VIDEO: खाद्य पदार्थों की क्वालिटी पर पैनी निगाह ! चिकित्सा विभाग का शुद्ध आहार-मिलावट पर वार अभियान, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: गर्मियों के सीजन में शीतल पेय में मिलावट की आशंकाओं को देखते हुए खाद्य सुरक्षा आयुक्तालय ने विशेष अभियान का आगाज किया है. अभियान के तहत FSO की टीमों को पूरे एक माह का प्लान दिया गया है, जिसमे वे कोल्ड ड्रिंक, आईसक्रीम, शरबत के अलावा बैकरी, बैकरी प्रोडक्ट्स, बड़े होटल, ढाबे, रेस्टोरेंट व मावा-पनीर-घी-मिठाई-मसालों के सैम्पल लेंगे. कैंपेन में हर प्रोडेक्ट के हिसाब से बकायदा दिन भी निर्धारित किए गए है.

भीषण गर्मियों के दिनों में राहत के लिए हर कोई आईसक्रीम,शरबत या फिर ठंडाई से सूखे गले को तर करने की कोशिश करता है. लेकिन ये ही पेय पदार्थ यदि गुणवत्तापूर्ण तैयार नहीं किए गए हो तो आपको राहत देने के बजाय अस्पताल भी पहुंचा सकते है. जी हां कुछ ऐसे ही मिलावट खोरों पर शिकंजा करने के लिए खाद्य सुरक्षा आयुक्तालय ने बड़ा कैंपेन शुरू किया है. विभाग द्वारा इसके लिए प्रदेशभर के फूड सेफ्टी इंसपेक्टर और सीएमएचओ को निर्देश जारी कर कॉल्ड ड्रिंक,आईसक्रिम,शरबत और ठंडाई के सैम्पल लेने के निर्देश दिए हैं. अति.खाद्य आयुक्त पंकज ओझा ने बताया कि शीतल पेय पदार्थो में कई तरह की मिलावट की आशंकाएं रहती है. इनमें हानिकारक कलर मिलाने के साथ ही पानी भी अशुद्ध हो सकता है.  इन्ही आशंकाओं को देखते हुए एक माह का अभियान शुरू किया गया है.

मई माह के शुरूआती दो दिन : कोल्ड ड्रिंक, आईसक्रीम, शरबत/ठंडाई
7 से 9 मई : बैकरी और बैकरी से जुड़े प्रोडेक्टस
14 से 16 मई : बड़े होटल, ढाबे और रेस्टोरेंट
20 से 22 मई : मावा, पनीर, घी, मिठाई
27 से 29 मई : मसाले
31 मई से 4 जून : रियूज्ड कुकींग(बड़े स्तर पर समोसा, कचौरी की निर्माण इकाईयां)

एक महिने तक चलने वाले अभियान के तहत फूड सेफ्टी अधिकारियों को पेस्टीसाइड्स,कृत्रिम रंग,हानिकारिक रासायनिक पदार्थ की जांच कराते हुए संस्थान की हाइजेनिक एवं सेनिटेशन के अलावा अनुज्ञापत्र की वांछित पालना को भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा निर्माण इकाइयों को भी सघन निरीक्षण करने और सैम्पल लेने के भी निर्देश दिए गए हैं. 

भीषण गर्मी के दिनों में शीयल पेय की बिक्री गली गली होती नजर आती है. राजधानी में पिछले दो दिनों में की गई कार्रवाई में सामने आया कि बगैर लाइसेंस के ही आइसक्रीम फैक्ट्रियां संचारित की जा रही है. ऐसे में जरूरी हो गया है कि ये कैंपेन न सिर्फ एक माह चले, बल्कि आगे भी अनवरत जारी रहे. उम्मीद है विभाग इस बारे में गंभीरता से विचार करेगा.