लोकसभा चुनाव का रण-2024, कांग्रेस का टिकट वितरण और सोशल इंजीनियरिंग, जाटों को सर्वाधिक 6 टिकट दिए

जयपुरः कांग्रेस के लोकसभा चुनाव के टिकट वितरण में इस बार ओबीसी वर्ग का दबदबा देखने को मिला. कांग्रेस ने 6 जाट सहित 12 ओबीसी चेहरे मैदान में उतारे हैं. वहीं दो जगह गठबंधन में अमराराम और हनुमान बेनीवाल को टिकट दिए गए हैं. ऐसे में 24 सीटों में से 14 प्रत्याशी इस बार ओबीसी वर्ग से खड़े किए गए है. लेकिन इस बार कांग्रेस ने एक भी ब्राह्मण और मुस्लिम चेहरे को टिकट नहीं दिया है जिससे कांग्रेस के जातिगत समीकरण थोड़े गड़बड़ा सकते हैं. देखिए हमारी यह खास रिपोर्ट.

कांग्रेस ने राजस्थान में 25 लोकसभा में से 24 सीटों पर उम्मीदवारों का फैसला कर दिया है. कांग्रेस ने इस बार टिकट वितरण में ओबीसी वर्ग को खास तवज्जो दी है. करीब 14 सीटों पर कांग्रेस और गठबंधन के तहत ओबीसी समुदाय के चेहरे मैदान में उतारे गए हैं. 

जाटों को सर्वाधिक 6 टिकट दिए
नागौर और सीकर दोनों जगह गठबंधन प्रत्याशी भी जाट है
गुर्जर और राजपूत समाज को दिए दो-दो टिकट
SC वर्ग से 4 प्रत्याशी उतारे मैदान में
ST समुदाय को दिए 3 टिकट
यादव,माली,आंजना पटेल,जैन और रावत को दिया एक-एक टिकट

लेकिन कांग्रेस के इस बार एक भी मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट नहीं देने के फैसले ने सबको चौंकाया है. इससे पहले कांग्रेस हर चुनाव में एक सीट मुस्लिम वर्ग को देती आई है. मुस्लिम वोट कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक है और जानकारों के मुताबिक राजस्थान में 11 फीसदी आबादी मुस्लिमों की है. विधायक रफीक खान का कहना है कि राज्यसभा चुनाव में मुस्लिम वर्ग को प्रतिनिधित्व दिया जाएगा. यह चुनाव लोकतांत्रिक मूल्यों की बड़ी लड़ाई का है. 

वहीं कांग्रेस ने इस बार ब्राह्मण वर्ग से भी एक प्रत्याशी को लोकसभा चुनाव के रण में नहीं उतारा है. पहले सुनील शर्मा को जयपुर शहर से टिकट दिया था लेकिन विवादों के चलते फिर उन्हें बदल दिया गया. ऐसे में ब्राह्मण वोट बैंक की नाराजगी का खतरा कांग्रेस के लिए पैदा हो सकता है. राजस्थान में करीब दस फीसदी आबादी ब्राह्मणों की बताई जाती है. कईं ब्राह्मण संगठनों ने इसका विरोध भी शुरू कर दिया है. वहीं प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा  कि कांग्रेस पार्टी 36 कौमों को साथ लेकर चलती है. हमारी पार्टी ने हरिदेव जोशी को राजस्थान का सीएम बनाया और हमारे नेता राहुल गांधी कौन है?

कांग्रेस ने इस बार लोकसभा चुनाव में खाता खोलने के लिए जातिगत समीकरणों के बजाय कह सकते है सियासी समीकऱणों पर ज्यादा फोकस किया है. वोटों का ध्रुवीकरण नहीं हो इसके लिए एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं देने की रणनीति अपनाई. लेकिन जयपुर शहर से शर्मा की टिकट वापस होने से कांग्रेस की प्लानिंग को थोड़ा धक्का जरुर पहुंचा है.