हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट... काम लेट, परिवहन विभाग की मंशा पर गंभीर सवाल हो रहे खड़े

जयपुरः हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट प्रकिया में बदलाव की तैयारी से परिवहन विभाग की मंशा पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं. इस प्रक्रिया में परिवहन विभाग बड़े बदलाव करने की तैयारी में है जिसका विरोध शुरू हो गया है.

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद प्रदेश के परिवहन विभाग ने पिछले साल के आख़िरी में 1 अप्रैल 2019 से पूर्व के वाहनों पर HSRP लगवाने की प्रकिया शुरू की है. दूसरे राज्यों के मुक़ाबले प्रदेश में इसका काम बहुत धीमा है. कई राज्यों में पुरानी गाड़ियों की नंबर प्लेट को HSRP में परिवर्तित करने का काम पूरा हो चुका है वहीं राजस्थान में अभी भी 25 लाख वाहन ऐसे हैं जिन पर नंबर प्लेट लगाना बाक़ी है. प्रदेश में HSRP लगने की धीमी रफ़्तार का कारण है परिवहन विभाग की उदासीनता , कई श्रेणी के  वाहनों पर HSRP लगवाने की अवधि निकलने के बाद भी प्रदेश में अभी तक प्रवर्तन कार्रवाई शुरू नहीं है. यही कारण है कि अभी तक राजस्थान में HSRP के  क़रीब 3 लाख स्लॉट ही बुक हुए हैं. ऐसे में सभी बकाया वाहनों पर HSRP लगने में बहुत समय लग सकता है. राजस्थान में अभी तक वाहनों पर HSRP प्लेट लगने पर भले ही प्रवर्तन कार्रवाई नहीं हो रही है लेकिन दूसरे राज्यों में इसके लिए 5 हज़ार रुपये तक के चालान काटे जा रहे हैं.

अब परिवहन विभाग बिना ज़रूरत के इस योजना में बदलाव करने जा रहा है. जिससे विभाग की मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं. अभी तक HSRP का रजिस्ट्रेशन SIAM की वेबसाइट पर हो रहा है जिसके लिए प्रदेश के परिवहन विभाग से कोई चार्ज नहीं लिया जा रहा है. 15 से अधिक राज्यों में SIAM की वेबसाइट से ही HSRP के लिए रजिस्ट्रेशन हो रहा है जो बहुत सफल और विश्वसनीय भी है. लेकिन अब परिवहन विभाग बिना आवश्यकता के लिए HSRP रजिस्ट्रेशन के लिए ख़ुद का पोर्टल तैयार करने जा रहा है. इसके लिए विभाग को उच्च स्तर से भी अनुमति मिल गई है. जानकारी के अनुसार ख़ुद का पोर्टल तैयार करने के किए विभाग की मंशा यह है कि हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाने का काम सभी HSRP प्लेट बनाने वाली सभी एजेंसियों को दे दिया जाये. अभी तक राजस्थान और बाक़ी प्रदेशों में वाहन कंपनी डीलर ही HSRP प्लेट लगाने के लिए अधिकृत हैं. लेकिन परिवहन विभाग अगर सभी HSRP निर्माताओं को केवल टाइप अप्रूवल सर्टिफ़िकेट के आधार पर अनुमोदित करता है तो जिस मंशा के साथ सुप्रीम कोर्ट ने HSRP लगाने के निर्देश दिये हैं वह पूरे ही नहीं हो पायेंगे.

हालाँकि परिवहन आयुक्त मनीषा अरोड़ा का कहना है फिलहाल परिवहन विभाग सिर्फ़ रजिस्ट्रेशन के लिए ख़ुद का पोर्टल बनाने की तैयारी कर रहा है. HSRP प्लेट लगवाने के लिए कौन अधिकृत होगा इसका फ़ैसला नहीं लिया गया है. फाडा के सचिव साईं गिरधर का कहना है कि वर्तमान में HSRP के लिए जो प्रकिया चल रही है वह सबसे बेहतर है अगर इसमें बदलाव किया जाता है तो इससे HSRP का प्रोजेक्ट सार्थक ही नहीं रहेगा. इतना ही नहीं जो तैयारी प्रदेश का परिवहन कर रहा है इसे MORTH से मंज़ूरी भी नहीं मिलेगी. हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन  प्लेट लगाने का प्रदेश में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद शुरू हुआ है,,, लेकिन दूसरे राज्यों के मुक़ाबले राजस्थान इसकी प्रगति में अभी अभी निचले पायदान पर है. HSRP प्लेट का आँकड़ा बढ़ाने की जगह इस प्रोजेक्ट में ग़ैर ज़रूरी आवश्यक बदलाव करने का फ़ैसला विभाग के लिए मुसीबत बन सकता है