जयपुरः भर्ती परीक्षाओं में डमी केडिडेंट के मामले खूब सामने आ रहे हैं. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस के लिए दिए जाने वाला ऑनलाइन टेस्ट भी डमी आवेदक दे रहे हैं
ड्राइविंग लाइसेंस का मतलब है जिम्मेदारी, जिम्मेदार नागरिक को ही ड्राइविंग लाइसेंस के लिए योग्य माना जाता है. लेकिन इन दिनों लर्निंग लाइसेंस की प्रक्रिया प्रदेश में मजाक बनती जा रही है. लर्निंग लाइसेंस के किए ऑनलाइन टेस्ट डमी आवेदक दे रहे हैं इसके बदले आवेदक से पैसा भी वसूला जा रहा है. दरअसल, सड़क परिवहन और राजमार्ग मन्त्रालय ने वाहन संबंधी सुविधाओं को ऑनलाइन कर दिया है. लेकिन लर्निंग लाइसेंस में बड़ी गड़बड़ी सामने आ रही हैं. ई-मित्रों केन्द्रों और कुछ ड्राइविंग स्कूलों पर अब बिना आवेदक के जाए ही लर्निंग लाइसेंस बनाए जा रहे हैं. आवेदक घर से आवेदन करने के बजाय संचालक को कॉल करके ही लर्निंग लाइसेंस बनवा रहे हैं. आवेदक की बजाय ई-मित्र पत्र पर कोई और टेस्ट दे रहा है. आवेदन को लर्निंग लाइसेंस बनाकर मोबाइल पर ही दिया जा रहा है. पूर्व में जब लर्निंग लाइसेंस ऑनलाइन की जगह ऑफलाइन बनता था तो आवेदक को परिवहन कार्यालय जाना पड़ता था.
ऑनलाइन से पहले ऑफलाइन लर्निंग लाइसेंस बनाए जाते थे. मोटर व्हीकल एक्ट नियम 11 के अनुसार आवेदक को टेस्ट देने के लिए आरटीओ ऑफिस आना पड़ता था. इस टेस्ट में 20 प्रश्न पूछे जाते थे. इसमें से 12 प्रश्न के जबाव देने पर ही आवेदक को उत्तीर्ण माना जाता था और लर्निंग लाइसेंस दिया जाता था. टेस्ट में सुरक्षित ड्राइविंग, यातायात नियमों, यातायात चिन्ह के बारे में पूछा जाता ,,सड़क परिवहन और राजमार्ग मन्त्रालय की ओर से लर्निंग लाइसेंस की सेवा को ऑनलाइन कर दिया. इसका उद्देश्य यह था कि आवेदक घर से ऑनलाइन टेस्ट देकर लाइसेंस हासिल कर सके. लेकिन इसमें भी खेल शुरू कर दिया. आवेदक ई-मित्र केन्द्रों और ड्राइविंग स्कूलों से लर्निंग लाइसेंस बनवा रहे हैं. आवेदक की जगह सेंटर पर बैठने वाला टेस्ट देकर लर्निंग लाइसेंस हासिल कर रहा है. इसके अलावा आवेदकों के लिए 10 मिनट का वीडियो अनिवार्य है. यह वडियो भी ई-मित्र और ड्राइविंग स्कूल वाले ही आवेदक के एप्लीकेशन नंबर डालकर वीडियो चलाकर छोड़ रहे हैं और पूरा होने पर लर्निंग लाइसेंस बनाकर भेज देते हैं.