जयपुर: किसानों को जमीन में पैदावार बढ़ाने और बेहतर खेती के तहत प्रदेश में इस बार खरीफ 2024-25 के तहत 3 लाख 53 हजार मृदा नमूने लिए जाएंगे. कृषि विभाग ने लक्ष्य जारी कर सभी जिलों को टारगेट दे दिए हैं ताकि किसानों की भूमि से मृदा नमूने लेकर 30 जून तक मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किए जा सकें.
प्रदेश के अधिकतर जिलों में लगातार खेती, कार्बनिक पदार्थ की कमी के कारण मिट्टी की उपजाऊपन क्षमता धीरे-धीरे कम हो रही है. मिट्टी में पोषक तत्वों सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी के कारण उचित प्रबंधन जरूरी है. जिलेवार खरीफ 2024-25 में 3 लाख 53 हजार मृदा नमूने संग्रहीत कर उनका विशलेषण करने के बाद किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध करवाए जाएंगे. प्रदेश के समस्त कृषि पर्यवेक्षकों को आवंटित किए जा चुके हैं. कृषि पर्यवेक्षक लक्ष्य के अनुसार मृदा नमूने एकत्रित कर 31 मई तक मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला में जमा करवाएंगे. ताकि खरीफ की बुवाई से पूर्व किसानों को नमूनों की जाँच कर मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध करवा जा सकें.
प्रदेश के सभी कृषि पर्यवेक्षक मोबाइल एप के माध्यम से जिलेवार ग्राम पंचायतों और ग्रामों से मिट्टी के नमूनों का संग्रह ऑनलाइन ले रहा हैं, जिन्हें एकत्रित कर प्रयोगशाला में भिजवाया जा रहा है. इसके साथ ही जो भी किसान अपने खेत की मिट्टी या पानी की जाँच करवाना चाहते हैं, वो स्वयं भी मिट्टी व पानी का नमूना प्रयोगशाला में निर्धारित शुल्क (5 रुपए) प्रति नमूना जमा करवाकर जाँच रिपोर्ट प्राप्त कर सकते हैं.
जिले के हिसाब से जारी लक्ष्य
जिला--------------------------लक्ष्य
अजमेर-----------------------8 हजार
ब्यावर-------------------------4 हजार
जयपुर-------------------------17 हजार
दौसा---------------------------4 हजार
टोंक---------------------------12 हजार
बांसवाड़ा--------------------9 हजार
डूंगरपुर------------------------9 हजार
उदयपुर-----------------------9 हजार
बूंदी------------------------9 हजार
झालावाड़-------------------7 हजार
कोटा------------------------6 हजार
बाड़मेर----------------------4 हजार
जोधपुर-----------------------10 हजार
भरतपुर-----------------------6 हजार 200
अलवर------------------------10 हजार
करौली------------------------6 हजार
राजसमंद--------------------12 हजार
पाली-------------------------8 हजार
झुंझुनूं-------------------------10 हजार
नागौर--------------------------12 हजार
सीकर---------------------------9 हजार
बीकानेर------------------------10 हजार
चूरू-----------------------------12 हजार
जैसलमेर------------------------9 हजार
हनुमानगढ़-----------------------15 हजार
श्रीगंगानगर---------------------12 हजार 800
बतादें कि फसल की बुवाई से पूर्व मृदा जाँच करवाने से किसानों को अपने खेत की मिट्टी में उपलब्ध पोषक तत्वों की जानकारी मिल जाती है और मृदा स्वास्थ्य कार्ड की सिफारिश के अनुसार रासायनिक और कार्बनिक खाद का आवश्यकतानुसार उपयोग किया जा सकता है ताकि कम लागत से अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सके. उधर, कृषि विभाग ने का कहना है कि खरीफ की बुवाई से पूर्व अभी खेत खाली है, ऐसे में किसान अपने खेतों की मिट्टी की जाँच अवश्य करवाएं और मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार खाद व उर्वरकों का प्रयोग करें. खरीफ फसल बुवाई से पूर्व बीज उपचार का भी विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं.