जयपुरः कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से अध्यापक भर्ती 2022 लेवल -2 में रिजल्ट के एक साल बाद उतर कुंजी रिवाइज होने से हजारों चयनित शिक्षकों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है,करीब 1 साल की नौकरी करने के बाद शिक्षक नौकरी से बाहर हो सकते है इसको लेकर नवनियुक्त शिक्षकों में खासा रोष व्याप्त है राज्यभर से शिक्षकों की ओर से जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किए जा रहे है तो वहीं दूसरी ओर करीब 300 के करीब शिक्षकों ने राजधानी जयपुर के महेश नगर में प्रदर्शन किया.
फरवरी माह 2023 में आयोजित हुई थी लेवल-2 की परीक्षा
मार्च माह में परीक्षा के बाद जारी की गई थी आंसर "की"
आंसर "की" के जारी होने के बाद बोर्ड की ओर से मांगी गई थी आपत्तियां
आंसर "की" को लेकर हजारों की संख्या में बोर्ड को प्राप्त हुई थी आपतियां
बोर्ड ने सभी आपत्तियों का समाधान करते हुए सिंतबर 2023 में जारी किया फाइनल रिजल्ट
रिजल्ट के बाद सभी लेवल-2 के शिक्षकों ने कर लिया विभाग में ज्वाइन
रिजल्ट से अंसतु्ष्ट अभ्यर्थियों ने कोर्ट का खटखटाया दरवाजा
कोर्ट ने बोर्ड को फिर से कमेटी बना प्रश्नो को रिवाइज करने का दिया आदेश
फरवरी माह 2023 में लेवल-2 की विभिन्न विषयों की परीक्षाएं आयोजित की गई,परीक्षा के बाद मार्च माह में परीक्षा की आंसर की जारी की गई,आंसर की जारी होने का बाद अधिनस्थ चयन बोर्ड की ओर से आपत्तियां मांगी गई. जिसमें हजारो की संख्या में आपत्तियां बोर्ड के पास आई,बोर्ड ने सभी आपत्तियों का निस्तारण करते हुए सिंतबर माह 23 में फाइनल परिणाम जारी कर दिया जिसके बाद कई चयनित शिक्षकों ने विभाग में जाकर ज्वाइन भी कर लिया. लेकिन इस फाइनल परिणाम से अंसतुष्ट कुछ छात्रो ने बोर्ड के इस परिणाम को लेकर कोर्ट में आपत्ति दायर कर दी. लगभग एक साल के बाद कोर्ट ने बोर्ड को इस पूरे मामले पर रिव्यू कमेटी गठित करने की बात कही. बोर्ड की ओऱ से कमेटी गठित कर सभी सब्जेक्टों के प्रश्नों का रिव्यू कराया गया जिसमें बोर्ड अध्यक्ष आलोक राज के अनुसार करीब 170 प्रश्न ऐसे थे जिन पर विशेषज्ञों की ओऱ से रिव्यू किया गया लेकिन बोर्ड अध्यक्ष के एक सोशल मिडिया ट्वीट ने सभी शिक्षकों की नींद उडा दी दरअसल बोर्ड अध्यक्ष आलोक राज ने लिखा कि जिस प्रकार से रिव्यू हुआ है उसमें रिवाइज रिजल्ट आने की पूरी पूरी संभावना है,अब अगर ऐसा होता है तो बोर्ड की ओऱ से फिर से परिणाम जारी किया जाएगा और मैरिट भी उसी आधार पर बनेगी जिसके चलते लगभग 1 साल की नौकरी कर चुके शिक्षकों को बाहर किया जाएगा जो कि बोर्ड पर एक सवालियां निशान है
पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर उन चयनित शिक्षकों का इस पूरे मामले में क्या दोष है जो अब तक करीब 1 साल की सरकारी सेवा कर चुके है दूसरी ओर से बोर्ड की कार्यशैली पर बडे सवाल खडे होते है कि आखिर बोर्ड ने उस वक्त आपत्तियों का सही निस्तारण क्यो नहीं किया और आखिर क्यो सितबर माह में फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया गया जबकि कई छात्र इससे संतुष्ठ नहीं थे. अब चयनित सरकारी शिक्षकों के सामने बडी दुविधा ये भी है कि वो आखिर जाए तो कहा जाए. क्योकि इसमें कई ऐसे शिक्षक है जो पुरानी नौकरी छोडकर इस नौकरी में आए,वहीं दूसरी ओर से वो शिक्षक भी है जिनके पास अब उम्र सीमा नहीं बची,इसी के साथ कई ऐसे भी है जिनकी सगाई इस नौकरी के खातिर ही हुई है और अभी तक सात फेरे भी नहीं हुए अगर उनकी नौकरी जाती है तो उन्हे अपनी सगाई टूटने का भी डर सता रहा है और बो वस ये ही कह रहे है कि आखिर इस पूरे मामले में उनका क्या दोष है.
गलती अधिनस्थ चयन बोर्ड की और परिणाम भुगते कोई ओर ऐसा शायद ही देखने को मिलता है हम उम्मीद करते है कि सरकार इस पूरे मामले में कोई ना कोई ऐसा रास्ता निकालेगी जिससे चयनित शिक्षक बाहर भी ना हो और रिवाइज सूची में आने वाले चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति भी मिल जाए.