंगे.