जयपुरः राजस्थान क्रिकेट संघ के चुनाव कराने के लिए गठित एडहॉक कमेटी अब चुनाव में आनाकानी कर रही है. कमेटी के कन्वीनर व भाजपा विधायक जयदीप बिहाणी चुनाव को लेकर बार-बार बयान बदल रहे हैं. सरकार ने चुनाव कराने के लिए ही कमेटी बनाई थी , लेकिन बिहाणी ने यह कहकर हाथ पीछे खींच लिए कि यह सोचने का काम हमारा नहीं है. जहां इसको सोचना है, वहां सोचे.
वैभव गहलोत के आरसीए अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद रजिस्ट्रार सहकारिता ने आरसीए की तत्कालीन कार्यकारिणी को भंग कर दिया था और नए सिरे से चुनाव के लिए भाजपा विधायक जयदीप बिहाणी के नेतृत्व में एडहॉक कमेटी का गठन कर दिया था. एडहॉक कमेटी को तीन महीने के भीतर नए सिरे से चुनाव कराने थे, लेकिन कमेटी इसमें फेल रही. तीन महीने पूरे होने के कारण इस कमेटी का कार्यकाल बढ़ा दिया, लेकिन कमेटी आज तक चुनाव की तारीख तय नहीं कर पाई. अब तो चुनाव के नाम पर कमेटी के कन्वीनर सवालों से बचते हैं और बार-बार बयान बदलते हैं. आरसीए एडहॉक कमेटी की सोमवार को हुई बैठक के बाद जब उनसे चुनाव के बारे में पूछा गया, तो पहले कहा कि हम रजिस्ट्रार व खेल सचिव को पत्र लिख रहे हैं कि वे जिलों की सूची ले ले फिर जैसे आदेश होंगे आगे प्रक्रिया शुरू करेंगे. जब उनसे पूछा गया कि क्या कोई तारीख बता सकते हैं तो कन्वीनर ने कहा अभी कोई तारीख नहीं है.
जब यह पूछा कि अब तो आपका कार्यकाल ज्यादा ही नहीं बचा कि उस समय में आप चुनाव करा लो तो बोले बिहाणी ने कह दिया कि - सरकार की मर्जी है, कार्यकाल बढ़ा देंगे.
बात यहां तक नहीं रुकी, जब एक फिर से बिहाणी से सवाल किया गया तो बोले कि चुनाव के बारे में हमारे सोचने का मुद्दा नहीं है, यहां जहां सोचना है, वो लोग सोचेंगे. बिहाणी से जब चुनाव का सवाल फिर दोहराया, तो कहा कि चुनाव के लिए वे लोग रुचि रखते हैं, जिनका आरसीए की राजनीति में रुचि है. क्रिकेट चल रही है, जनता को आरसीए से कोई लेना देना नहीं.
आरसीए कमेटी से जब पूछा गया कि क्या यह मान लिया जाए कि अब चुनाव नहीं होंगे, तो बिहाणी ने अपना नया बहाना बना दिया कहा - ये खेल परिषद का काम है हमारा काम नहीं है, जब उनसे यह कहा गया कि यह खेल परिषद का काम क्यों है यह तो आपका काम है, तो फिर पलट गए. अब कहा - अभी कई जिलों में चुनाव बाकी है, हमारे पास अभी सूची नहीं है, बिना सूची चुनाव कैसे कराएं
अब आइये आपको बताते है कि आरसीए चुनावों की हकीकत क्या है. दरअसल चुनाव आरसीए की कार्यकारिणी या फिर एडहॉक कमेटी की कराती है. एडहॉक कमेटी का एक मात्र काम होता है- चुनाव कराना. इसके लिए खेल परिषद व रजिस्ट्रार सहकारिता का सिर्फ पर्यवेक्षक आता है. इसके अलावा देानों की चुनाव में कोई ज्यादा भूमिका नहीं होती. बिहाणी ने कहा कि चुनाव का काम खेल परिषद का है- जबकि खेल परिष्ज्ञद किसी भी खेल संघ का चुनाव नहीं कराती. रही सूची की बात तो चुनाव तो आरसीए के पास जिला संघों की कार्यकारिणी की सूची के आधार पर होती है. एडहॉक कमेटी कहती है कि उनके पास जिलों की सूची नहीं है, तो फिर जिलों की टीमें आरसीए के टूर्नामेंट में कैसे खेल रही है, कौन इन टीमों को भेज रहा है. कौन टूर्नामेंट की व्यवस्था कर रहा है. कमेटी के कन्वीनर ने दूसरा बहाना बनाया कि कई जिलों में चुनाव बाकी है. जबकि आरसीए के चुनाव से इसका कोई सरोकार नहीं है. जब आरसीए के चुनाव होते है, उस वक्ता जिले में जो पदाधिकारी होते है, वे ही चुनाव में हिस्सा लेते हैं. हर जिले के चुनाव का अलग अलग समय होता है.