जयपुरः प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल में भले ही निशुल्क इलाज के दावे किए जा रहे हो, लेकिन यहां प्रशासन के कुप्रबन्धन के चलते मरीजों को सर्द मौसम में कम्बल भी किराए पर लाने पड़ रहे है. जी हां ये कोई हमारा आरोप नहीं, बल्कि खुद चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीश कुमार के औचक निरीक्षण की बानगी है. देर रात करीब चार घंटे तक अम्बरीश कुमार ने SMS समेत अन्य अस्पतालों का जायजा लिया. इस दौरान इमरजेंसी से लेकर वार्डो में व्याप्त खामियों को लेकर उन्होंने प्रशासनिक पद पर बैठे चिकित्सकों की जमकर क्लास लगाई.
मरीजों की पीड़ा को लेकर आएदिन सामने आ रही खबरों की हकीकत जानने चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीश कुमार ने कल देर रात एसएमएस अस्पताल, ट्रोमा सेंटर, जनाना अस्पताल एवं गणगौरी अस्पताल का निरीक्षण किया. एसएमएस अस्पताल में सबसे पहले वे इमरजेंसी पहुंचे, जहां अव्यवस्थाओं का अम्बार देखकर काफी नाराज हुए. इमरजेंसी में हालात ये रहे कि ना तो गंभीर मरीजों को अंदर लाने के लिए पर्याप्त ट्रोलियां थी और न ही कोई सीनियर चिकित्सक, दो-तीन रेजिडेंट और मेडिकल ऑफिसर के भरोसे इमरजेंसी में काम चलाया जा रहा था. जिस पर उन्होंने गहरी नाराजगी जाहिर की.
आम आदमी बनकर एसएमएस पहुंचे चिकित्सा शिक्षा सचिव !
चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीश कुमार के औचक निरीक्षण की ग्राउंड रिपोर्ट
चिकित्सा शिक्षा सचिव रात करीब 10.15 बजे बिना किसी सूचना के अचानक पहुंचे SMS
उन्होंने यहां आम आदमी की तरह चिकित्सा सुविधाओं का अवलोकन किया
वे सबसे पहले रजिस्ट्रेशन काउंटर पर पहुंचे और वहां मौजूद स्टाफ से प्रक्रिया को समझा
यहां रोगियों के उपचार की प्रक्रिया,चिकित्सकों एवं अन्य कर्मियों की उपस्थिति की जांच की
इस दौरान आपातकालीन इकाई तक पहुंचाने के लिए ट्रॉलीमैन की कमी पर जताई नाराजगी
शीघ्र ट्रोलीमेन की संख्या बढ़ाने, इमरजेंसी में सीनियर डॉक्टर्स की उपस्थिति सुनिश्चित करने के दिए निर्देश
मुख्य इमरजेंसी में दस मिनट तक "पीसीआर" में पड़ा रहा शव !
प्रदेश के सबसे बड़े SMS अस्पताल के "कुप्रबन्धन" की ग्राउंड रियलिटी
देर रात चार घंटे तक खुद चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीश कुमार ने देखी ये तस्वीरें
करीब दस बजे अचानक औचक निरीक्षण के लिए एसएमएस इमरजेंसी पहुंचे सचिव
तो यहां ना तो मिला कोई सीनियर चिकित्सक और ना ही ट्रोलियों की पुख्ता व्यवस्था
इस दौरान एक "पीसीआर" से इमरजेंसी पहुंचाया गया शव,वो दस मिनट तक खड़ी रही
ना तो किसी ट्रोली मैन ने शव को उतारा और ना ही किसी चिकित्सक ने की सांसे चैक
इमरजेंसी में आधा घंटे के घटनाक्रम को देखकर चिकित्सा शिक्षा सचिव हुए खासे नाराज
उन्होंने नोडल ऑफिसर को लताड़ लगाते हुए कहा कि "कुछ को दर्द महसूस किया करो"
"ये मरीज कितनी उम्मीद लेकर जयपुर आते है, ये क्या अनुभव लेकर जाएंगे अपने घर"
SMS को मेजर "ट्रीटमेंट" की दरकार !
प्रदेश के सबसे बड़े SMS अस्पताल के "कुप्रबन्धन" की ग्राउंड रियलिटी
देर रात चार घंटे तक खुद चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीश कुमार ने देखी ये तस्वीरें
करीब 11 बजे अचानक औचक निरीक्षण के लिए एसएमएस ट्रोमा सेन्टर पहुंचे सचिव
यहां ट्रोमा इमरजेंसी के बाद जैसे ही अम्बरीश कुमार ने प्लास्टर रूप का लिया जायजा
तो यहां बगैर चिकित्सक की मौजूदगी के मरीज का वार्ड बॉय करता मिला प्लास्टर
सचिव ने जब वार्ड बॉय से पूछा तो उसने कहा कि मुझे ही दे रखी है प्लास्टर की जिम्मेदारी
यह सुनकर एकबारगी सचिव अम्बरीश कुमार हुए आहत और इमरजेंसी में जाकर बैठ गए
फिर उन्होंने अधीक्षक समेत सभी चिकित्सकों को बुलाकर लगाई लताड़, पूछें कई सवाल
सचिव की नाराजगी देख कोई भी जिम्मेदार चिकित्सक नहीं दे पाया इस कुप्रबन्धन पर जवाब
एसएमएस के बाद करीब एक बजे चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीश कुमार जनाना अस्पताल पहुंचे. एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी, चिकित्सा शिक्षा विभाग के अतिरिक्त निदेशक नरेश गोयल, अतिरिक्त अधीक्षक डॉ. प्रदीप शर्मा की मौजूदगी में उन्होंने अस्पताल में ओटी, लेबर रूम, जनरल वार्ड, स्टोर रूम का जायजा लिया.
चिकित्सा सचिव करते रहे दौरा, अस्पताल की मुखिया बेखबर !
देर रात चार घंटे तक चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीश कुमार के निरीक्षण से जुड़ी खबर
SMS मेडिकल कॉलेज से अटैच जनाना अस्पताल में जांच को पहुंचे चिकित्सा शिक्षा सचिव
तो वहां इमरजेंसी में अन्दर की तरफ से लटका मिला ताला, एक भी सीनियर डॉक्टर नहीं मौजूद
अस्पताल में सीनियर रेजीडेंट और एक नर्सिंग स्टॉफ ने कराया चिकित्सा शिक्षा सचिव को दौरा
एक घंटे तक सचिव ने किया दौरा, लेकिन अधीक्षक डॉ कुसुमलता मीणा नहीं पहुंची अस्पताल
अस्पताल में जगह जगह गंदगी और बिजली के खुले तारों पर नहीं मिला कोई जवाब देने वाला
इसके बाद चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीश कुमार ने गणगौरी अस्पताल का किया निरीक्षण
हालांकि, गणगौरी अस्पताल में दूसरे अस्पतालों की तुलना में व्यवस्थाएं दिखी कुछ ठीक
लेकिन यहां मुख्य बिल्डिंग की दीवारों में उग रहे पौधों को लेकर सचिव ने जताई नाराजगी
उन्होंने कहा कि जिम्मेदार अधिकारी जरा भी ध्यान दे तो ऐसी स्थितियां देखने को नहीं मिले
उन्होंने सभी अधिकारियों को अगले दस दिन में व्यवस्थाएं सुधारने के दिए निर्देश