पूर्व विदेश मंत्री कुंवर नटवर सिंह का 95 साल की उम्र में निधन, पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुर्मू ने जताया दुख

जयपुरः पूर्व विदेश मंत्री कुंवर नटवर सिंह निधन हो गया है. गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली. लंबी बीमारी के चलते नटवर कुछ हफ्तों से अस्पताल में भर्ती थे. जहां शनिवार को उन्होंने आखिरी सांस ली. कल दिल्ली के लोधी रोड श्मशान घाट पर  अंतिम संस्कार होगा. आज महारानी फार्म डेरा में अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव देह रखी जाएगी. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुंवर नटवर सिंह की मौत पर दुख जताया है. मोदी ने एक्स पर लिखा कि श्री नटवर सिंह जी के निधन से दुख हुआ. उन्होंने कूटनीति और विदेश नीति की दुनिया में समृद्ध योगदान दिया. वह अपनी बुद्धि के साथ-साथ विपुल लेखन के लिए भी जाने जाते थे. दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ है ॐ शांति. 

मुर्मू ने जताया शोकः
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जताया निधन पर शोक जताया. उन्होंने लिखा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री के नटवर सिंह के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ. अपने लंबे करियर में, उन्होंने एक प्रतिष्ठित राजनयिक से लेकर उत्कृष्ट सांसद तक, कई उपलब्धियां हासिल कीं. पद्म भूषण से सम्मानित, वह एक प्रसिद्ध साहित्यकार भी थे. उनके परिवार, दोस्तों और अनुयायियों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना. 

विदेश सेवा से राजनीति में आना कुंवर नटवर सिंह के लिए आसान नहीं रहा. सिख दंगों के समय में कांग्रेस का एक खेमा नटवर सिंह को दिल्ली का LG बनाना चाहता था. लेकिन कुंवर नटवर सिंह बिल्कुल तैयार नहीं थे. इस बारे में खुद कुंवर नटवर सिंह ने लिखा है कि राजीव गांधी ने मुझसे से कहा सिख दंगों के कारण दिल्ली की स्थिति खतरनाक हो गई. लेफ्टिनेंट गवर्नर को एकदम हटाकर उसकी जगह मुझे यह पोजीशन दे दी जाए. मैंने राजीव गांधी से कहा 31 वर्ष की राजनीतिक सेवा में मुझे इस प्रकार का प्रशासनिक अनुभव नहीं है. मैंने भारतीय विदेश सेवा से इस्तीफा दिया. क्योंकि आपकी मां चाहती थी मैं भरतपुर से लोकसभा का चुनाव लडूं. मेरी पत्नी हेम भी राजीव गांधी के इस प्रस्ताव के बिलकुल खिलाफ थी. महाराजा पटियाला के दामाद को दिल्ली का LG नियुक्त कर आखिर राजीव क्या संदेश देना चाहते थे ? मैंने राजीव गांधी से कह दिया ऐसे हालात में मेरा पद स्वीकार करना बिल्कुल ठीक नहीं होगा. मेरा मानना था था यह विचार गोपी अरोड़ा,अरुण नेहरू और अरुण सिंह के दिमाग की उपज थे. वह नहीं चाहते थे मैं लोकसभा चुनाव में भाग लूं. लेकिन उनकी यह तरकीब नाकाम हो गई मैंने मेरे विचार राजीव गांधी को बता दिए. राजीव ने भरोसा दिलाया कोई बदलाव नहीं होगा. आप भरतपुर से ही चुनाव लड़ेंगे. 

2002 में राजस्थान से राज्यसभा सांसद चुनेः 
नटवर सिंह एक भारतीय राजनयिक और राजनीतिज्ञ थे. 1984 में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे. भरतपुर निर्वाचन क्षेत्र से 8वीं लोकसभा के लिए सांसद चुने गए थे. सिंह ने उत्तर प्रदेश की मथुरा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए. भरतपुर से 12वीं लोकसभा के लिए सांसद चुने गए और संसद में लौटे. वहीं 2002 में राजस्थान से राज्यसभा सांसद चुने गए थे. 

पद्म भूषण पुरस्कार से हुए सम्मानितः
नटवर सिंह  1953 में भारतीय विदेश सेवा में शामिल हुए थे. यूनिसेफ के कार्यकारी बोर्ड में भारत के प्रतिनिधि के रूप में कार्य किया. 1963 से 1966 के बीच कई संयुक्त राष्ट्र समितियों में काम किया. 1966 में इंदिरा गांधी के अधीन प्रधानमंत्री सचिवालय में तैनात किया गया. 1971 से 1973 तक पोलैंड में भारत के राजदूत रहे थे. 1980 से 1982 तक पाकिस्तान में भारत के राजदूत के रूप में कार्य किया. नटवर सिंह ने विदेश मंत्रालय में सचिव के रूप में कार्य किया है. साल 1984 में पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित हुए थे.