जयपुर: इन दिनों राजस्थान कांग्रेस के नए नेताओं की खेप पर पार्टी आलाकमान बेहद मेहरबान है. इस साल चुनावी राज्यों में राजस्थान के कई विधायकों औऱ युवा चेहरों को आलाकमान ने बड़ी जिम्मेदारियां दी है. राजस्थान के कईं नेताओं को जम्मू कश्मीर,महाराष्ट्र और हरियाणा राज्य में पर्यवेक्षक की अहम जिम्मेदारियां दी है. इन्हें एक-एक लोकसभा क्षेत्र का पर्यवेक्षक बनाया गया है.
2024 लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस हाईकमान की कोशिशें अब पार्टी की सेकंड लीडरशिप को आगे लाने की है. लिहाजा इसके लिए पार्टी ने कईं नए चेहरों को पिछले दिनों AICC सचिव और ज्वाइंट सेक्रेटरी बनाया. अब इस साल होने वाले चुनावी राज्यों में भी नए चेहरों को अहमियत दी जा रही है. इस सिलसिले के तहत राजस्थान के नेताओं को भी पार्टी काफी तवज्जो दे रही है. जम्मू कश्मीर,महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए राजस्थान के करीब एक दर्जन नेताओं की ड्यूटी लगाई गई है. विधायक,पूर्व विधायक और यूथ नेताओं को यह जिम्मेदारी दी गई है.
नाम राज्य लोकसभा
रफीक खान जम्मू कश्मीर बारामूला
कुलदीप इंदौरा हरियाणा सिरसा
नीरज डांगी हरियाणा हिसार
रीटा चौधरी महाराष्ट शिरडी
रतन देवासी महाराष्ट्र दक्षिण मुंबई
सत्यवीर आलोरिया महाराष्ट्र बारामती
इंद्राज गुर्जर महाराष्ट्र उस्मानाबाद
देशराज मीणा महाराष्ट्र रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग
इन सभी नेताओं को एक-एक लोकसभा सीट का पर्यवेक्षक बनाया गया है. जिसमें आधा दर्जन से ज्यादा विधानसभा सीटें आती है. चुनाव तक ये नेता यहीं डेरा डालेंगे और हर समीकरण की खबर सीधे सेंट्रल वॉर रुम को रिपोर्ट करेंगे. इससे पहले राजस्थान के दो नए चेहरे दानिश अबरार और दिव्या मदेरणा को एआईसीसी सचिव बनाया गया था. ऐसे में उम्मीद है कि राजस्थान के कुछ और नए चेहरों को भी पार्टी आने वाले दिनों में और मौका दे सकती है.
दरअसल राहुल गांधी चाहते है कि युवा,नए औऱ मेहनती चेहरों को अब आगे बढाया जाए. लिहाजा उसी रणनीति के तहत यंग औ फ्रेश चेहरों को अब मै स्ट्रीम में लाने की कवायद शुरु हो चुकी है. इससे पहले सबसे पुरानी सियासी पार्टी के बारे में यही धारणा थी कि इसमें स्थापित और पुराने नेताओं की ही तूती बोलती है. लिहाजा राहुल गांधी लगता है अब इस धारणा को तोड़ने में जुट गए है.