कोटा: कोटा कचोरी खाने वाले लोगों को सावधान रहने की जरूरत है. फूड सेफ्टी एंड ड्रग कंट्रोल विभाग की ओर से शुद्ध आहार मिलावट पर वार अभियान के तहत की गई कार्रवाई में खुलासा हुआ है कि कोटा में कचोरी की दुकान पर जो कचोरी तली जा रही है वह कढ़ाई वाला तेल 6 से 7 दिन पुराना इस्तेमाल किया जा रहा है. विभाग के अतिरिक्त आयुक्त पंकज ओझा के निर्देशन में टीम ने शहर में अलग-अलग जगह पर कचोरी और मिठाई की दुकानों का आकस्मिक निरीक्षण किया. नयापुरा रतन कचोरी एंड स्वीट्स का निरिक्षण किया तो मिठाईयों पर बेस्ट बिफोर अंकित नहीं था, यानी आप जो मिठाई खा रहे हैं वो कब तक आपके स्वास्थ्य के ठीक हैं.
इसी दुकान पर तली जा रही कचोरी को चेक किया तो पाया की,पहले से काम आ रहे तेल को हटाए बिना नया तेल तलने में काम में लिया जा रहा था. फूड हैंडलर्स का मेडिकल सर्टिफिकेट मौके पर नहीं पाया गया. कचोरी तलने के स्थान पर जाले लगे हुए थे. दीवारों पर गंदगी लगी हुई थी. आस पास भी अनहाइजेनिक स्थिति में कचोरी तलने का कार्य किया जा रहा था. विभाग की ओर से विक्रेता को सुधार करने के निर्देश दिए और विभाग इन्हे नोटिस भी देने की तैयारी में हैं. मौके से इस्तेमाल ऑयल, नमकीन,मिल्क केक, मिर्च, हल्दी, धनिया, घी ,साबुदाना खिचड़ी के कुल 8 नमूने खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत लिए गए.
इसके बाद जोधपुर स्वीट्स गुमानपुरा का निरिक्षण किया गया. यहां पर मिठाईयों पर बेस्ट बिफोर अंकित नहीं था, कचोरी तलने वाला तेल 6-7 दिन में बदलना बताया. यहां से खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत इस्तेमाल तेल, कचोरी में भरने का मसाला, मैदा का घोल ,घी, मिर्च, हल्दी, धनिया,नमक के 8 नमूने लिए गए. वहीं महावीर नगर III में जय अम्बे कचोरी नमकीन पर भी सैंपलिंग जांच की कार्यवाही की गई.