नई दिल्ली: EVM से छेड़छाड़ को लेकर चुनाव आयोग ने स्पष्टीकरण दिया है. EVM को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि लोग पूछते हैं कि किसी देश में पेजर से ब्लॉस्ट कर देते हैं. तो EVM क्यों नहीं हैक हो सकती. तो पेजर कनेक्टेड होता है EVM कनेक्टेड नहीं होती है.
चुनाव से 6 माह पहले EVM की चेकिंग शुरू होती है. पोलिंग पर ले जाना वोटिंग के बाद वापस लाना. हर एक स्टेज पर पॉलिटिकल पार्टी के एजेंट या कैंडिडेट मौजूद होते हैं. जिस दिन कमीशनिंग होती है, उस दिन बैट्री डाली जाती है. वोटिंग से 5-6 दिन पहले कमिशनिंग होती है, इस दिन सिंबल औ बैट्री डाली जाती है.
बैट्री पर भी एजेंट के दस्तखत डाले जाते हैं. स्ट्रॉग रूम में जाती है. उसके बाद स्ट्रॉग रूम में भी EVM की 3 लेवल की चेकिंग होती है. जिस दिन EVM पोलिंग के लिए निकलेंगी, तब भी यही प्रोसेस होगी, वीडियोग्राफी होगी. नंबर भी शेयर होंगे, ये मशीन यहां बूथ पर जाएगी. फिर चेकिंग होगी, वोट डालकर देखे जाएंगे.
पूरे दिन वोटिंग हुई, फिर मशीन लॉक होती है. फिर दस्तखत और हिसाब-किताब होता है. 20 शिकायतें आई हैं, हम हर सवाल का फैक्चुअल जवाब देंगे, जल्दी देंगे.
EVM से छेड़छाड़ को लेकर चुनाव आयोग का स्पष्टीकरण
— First India News (@1stIndiaNews) October 15, 2024
EVM को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार का बयान, कहा-'लोग पूछते हैं कि किसी देश में पेजर से ब्लॉस्ट कर देते हैं.... #FirstIndiaNews @ECISVEEP pic.twitter.com/z4zW15xdOs