नई दिल्ली: राज्यसभा में वक्फ बिल पर चर्चा हो रही है. राज्यसभा में वक्फ बिल पर चर्चा में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि विपक्ष की मांग पर JPC का गठन किया गया. मुझे उम्मीद है कि उम्मीद का समर्थन होगा. इस बिल का उद्देश्य रिफॉर्म्स लाकर वक्फ संपत्तियों के मैनेजमेंट को सुव्यवस्थित करना है. इस सदन के माध्यम से जो नैरेटिव बनाया जा रहा है. उसका पुरजोर विरोध करता हूं.
वाद-विवाद तर्क पर होगा या जबरदस्ती होगा:
पीएम मोदी के नेतृत्व में चलने वाली सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप आगे बढ़ रही है. साल 2013 में इसी बिल पर जब JPC बनी थी तब सिर्फ 13 सदस्य थे. आप समझ सकते हैं कि लोकतांत्रिक मूल्यों को फॉलो करने के क्या पैमााने हो सकते हैं. वाद-विवाद तर्क पर होगा या जबरदस्ती होगा. JPC की 36 मीटिंग हुईं, 200 घंटे से ज्यादा JPC की गतिविधियां चलीं. क्लॉज बाई क्लॉज चर्चा की बात आई, डिस्कशन क्या होता है. आपके जमाने में 2013 में केवल 22 बैठकें हुई थीं. उस समय तो जम्मू कश्मीर ही था. श्रीनगर, जम्मू, लेह, आप वहां गए, जगदंबिका पाल तो 10 स्थानों पर गए.
राज्यसभा में वक्फ संशोधन बिल 2025 में पेश:
इससे पहले केन्द्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में वक्फ संशोधन बिल 2025 में पेश किया. किरेन रिजिजू ने कहा कि वक्फ बिल से मुस्लिमों को फायदा होगा. वक्फ बोर्ड वक्फ संपत्ति चलाने के लिए नहीं है. विपक्ष झूठी अफवाह फैला रहा है. ये बिल प्रोपर्टी के मैनेजमेंट का बिल है. वक्फ में गैर मुस्लिम का हस्तक्षेप नहीं है. वक्फ का सही इस्तेमाल होना चाहिए. इस बिल से लोगों को त्वरित न्याय मिलेगा.
मोदी सरकार ने संशोधन करने की हिम्मत दिखाई:
केन्द्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि वक्फ को लेकर कई शहरों में कानूनी विवाद है. देश में 8.72 लाख वक्फ संपत्ति है. वक्फ संपत्ति से सालाना 12 हजार करोड़ रुपए की आय है. वक्फ का सही इस्तेमाल होता तो देश बदल जाता. कांग्रेस जो नहीं कर पाई वो मोदी सरकार कर रही. मोदी सरकार ने संशोधन करने की हिम्मत दिखाई. वक्फ बिल पर JPC में विस्तार से चर्चा हुई. किसी बिल पर बनी JPC में इतनी व्यापक चर्चा कभी नहीं हुई. वक्फ बिल पर 1 करोड़ से ज्यादा सुझाव मिले. 284 संगठनों से सुझाव मिले. 10 शहरों के लोगों से वक्फ बिल पर सुझाव लिए गए. सभी पक्षों से बातचीत के बाद वक्फ बिल तैयार हुआ.