बेणेश्वर धाम में "लखपति दीदी" सम्मेलन, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बोलीं- जब वीरता की बात होती है तो आदिवासी समाज का नाम आता है

बेणेश्वर धाम में "लखपति दीदी" सम्मेलन, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बोलीं- जब वीरता की बात होती है तो आदिवासी समाज का नाम आता है

डूंगरपुर: राष्ट्रपति दौपदी मुर्मू लखपति दीदी सम्मेलन में शिरकत कर रहीं हैं. इस दौरान वह राजीविका से जुड़ी महिलाओं को 250 करोड़ रुपए की ऋण राशि और 50 करोड़ रुपए की निधि राशि के चेक वितरित कर रहीं हैं. इस क्रार्यक्रम में उनके साथ सीएम भजनलाल शर्मा, मंत्री किरोड़ी लाल मीणा, असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया मौजूद है. 

इस अवसर पर राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि इस क्षेत्र में लाखों आदिवासी जनजाति के लोग रहते हैं. आज इन्हें राष्ट्रपति को यहां पर देखकर गर्व हो रहा है. आज हम ऐसे स्थान पर बैठे हैं जहां पर तीन नदियों का संगम है. जब यहां पर मेला लगता है तो पैर रखने की जगह नहीं मिलती देश में 1 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बना दिया गया है. पहली बार कोई राष्ट्रपति वागड़ अंचल में पहुंची हैं. बेणेश्वर पवित्र स्थान है यहां आकर उन्होंने इस धरती का मान बढ़ाया है.

इसके बाद मुख्यमंत्री भजनलाल बोले राजस्थान की भूमि वीरों की भूमि है माता पन्नाधाय ने राजस्थान की माताओं का गौरव बढ़ाया. जिसने अपने बेटे की आहूति दे दी हमारी योजना वागड़ को आगे बढ़ाने के लिए काम करेगी. इस क्षेत्र के विकास के लिए सरकार कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी. उन्होंने कहा कि राजस्थान के अंदर 'लखपति दीदी' बढ़ती जा रही हैं. हर तरीके से सहयोग करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है. महिलाओं को 33% आरक्षण देने का फैसला भी हमारी सरकार ने किया. स्वयं सहायता समूहों को आगे बढ़ाने में कोई कमी नहीं छोड़ेंगे. राजस्थान में 2.80 लाख महिलाएं लखपति दीदी बनीं है.

तो वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि राजस्थान वीरों की भूमि हैं. जब वीरता कि बात होती है तो आदिवासी समाज का नाम आता है. महाराणा प्रताप की सेना में आदिवासियों कि भूमिका रही. पहले लोन के लिए महिलाओं को कठिनाइयां आती थी. आज स्वयं सहायता समूहों के जरिए आसानी हो रही है. योजनाओं से महिलाओं के जीवन में परिवर्तन आया है. स्वयं सहायता समूहों से महिलाओं को कई लाभ मिले हैं.