जयपुर : चीन के बाद अब भारत में भी कोविड जैसे HMPV वायरस की दस्तक ने सभी की चिंता बढ़ा दी है. पिछले 24 घंटे में तीन केस ह्यूमन मेटाप्न्यूमो वायरस के तीन नए केस सामने आए है, जिसके बाद राजस्थान समेत देशभर में अलर्ट की स्थिति है. हालांकि, राजस्थान के चिकित्सा विभाग का दावा है कि सभी जिलों में आईएलआई के बढ़ते केसों को देखते हुए पहले से ही अलर्ट जारी किया हुआ है. फिलहाल, चिंता जैसी कोई स्थिति नहीं है, लेकिन ऐतियातन जरूरी कदम उठाए जा रहे है. आईए आपको बताते है क्या है HMPV वायरस और विशेषज्ञ चिकित्सक क्यों हो रहे चिंतित.
बीते कुछ दिनों से जिस HMPV वायरस के मामले तेजी से बढे है, उसने अब भारत में भी दस्तक दे दी है. इस वायरस की चपेट में आने से चीन में बड़ी संख्या में बच्चे अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं. चीन की खबरें सामने आने के बाद 5 दिन के भीतर ही इस वायरस के तीन केस भारत में चिन्हित किए गए है. जानकारी के मुताबिक दो केस कर्नाटक में रिपोर्ट किए गए है, जबकि एक केस गुजरात में मिला है. गुजरात में जिस बच्चे में वायरस की पुष्टि हुई है, वो राजस्थान के डूंगरपुर का बताया जा रहा है. ऐसे में एचएमपीवी वायरस के मामले भारत में आने के बाद केन्द्र से लेकर राज्य सरकारें अलर्ट पर है. इस बारे में चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने बताया कि वायरस की जानकारी मिलते ही पूरे सिस्टम को अलर्ट किया गया है. वैसे कोई घबराने की बात नहीं है, क्योंकि इस तरह के वायरस किसी न किसी रूप में आते रहते है. सिर्फ ऐतियात बरतने की जरूरत है.
चिंता इसलिए क्योंकि ये कोविड की तरह ही करता है 'Behave'
- एचएमपीवायरस के साथ सबसे बड़ा खतरा यह है कि ये निमोनिया भी करता है
- निमोनिया एक ऐसी बीमारी है जो बच्चों की मौत का कारण बन सकती है
- यह वायरस एक से दूसरे बच्चे में तेजी से फैलता है
- जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है, वह एचएमपीवी वायरस के संपर्क में आने के बाद ज्यादा बीमार पड़ सकते हैं.
- एचएमपीवी (ह्यूमन मेटाप्न्यूमोवायरस) एक प्रकार का ऐसा वायरस है,सांस की नली में प्रवेश करके लंग्स तक जाता है
- कोविड भी बिलकुल ऐसा ही था, दोनों वायरस के लक्षण भी एक जैसे ही हैं
- हालांकि एचएमपीवी वायरस मुख्य रूप से शिशुओं और छोटे बच्चों को संक्रमित करता है
- इस वायरस से संक्रमित होने के बाद सबसे आम लक्षण खांसी है, जो अक्सर बलगम के साथ होती है
- इसके साथ हल्का बुखार भी आता है, इस वायरस से संक्रमित होने के बाद कुछ मामलों में गंभीर लक्षण आ सकते हैं
- इसमें सांस लेने में दिक्कत हो सकती है, जो अक्सर सीने में दर्द के साथ होती है.
नहीं है कोई वैक्सीन और दवा
- इस वायरस के इलाज के लिए कोई निर्धारित दवा या बचाव के लिए कोई वैक्सीन नहीं है
- चिकित्सकों के मुताबिक केवल लक्षणों के आधार पर इलाज किया जाता है
- एचएमपीवी वायरस के दौरान तरल पदार्थों का सेवन करना महत्वपूर्ण है
- ताकि शरीर को हाइड्रेटेड रखा जा सके, बुखार होने पर बच्चों को पैरासिटामोल या इबुप्रोफेन दी जाती है